मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 का शुभारम्भ

 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 का शुभारम्भ



लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 सेवा का आरम्भ की तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लोगो का अनावरण भी किया गया। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लिए 500 सीटों (जिसकी क्षमता 1000 सीट तक बढ़ाई जा सकती है) के एक कॉल सेन्टर की स्थापना पॉचवें तथा छठवें तल, साइबर टॉवर, विभूति खण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ में की गई है तथा यह कॉल सेन्टर 24 x 7  नागरिकों की कॉल्स प्राप्त करने के लिए पूर्ण सुसज्जित है. जिसकी प्रतिदिन 80,000 इनबाउण्ड कॉल्स तथा 55,000 आउटबाउण्ड कॉल्स की क्षमता है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कॉल सेन्टर का संचालन कार्यदायी संस्था के रूप में मे. नेटवर्क टैकलेब (आई.) प्रा. लि., मुम्बई एवं मे. श्योरविन बीपीओ सर्विसेज लि., भोपाल (कन्सॉर्शियम) ने  किया है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के नागरिक टोल-फ्री नम्बर 1076 पर डायल कर एक कॉल से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। सूचना का अधिकार, न्यायाधीन मामलों, अन्य राज्यों व  केन्द्रीय सरकार के विरुद्ध परिवाद तथा राज्य कर्मचारियों के सेवा सम्बन्धी मामले कॉल सेन्टर द्वारा व्यवहृत नहीं किये जायेंगे। कॉल सेन्टर को राज्य की सभी आकस्मिक प्रणालियों यथा डायल 100, 102, 108 इत्यादि से एकीकृत किया गया है।


कैसे करेगी कार्य 


मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कॉल सेन्टर पर टोल-फ्री नम्बर 1076 डायल करके शिकायत होने के पश्चात, शिकायत तत्काल ही मख्यमंत्री हेल्पलाइन प्रणाली में निर्दिष्ट सम्बन्धित विभाग व जनपद के सम्बन्धित प्रथम (एल-1) स्तर के अधिकारी को अग्रसारित हो जाती है। एल-1 स्तर के अधिकारी  शिकायत का निवारण समयबद्ध रूप से करते हैं । एल-1 स्तर के अधिकारी के  शिकायत का निस्तारण कर अपनी आख्या प्रस्तुत करने पर कॉल सेन्टर से कॉल कर शिकायतकर्ता से फीडबैक लिया जाता है तथा असंतुष्टि की दशा में पुनः प्रथम स्तरीय अधिकारी को समीक्षा के लिए प्रस्तुत होती है। असंतुष्टि की पुनरावृत्ति पर शिकायत अगले स्तर के अधिकारी को अग्रसारित हो जाती है। हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतें बैकएण्ड पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन.आई.सी.) के  विकसित एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आई.जी.आर.एस.) पर पंजीकृत होती हैं। शिकायतों की स्थिति ज्ञात करने के लिए विभागों एवं जनपद के लेविल पर डैशबोर्ड तथा रिपोर्टिग की व्यवस्था दी गई है।


 


 


इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने समस्याओं के संतुष्टिपरक समाधान के लिए इस बात पर बल दिया गया कि समस्त अधिकारी वर्ग आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए और अधिक संवेदनशील बनें। ऐसी व्यवस्था बनायी जाये जिससे समस्याओं का संतुष्टिपरक समाधान प्रथम स्तर पर ही हो सके। इसके लिए समस्त प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों, जिलाधिकारियों को प्रभावी अनुश्रवण करना होगा। यदि किसी विभाग में एक ही प्रकार की समस्यायें लगातार पूरे प्रदेश से प्राप्त हो रही हैं तो कदाचित विभागीय व्यवस्था, नियमों इत्यादि में बदलाव की आवश्यकता है इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिये।


 


उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के उद्देश्य से अवगत कराते हुए बतया कि जन शिकायतों के निवारण हेतु यह हेल्पलाइन न केवल एक त्वरित माध्यम सिद्ध होगी, अपितु इससे राज्य के युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि काल सेन्टर के माध्यम से नागरिक, सरकार की  संचालित योजनाओं के बारे में अधिक जागरूक होंगे और उनसे सम्बन्धित लाभ उठा सकते हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश ने सावधिक आधार पर शिकायतों के निवारण के अनुश्रवण पर बल दिया और विभागीय प्रमुखों तथा जिलाधिकारियों को उनके विभाग व  जनपदों में  किये गये शिकायत निवारण कार्य पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखने का आग्रह किया गया।


