चुनाव अभियान सबसे गंदे दौर में

चुनाव अभियान सबसे गंदे दौर में


 



चुनाव अभियान का अंतिम दौर शुरू हो चुका है, क्योंकि अंतिम दौर के मतदान के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सूची निर्वाचन पदाधिकारियों ने जारी कर दी है। यह दौर चुनाव प्रचार का सबसे गंदा दौर साबित हो रहा है और कीचड़ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तक पहुंच गई है, जो अब इस दुनिया में हैं ही नहीं। वैसे भारतीय जनता पार्टी और खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेहरू, इन्दिरा और राजीव गांधी पर राजनैतिक हमले करते रहे हैं। वे नेहरू को आज की सारी समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराना अपना प्रिय शगल मानते हैं, लेकिन राजीव गांधी की आलोचना करने में तो उन्होंने सारी सीमाएं तोड़ डालीं और राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कह डाला कि आपके पिताजी को उनके चमचे मिस्टर क्लीन कहा करते थे, लेकिन वे भ्रष्टाचारी नंबर एक के रूप में मौत को प्राप्त हुए प्रधानमंत्री ने यह बयान बौखलाहट में आकर दिया, क्योंकि राहुल गांधी ने इस चुनाव का मुख्य नारा चौकीदार चोर है बना डाला है। नरेन्द्र मोदी खुद को चौकीदार कहा करते थे और अब भी कहते हैं और राहुल गांधी के नारे का चौकीदार नरेन्द्र मोदी ही हैं। इस आक्रमण का जवाब आक्रमण से देते हुए नरेन्द्र मोदी ने मैं हूं चौकीदार्य अभियान चलाया। उनकी पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ताओं ने भी अपने नाम के आगे चौकीदार लिखना शुरू कर दिया। लेकिन राहुल गांधी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और वे अपनी सभी सभाओं में चौकीदार चोर है का नारा लगवाते रहे इस नारे के द्वारा राहुल गांधी राफेल सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार के मसले को जिंदा रखने में सफल हुए हैं और जैसा उन्होंने खुद कहा कि इसके द्वारा वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करना चाहते हैं, क्योंकि उनकी छवि एक ऐसा राजनेता की बनी हुई है, जिसका कोई परिवार ही नहीं है और इसलिए वह भ्रष्ट नहीं हो सकता। यह आम को तार्किक परिणति तक पहुंचाने में मोदी सरकार ने धारणा है कि परिवार ही व्यक्ति को भ्रष्ट बनाता है और कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। घोटालेबाजों को दंड देने परिवार के दबाव में ही व्यक्ति भ्रष्टाचारी बनता है। और भ्रष्टाचार को रोकने की मंशा के साथ ही लोगों ने 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले नरेन्द्र मोदी को मोदी के नाम पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों अपनी इसी छवि का लाभ हुआ था। उनका एक नारा को विशाल बहुमत दिया था। मोदी को अपार ताकत था, बहुत हुआ है अब भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी मिली थी, लेकिन मोदी ने व्यवस्था की सफई की जगह सरकार। लोगों को इस नारे ने अपील किया और नरेन्द्र सड़क की सफई के लिए हाथ में झाडू उठा लिया जाहिर मोदी के नेतृत्व में भाजपा पहली बार अपने ही दम पर है, भ्रष्टाचार से लड़ने वाले एक योद्धा के रूप में मोदी पूर्ण सत्ता में आ गई। लेकिन भ्रष्टाचार के मोर्चे पर नरेन्द्र ने अपनी छवि खुद समाप्त कर दी। लालू को भी जो मोदी ने लोगों को निराश किया। मनमोहन सिंह के सजा मिल रही है, वह मोदी के कारण नहीं, बल्कि दूसरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार के एक से बढ़कर एक सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के कारण मिल रही है, मामले सामने आए थे। राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले से जिसमें ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने की समय