आजमगढ़ के मुख्य गन्ना अधिकारी  राधेश्याम पासवान तत्काल प्रभाव से निलम्बित



लखनऊःप्रबन्ध निदेशक , उ . प्र . सहकारी चीनी मिल संघ , लि . ने बताया कि राधेश्याम पासवान , मुख्य गन्ना अधिकारी , सहकारी चीनी मिल , सठियॉव - आजमगढ़ को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है । सठियांव चीनी मिल में भ्रष्टाचार के सम्बंध में प्राप्त आडियो क्लिप में प्रभारी प्रधान प्रबन्धक , प्रभारी मुख्य गन्ना अधिकारी एवं आनन्द त्रिपाठी , गन्ना क्रय केन्द्र प्रभारी के वार्तालाप की वाइस रिकॉर्डिंग है , जिसमें गन्ना क्रय केन्द्रों के संचालन एवं परिवहन के बदले पैसो के लेन - देन की चर्चा हो रही है , जो कदाचरण का गम्भीर प्रकरण है । मुख्य गन्ना विकास सलाहकार द्वारा दिनांक 25 . 12 . 2019 को चीनी मिल , सठियांव का भ्रमण किया गया । भ्रमण रिपोर्ट दिनांक 03 . 01 . 2020 के अनुसार राधेश्याम पासवान , प्रभारी मुख्य गन्ना अधिकारी गन्ना प्रबन्धन एवं विपणन संबंधी कार्यों के प्रति पूर्ण रूपेण उदासीन हैं , विभागीय कार्यों में कोई रूचि नहीं है , परिणाम स्वरूप क्रय केन्द्रों पर 02 से 40 दिन ओवरडेटेड समिति पर्चियों पर स्टेल व बासी व आंशिक सूखे गन्ने की खरीद की जा रही है । क्रय केन्द्रों पर गन्ने की उठान बेहद असंतोषजनक है । कय केन्द्रों पर कृषकों को गन्ना की तौल कराने में 02 से 06 दिन का समय लग रहा है , जिसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं ठहराया जा सकता है । गन्ने के खराब उठान के कारण चीनी मिल को स्टेल केन की आपूर्ति हो रही है । कय केन्द्रों पर बिना समिति पर्ची की 11 से 39 ट्राली ( गन्ने से भरी ) अवैध रूप से खड़ी पायी गयीं ।  पासवान द्वारा गन्ने की क्वालिटी चैकिंग पर भी लेशमात्र ध्यान नहीं दिया गया , परिणाम स्वरूप चीनी मिल को बासी व स्टेल व आंशिक सूखे गन्ने की आपूर्ति हुई , जिसके कारण चीनी परता में काफी गिरावट आयी । चीनी मिल , सठियांव में समस्त कय केन्द्रों से गन्ने की उठान प्रभावी ढंग से करने एवं एडवांस गन्ने पर प्रभावी रोक लगाने के संबंध में संघ द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजद भी कय केन्द्रों पर अधिक बैलेन्स गन्ना होने एवं एडवांस गन्ना खरीद के संबंध में स्पष्टीकरण देने हेतु  पासवान को निर्देशित किया गया था , किन्तु उक्त संबंध में  पासवान का कोई स्पष्टीकरण संघ को प्राप्त नहीं हुआ । उक्त के अतिरिक्त चीनी मिल , सठियांव में अगेती पेड़ी के गन्ना क्षेत्रफल में अप्रत्याशित रूप से कमी आने के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा गया । इस संबंध में भी  पासवान द्वारा स्पष्टीकरण नहीं दिया गया , जो अनुशासनहीनता का द्योतक है । इसके अतिरिक्त जिला गन्ना अधिकारी , आजमगढ़ ने कतिपय कृषकों के सट्टे की जांच संबंधी रिपोर्ट संघ को प्रेषित की गयी , जिसमें सभी सट्टों में कुल कृषि योग्य भूमि एवं गन्ना क्षेत्रफल को अनियमित रूप से काफी बढ़ा - चढ़ाकर दर्शाने एवं संबंधित कृषकों को अनियमित गन्ना आपूर्ति की सुविधा प्रदान करने के संबंध में  राधेश्याम पासवान की संलिप्तता को उल्लिखित किया गया है । सठियांव द्वारा विगत पेराई सत्र में प्राप्त ' टूडेट चीनी परता ' 9 . 21 प्रतिशत के सापेक्ष वर्तमान पेराई सत्र में टूडेट चीनी परता 8 . 10 प्रतिशत प्राप्त हुआ है , जबकि संघ स्तर पर नियमित रूप से की जाने वाली विडियो कान्फेन्सिग में लगातार निर्देशों के उपरान्त भी चीनी मिल के गन्ना प्रबन्धन में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ । उपरोक्त से  राधेश्याम पासवान , प्रथम दृष्टया उप मुख्य गन्ना अधिकारी व प्रभारी मुख्य गन्ना अधिकारी की स्वेच्छाचारिता , अनुशासनहीनता , कदाचरण , कार्यों के प्रति उदासीनता एवं स्पष्ट रूप से प्रशासनिक अक्षमता परिलक्षित है , जो कि संघ के अधिकारियों व कर्मचारियों पर लागू सेवाविनियमावली - 1988 ( यथा संशोधित ) के नियमो के विरूद्ध है । अतः  राधेश्याम पासवान , उप मुख्य गन्ना अधिकारी व प्रभारी मुख्य गन्ना अधिकारी , सहकारी चीनी मिल , सठियांव को संघ की सेवा विनियमावली - 1988 ( यथासंशोधित ) के प्राविधानों के अंर्तगत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए प्रकरण की जांच हेतु शेर बहादुर , प्रधान प्रबन्धक , सहकारी चीनी मिल , तिलहर को जांच अधिकारी नामित किया गया है , जो एक माह में अपनी जॉच आख्या प्रस्तुत करेगें ।