महात्मा गांधी और कांग्रेस नेताओं ने जो कहा, हमारी सरकार ने पूरा कियाः राकेश सिंह                

 


भोपाल। महात्मा गांधी ने विभाजन के समय यह कहा था कि जो हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक पाकिस्तान में रह गए हैं, वे यदि भारत आना चाहें, तो आ सकते हैं। उनके जीवनयापन और सुरक्षा का दायित्व भारत सरकार का होगा। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष पट्टाभि सीतारमैया, कृपलानी जी, पं. जवाहरलाल नेहरू, यूपीए सरकार के विदेश राज्यमंत्री ई अहमद, श्रीप्रकाश जायसवाल और एस.एम.कृष्णा तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की स्थिति बताते हुए इस कानून की आवश्यकता जताते रहे हैं। लेकिन ये बातें थीं और बातें ही रहीं, इसे अमल में लाने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया है। बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हमारे नेताओं ने वो काम कर दिखाया है, जिसके हम सपने देखा करते थे।  सिंह ने कहा कि नेतृत्व ने फैसला कर दिया, अब उसे जनता के बीच ले जाना हमारी जिम्मेदारी है और जब आप जनता को सच्चाई बताएंगे, तो झूठी तख्तियां लेकर सड़कों पर विरोध करने वाले लोग अपने आप गायब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती देती है कि वे पाकिस्तान से आई मासूम बेटियों की पुकार सुनें और फिर यह कहकर बताएं कि हम इन्हें नागरिकता नहीं मिलने देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों में अपने ही नेताओं की बातों को स्वीकारने का साहस नहीं है।


              नागरिकता संशोधन कानून के बारे में विपक्षी दल देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। वोटों की राजनीति के लिए वे जानबूझकर भ्रम फैला रहे हैं। हमें इस कानून की सच्चाई को जनता के सामने लाकर इस भ्रम को दूर करना है। यह एक वैचारिक युद्ध है और हमें पूरी तैयारी के साथ मैदान में आकर इस लड़ाई को जीतना ही है। यह आह्वान गुरुवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित नागरिकता संशोधन कानून पर जन जागरण अभियान की बैठक में वक्ताओं ने किया। बैठक के दौरान अभियान की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। 


सीएए को लागू नहीं करना संविधान का अपमान : शिवराजसिंह चौहान


                पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि सीएए पर कांग्रेस देश में झूठ परोस कर हिंसा भडकाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के झूठ को जनजागरण अभियान के माध्यम से जनता तक सच पहुंचाया जायेगा। देश के सभी जिलों में सामाजिक और अलग - अलग तरह के संगठनों के साथ मिलकर रैलियां, मार्च निकाला जायेगा। पूरे प्रदेश में 15 जनवरी तक अलग अलग जिलों में मार्च होंगे। पंचायतों में सभाएं, संगोष्ठियां, डोर टू डोर जनसंपर्क, पत्रक वितरण, बुद्धिजीवी सम्मेलन, संवाद, परिचर्चा भी होगी।  नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने बारंबार सीएए को लेकर स्थिति स्पष्ट कर चुके है यह नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं। भारतीय जनता पार्टी सभी को बराबर मानती है। भारत की संसद ने सारे अधिकार केन्द्र सरकार को दिया है। कमलनाथ ने शपथ खायी थी कि मैं भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा यह उस शपथ का उल्लंघन है। सीएए को लागू नहीं करना संविधान का अपमान है। ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री पद पर रहने लायक नहीं है। हमें जनता के बीच जाकर यह बताना होगा कि नागरिकता संशोधन कानून की पृष्ठभूमि क्या है? जिन्ना की मांग पर देश का विभाजन हुआ, लेकिन इसमें सिर्फ धरती के ही टुकड़े नहीं हुए बल्कि इंसानियत की भी हत्या हुई। पाकिस्तान से आने वाली ट्रेनें अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों और अन्य लोगों की लाशों से पटी हुई आती थीं। अपहरण, लूट, हत्याएं, बलात्कार और अमानवीय अत्याचार हुए। इसके बाद नेहरू-लियाकत समझौता हुआ, जिसमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात हुई। भारत ने तो अपना वादा निभाया, लेकिन पाकिस्तान में जो हिंदू, सिख अल्पसंख्यक उस समय 22 प्रतिशत थे, अब घटकर 2 प्रतिशत से भी कम रह गए हैं। कहां गए बाकी लोग? इनमें से लाखों लोगों का डरा-धमकाकर धर्मांतरण करा दिया गया, लाखों लोगों को मार डाला गया और कुछ भारत आ गए, क्योंकि उनके लिए भारत ही इकलौता सहारा था। चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने तय किया है कि हम इन शरणार्थियों को जीने का हक देंगे और इसी के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमें जनता के बीच जाकर उन्हें ये सच्चाई बताना है। चौहान ने कहा कि जनजागरण अभियान का एक महीना वैचारिक युद्ध का महीना है और हमें इस युद्ध को जीतकर भारतमाता के दूध की लाज रखना है।