 


उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, मोहसिन रज़ा, राज्यमंत्री सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स, आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग उत्तर प्रदेश शासन तथा कुमार प्रशान्त, प्रबन्ध निदेशक, यूपीडेस्को भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


 


 


 


 


 


 


मुख्यमन्त्री हेल्पलाइन की मुख्य बातें :-



  • प्रदेश सरकार के लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017 में निर्धारित संकल्प के समादर में प्रदेश के जन-सामान्य की शिकायतों आदि का समेकित रूप में पंजीकरण कर उनका त्वरित निस्तारण किये जाने के उद्देश्य से राज्य में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की स्थापना एवं संचालन हेतु कॉल सेन्टर एजेन्सी के रूप में M/s Network Techlab(I) Pvt. Ltd. एवं M/s Surevin BPO Services Ltd. (Consortium) का खुली ई-निविदा से चयन कर अनुबन्धित किया गया।

  • संस्था द्वारा पंचम एवं षष्ठम तल, साइबर टॉवर, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ में 500 सीटों (1000 सीटों तक बढ़ाये जाने के प्राविधान के साथ) के एक इनबाउण्ड-आउटबाउण्ड कॉल सेन्टर की - स्थापना कर संचालित किया गया है।

  • आमजन द्वारा टोल-फ्री नम्बर 1076 डायल कर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में अपनी शिकायतें पंजीकृत किये जाने की व्यवस्था है।

  • शिकायत श्रेणीवार विभागों द्वारा लेवल-1 (एल-1) से लेवल-4 (एल-4) स्तर के अधिकारियों की मैपिंग करायी गई है जिनके पास शिकायतें अग्रसारित होकर उनके निस्तारण की कार्यवाही सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों व कर्मियों द्वारा किये जाने की व्यवस्था है।

  • पंजीकृत शिकायतें सर्वप्रथम सम्बन्धित विभाग के एल-1 स्तर के अधिकारी को अग्रसारित होने की व्यवस्था है तथा इन शिकायतों के विभाग स्तर से निस्तारण उपरान्त कॉल सेन्टर से शिकायतकर्ता का संतुष्टिपरक फीडबैक प्राप्त करने के उपरान्त ही इन शिकायतों को समाप्त किया जाता है। अन्यथा शिकायत पुनः एल-1 तथा आवश्यकतानुसार एल-2, एल-3 एवं एल-4 स्तर के अधिकारियों के पास निस्तारण हेतु प्रस्तुत की जाती है।

  • शिकायतकर्ता के असंतुष्ट रहने की अवस्था में एल-2, एल-3 एवं एल-4 स्तर के अधिकारियों के पास शिकायत को विशेष स्थिति व कारण के आधार पर समाप्त करने का अधिकार है। यह कॉल सेन्टर आमजन के लिए 24X7 उपलब्ध है जोकि मुख्य रूप में 500 सीटों से दो शिफ्टों में प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक तथा आवश्यकतानुसार 20-50 सीटों से रात्रि 11:00 बजे से प्रातः 7:00 बजे तक संचालित किया जा रहा है।

  • कॉल सेन्टर में प्राप्त होने वाली शिकायतें वर्तमान में संचालित इन्टीग्रेटेड ग्रीवेन्स रिड्रेसल सिस्टम (जन सुनवाई पोर्टल) में पंजीकृत किये जाने की व्यवस्था है।

  • मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में नागरिकों को शिकायतों के निवारण, सूचनाओं को प्राप्त करने, मॉग रखने एवं सुझाव देने की सुविधाओं की उपलब्धता है।

  • न्यायालय, अन्य राज्य सरकारों व केन्द्र सरकार, शासकीय कर्मचारियों की सेवाओं, सूचना का अधिकार अधिनियम आदि से सम्बन्धित मामले मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में व्यवहृत नहीं किये जाने का निर्धारण है।

  • मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में मुख्यमंत्री एवं अन्य अधिकारियों के लिए उपलब्ध डैशबोर्ड से सभी विभागों व जनपदों की परफार्मेन्स का मूल्यांकन किया जा सकने का प्राविधान है