सीमा लेकर 2 जी घोटाले तक मैं हजारों-लाखों करोड़ की तय कर दी गई थी। मोदी सरकार के लिए सबसे ज्यादा राशि शामिल थी। कोयला घोटाला भी एक बहुत बड़ा शर्मनाक बात यह है कि 2 जी घोटाले के सारे आरोपी घोटाला था। राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले में तो दर्जनों छूट गए। फैसला सुनाते हुए अदालत ने मोदी सरकार घोटाले शामिल थे। चिदंबरम मारन, ए. राजा, की सीबीआई पर आरोप लगाया कि वह एजेंसी सजा कनिमोझी, शाहिद बलवा, अनिल अंबानी और एक से दिलाने के लिए मुकदमा लड़ ही नहीं रही थी। उस एक बड़े नाम घोटाले में शामिल थे। मुलायम सिंह और मुकदमे में एक अभियुक्त अनिल अंबानी भी थे और मायावती पर भी घोटाले की आरोप लग रहे थे। उसी वही अनिल अंबानी राफेल सौदे का लाभान्वित मुलायम का तो पूरा परिवार ही घोटाले के आरोपों का व्यक्ति के रूप में राहुल गांधी द्वारा प्रचारित किए जा रहे सामना कर रहा था। लेकिन किसी भी घोटाले की जांच हैं। इसलिए सवाल यह भी उठता है कि क्या सीबीआई ने अनिल अंबानी को बचाने के चक्कर में 2 जी घोटाले में शामिल सारे अभियुक्तों को अदालती कार्रवाई में चुनाव अभियान का अंतिम दौर शुरू हो चुका है, सुस्ती दिखाकर बरी करवा दिया?कारण चाहे जो भी क्योंकि अंतिम दौर के मतदान के लिए उम्मीदवारों की हो, 2 जी के सारे अभियुक्त छूट गए हैं। इससे मोदी अंतिम सूची निर्वाचन पदाधिकारियों ने जारी कर दी है। सरकार की छवि खराब हुई है और जिन लोगों ने 2014 यह दौर चुनाव प्रचार का सबसे गंदा दौर साबित हो रहा में उन्हें वोट दिए थे, उनके एक तबके को लग रहा हैऔर कीचड़ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तक पहुंच कि मोदीजी के कारण ही भ्रष्टाचारी छूटते जा रहे गई है, जो अब इस दुनिया में हैं ही नहीं। वैसे भारतीय हैं ।मोदीजी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ तो कुछ किया नहीं, जनता पार्टी और खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेहरू, लेकिन विधानसभा के चुनावों में इस मसले को उठाते इन्दिरा और राजीव गांधी पर राजनैतिक हमले करते रहे रहेअपने विरोधियों को भ्रष्ट कहते रहे और चुनाव भी । वे नेहरू को आज की सारी समस्याओं के लिए जीतते रहे। राहुल गांधी ने राफेल के मसले के द्वारा जिम्मेदार ठहराना अपना प्रिय शगल मानते हैं, लेकिन मोदी के इस यूएसपी को ही समाप्त कर दिया है। राजीव गांधी की आलोचना करने में तो उन्होंने सारी नहीं है और इसलिए वह भ्रष्ट नहीं हो सकता। यह आम को तार्किक परिणति तक पहुंचाने में मोदी सरकार ने मोदीजी भ्रष्टाचार के प्रति नरम हैं, यह तो लोगों को पता सीमाएं तोड़ डालीं और राहुल गांधी को संबोधित करते धारणा है कि परिवार ही व्यक्ति को भ्रष्ट बनाता है और कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। घोटालेबाजों को दंड देने चल गया, राहुल गांधी ने यह भी बताना शुरू कर दिया हुए कह डाला कि आपके पिताजी को उनके चमचे परिवार के दबाव में ही व्यक्ति भ्रष्टाचारी बनता है। और भ्रष्टाचार को रोकने की मंशा के साथ ही लोगों ने कि मोदीजी भ्रष्ट भी हैं। अपना परिवार नहीं हुआ, तो मिस्टर क्लीन कहा करते थे, लेकिन वे भ्रष्टाचारी नंबर 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले नरेन्द्र मोदी को मोदी के नाम पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों क्या हुआ वे अपने दोस्त अनिल अंबानी के लिए एक के रूप में मौत को प्राप्त हुए प्रधानमंत्री ने यह अपनी इसी छवि का लाभ हुआ था। उनका एक नारा को विशाल बहुमत दिया था। मोदी को अपार ताकत भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसा कोई दिन नहीं गया होगा, बयान बौखलाहट में आकर दिया, क्योंकि राहुल गांधी था, बहुत हुआ है अब भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी मिली थी, लेकिन मोदी ने व्यवस्था की सफई की जगह जिसमें राहुल ने चौकीदार चोर हैश् का नारा नहीं लगाया ने इस चुनाव का मुख्य नारा चौकीदार चोर है बना सरकार। लोगों को इस नारे ने अपील किया और नरेन्द्र सड़क की सफई के लिए हाथ में झाडू उठा लिया जाहिर होगा। आक्रमण के खिलाफ आक्रामकता दिखाना डाला है। नरेन्द्र मोदी खुद को चौकीदार कहा करते थे मोदी के नेतृत्व में भाजपा पहली बार अपने ही दम पर है, भ्रष्टाचार से लड़ने वाले एक योद्धा के रूप में मोदी भारतीय जनता पार्टी की पुरानी रणनीति रही हैइसी और अब भी कहते हैं और राहुल गांधी के नारे का पूर्ण सत्ता में आ गई। लेकिन भ्रष्टाचार के मोर्चे पर नरेन्द्र ने अपनी छवि खुद समाप्त कर दी। लालू को भी जो रणनीति के तहत नरेन्द्र मोदी ने राहुल के पिता राजीव चौकीदार नरेन्द्र मोदी ही हैं। इस आक्रमण का जवाब मोदी ने लोगों को निराश किया। मनमोहन सिंह के सजा मिल रही है, वह मोदी के कारण नहीं, बल्कि गांधी पर भी हमला कर डाला, जिससे बचा जा सकता आक्रमण से देते हुए नरेन्द्र मोदी ने मैं हूं चौकीदार्य दूसरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार के एक से बढ़कर एक सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के कारण मिल रही है, था। राहुल राफेल मामले में मोदी पर आरोप लगा रहे अभियान चलाया। उनकी पार्टी के अन्य नेता और मामले सामने आए थे। राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले से जिसमें ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने की समय सीमा हैंनरेन्द्र मोदी राजीव गांधी को बीच में लाकर बोफेर्स कार्यकर्ताओं ने भी अपने नाम के आगे चौकीदार लेकर 2 जी घोटाले तक मैं हजारों-लाखों करोड़ की तय कर दी गई थी। मोदी सरकार के लिए सबसे ज्यादा का मुद्दा उठा रहे हैं ।बोफर्स का मुद्दा 1989 से 2004 तक लिखना शुरू कर दिया। लेकिन राहुल गांधी पर इसका राशि शामिल थी। कोयला घोटाला भी एक बहुत बड़ा शर्मनाक बात यह है कि 2 जी घोटाले के सारे आरोपी चुनावों समय उठाए जाते रहे और इसके द्वारा चुनाव भी कोई असर नहीं पड़ा और वे अपनी सभी सभाओं में घोटाला था। राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले में तो दर्जनों छूट गए। फैसला सुनाते हुए अदालत ने मोदी सरकार जीते गए, लेकिन उसमें किसी को सजा नहीं हुई। चौकीदार चोर है का नारा लगवाते रहे इस नारे के द्वारा घोटाले शामिल थे। चिदंबरम मारन, ए. राजा, की सीबीआई पर आरोप लगाया कि वह एजेंसी सजा राजीव गांधी की मौत हो जाने के कारण अदालत ने राहुल गांधी राफेल सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार के कनिमोझी, शाहिद बलवा, अनिल अंबानी और एक से दिलाने के लिए मुकदमा लड़ ही नहीं रही थी। उस उनका नाम आरोपियों की सूची से बाहर कर दिया थामसले को जिंदा रखने में सफल हुए हैं और जैसा उन्होंने एक बड़े नाम घोटाले में शामिल थे। मुलायम सिंह और मुकदमे में एक अभियुक्त अनिल अंबानी भी थे और अब उनका नाम राफेल सौदे में राहुल के हमले के खुद कहा कि इसके द्वारा वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मायावती पर भी घोटाले की आरोप लग रहे थे। उसी वही अनिल अंबानी राफेल सौदे का लाभान्वित खिलाफढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है और छवि खराब करना चाहते हैं, क्योंकि उनकी छवि एक मुलायम का तो पूरा परिवार ही घोटाले के आरोपों का व्यक्ति के रूप में राहुल गांधी द्वारा प्रचारित किए जा रहे इसके साथ ही चुनाव अभियान अपने सबसे गंदे दौर में ऐसा राजनेता की बनी हुई है, जिसका कोई परिवार ही सामना कर रहा था। लेकिन किसी भी घोटाले की जांच हैं। इसलिए सवाल यह भी उठता है कि क्या सीबीआई प्रवेश कर चुका है।