अल्पसंख्यकों को डराकर वोटों की राजनीति करती रही है कांग्रेस


     पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने उपस्थित पार्टी पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से कहा कि इस विचार युद्ध में उतरने से पहले यह विचार करें कि जो लोग नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं, उसके पीछे राजनीति क्या है? हमारी सरकार की राष्ट्रनीति क्या है और इस युद्ध में जीत हासिल करने के लिए हमारी रणनीति क्या हो? डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि 1967 तक कांग्रेस को 32 प्रतिशत वोट मिलते थे, जबकि संयुक्त विपक्ष को 25 प्रतिशत वोट मिलते थे। जो 7 प्रतिशत वोट कांग्रेस को अधिक मिलते थे वे उन अल्पसंख्यकों के थे, जिनमें भय पैदा करके कांग्रेस वोटों की राजनीति करती रही है। इसी के चलते कांग्रेस ने असम में घुसपैठ कराई और इसी के चलते बंगाल में ममता बनर्जी घुसपैठियों का समर्थन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें लोगों को यह बताना होगा कि मुस्लिम समुदाय को इस कानून से कोई नुकसान नहीं है, उनके लिए पहले से कानून है। डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि लोगों को यह बताएं कि नागरिकता संशोधन कानून कोई नई बात नहीं है, इसके जरिए मोदी जी की सरकार ने वह वादा पूरा किया है, जो विभाजन के समय नेहरू जी ने पाकिस्तान में रह गए हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी अल्पसंख्यकों से किया था।


देश को दुष्प्रचार से बचाने में अपना योगदान दें 


                केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने बैठक को कहा कि कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून के बारे में लोगों को गुमराह कर रही है, दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि देश को इस दुष्प्रचार से निकालने में अपना योगदान दें। तोमर ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि हम इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून को लोकसभा और राज्यसभा ने पास किया है और यह संविधान में एक संशोधन है। इसलिए कोई भी राज्य इसे लागू करने से इंकार नहीं कर सकता। श्री तोमर ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को न्याय देना हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा रहा है और इसी घोषणा पत्र के आधार पर जनता ने हमें इतना बहुमत दिया है। उन्होंने कहा कि जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ये हमारी सरकार ने यह कठोर निर्णय लिया है।


सच को जनता के सामने लाएं, इससे विश्वास बढ़ेगा


              राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून बनाकर मोदी की सरकार ने जो निर्णय लिया है, उसे जनता के बीच स्वीकार कराना हमारा कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल यह भ्रम फैला रहे हैं कि यह कानून मुस्लिम विरोधी है। ये लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में यह सामर्थ्य नहीं है कि वह जनता के सामने यह कह सके कि यह कानून गलत है, हम इसे खत्म कर देंगे। झा ने कहा कि यह नागरिकता देने की बात है, लेने की नहीं। उन्होंने कहा कि जनता को बताएं कि यह कानून गलत नहीं है, सच को सामने लाएं, इससे लोगों का विश्वास बढ़ेगा।


विरोध करने वाले देशभक्त नहीं 


                नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि लोगों को यह बताएं कि हमारे लिये संविधान सबसे ऊपर है। इसमें संशोधन का अधिकार संसद को ही है। संसद ने ही नागरिकता संशोधन कानून बनाया है यानी देश की जनता ने ही यह कानून बनाया है। ऐसे में जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वे देशभक्त नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि भारत एक उदार देश है और हमारी संस्कृति उदारता की रही है। बात चाहे तिब्बतियों की हो, या बांग्लादेशियों की हमने सहारा दिया है, भले ही इसके लिये हमें युद्ध लड़ना पड़ा हो। उन्होंने कहा कि भारत बेसहारों को सहारा देने वाला देश है, लेकिन सिर्फ प्रताड़ितों के लिये, यहां आकर आतंक फैलाने वालों के लिये नहीं।


लोगों को बताएं यह कानून किसी के खिलाफ नहीं 


        केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने कहा कि हमारे गृह मंत्री ने भी संसद में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून किसी के खिलाफ नहीं है। इसलिए जनता के बीच जाएं और स्पष्ट रूप से अपनी बात रखें। जनता को यह समझाएं कि यह कानून किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, उनके पास इसका कोई आधार नहीं है। इसलिए जनता में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करके विरोधियों को जवाब दें।


लोगों को बताएं कि नागरिकता किसे और क्यों दे रहे हैं


           जनजागरण अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं और समाज में इस कानून को लेकर कोई भ्रम नहीं है, इससे सिर्फ अर्बन नक्सली चिंतित हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके निराकरण और जनता को वास्तविकता से परिचित कराने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान जनता के बीच जाएं और यह बताएं कि नागरिकता किसे दी जा रही है और क्यों दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी जिला अध्यक्ष और जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में कम से कम 25 गोष्ठियां करें। सभी जिला केंद्रों पर प्रबुद्धजन गोष्ठी करें, समाज के प्रमुख लोगों से कानून के समर्थन में हस्ताक्षर लें। उन्होंने कहा कि 30 दिसम्बर को एक साथ ट्विटर पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करना है। भगत ने कहा कि सभी सांसद अभियान के दौरान विस्थापित परिवारों के साथ कार्यक्रम करें। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान सभी जिला केंद्रों पर कानून के समर्थन में बड़ा मार्च निकालना है, जिसमें लोग अपने हाथों में तिरंगा लेकर शामिल होंगे। उन्होंने अभियान के सभी कार्यक्रम 14 जनवरी तक पूरे कर लेने की बात कही। 


शरणर्थियों को न्याय और उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने वाला कानून : तोमर


नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरूवार को प्रदेश कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देश में निवास करने वाले करोडों शरणार्थियों को न्याय और उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने वाला कानून है। कांग्रेस देश को गुमराह करने का एक असफल प्रयत्न कर रही है। कांग्रेस के समय मे भी इस प्रकार के संशोधन आये थे चाहे गांधी जी हो या नेहरू जी हो या फिर उसके बाद की सरकारें हो, सभी सरकारें इस पक्ष में थी कि पाकिस्तान से जितने भी हिन्दू, जैन, सिख, पारसी ईसाई, बौद्ध शरणार्थी भारत आ रहे है उनकी चिंता कर उन्हे न्याय मिले और नागरिकता देना चाहिए। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी यह मांग की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आज ऐसी स्थिति हो गयी है कि किसी भी बात से पलट जाती है। कांग्रेस जो काम करती है वह काम कांग्रेस के लिए सही है नरेन्द्र मोदी वही काम करते है तो उसका कांग्रेस विरोध करने पर उतारू हो जाती है।


प्रदेश अघोषित आपातकाल की ओर बढ रहा है


                पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सीएए को लेकर हमें ज्ञापन देने की अनुमति नहीं है परंतु मुख्यमंत्री जुलूस निकाले तो उनको अनुमति है और धारा 144 भी तत्काल हट जाती है। कांग्रेस एक वर्ग के बीच भ्रम फैला रही है। कांग्रेस तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति कर रही है। सीएए को लेकर जनजागरण और रैली पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रदेश अघोषित आपातकाल की ओर बढ रहा है। मीडिया पर भी सेंशरशिप लगा रखी है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। झारखण्ड चुनाव के बाद ईव्हीएम को लेकर रोना बंद हो गया है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार परिसीमन को अपने हिसाब से करना चाहती है।


बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी, सांसद डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, फग्गनसिंह कुलस्ते, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत मंचासीन थे। सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, विक्रम वर्मा,  सत्यनारायण जटिया, नरोत्तम मिश्रा, डॉ. सीताशरण शर्मा सहित प्रदेश में निवासरत राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश कोर ग्रुप, प्रदेश पदाधिकारी, प्रवक्ता, सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष, मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष, मोर्चों के प्रदेश में निवासरत राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रकोष्ठ, विभाग, प्रकल्प के प्रदेश संयोजक तथा संभागीय संगठन मंत्री उपस्थित थे।