कानपुर के रितिक दिवाकर को मिला ग्लोबल चाइल्ड प्रॉडिजी अवार्ड


फोटो कैप्शन : नई दिल्ली में आयोजित ग्लोबल चाइल्ड प्रॉडिजी अवार्ड 2020 में कानपुर के रितिक दिवाकर को सम्मानित करतीं पुडुचेरी की राज्यपाल डॉ. किरण बेदी।


कानपुर: कानपुर के 12 वर्षीय रितिक दिवाकर को उनकी असाधारण नृत्य प्रतिभा के लिए शुक्रवार 3 जनवरी 2020 को नई दिल्ली में आयोजित ग्लोबल चाइल्ड प्रॉडिजी अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान पुडुचेरी की राज्यपाल डॉ. किरण बेदी के हाथों दिया गया। 


कानपुर नौबस्ता के इमलीपुर गांव में रहने वाला रितिक दिवाकर अपने डांस के बलबूते पूरे देश में छाया हुआ है। अभावों में पले बढ़े ऋतिक ने अपनी मेहनत और लगन से सुपर डांसर सीजन-4 और बिग बबूल फन डांस कंपीटीशन जैसे कई मंचों पर अपना जलवा बिखेर चुका है। हिप हॉप और ब्रेक डांस में प्रशिक्षित रितिक को पहचान उसके डांस के कुछ स्पेशल मूव्स जैसे 'रितिक का ट्वीस्टर' और 'रितिक का चक्रव्युह' के लिए मिली है। 
ग्लोबल चाइल्ड प्रॉडिजी अवार्ड मिलने के बाद रितिक दिवाकर ने कहा कि 'मैं इस सम्मान के लिए ग्लोबल चाइल्ड प्रोड्यूजी अवार्ड्स का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं जूरी का शुक्रगुजार हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं नृत्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अधिक से अधिक ऊंचाइयां हासिल करूंगा।'
रितिक के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में उनकी असाधारण प्रतिभा और योगदान के लिए ग्लोबल चाइल्ड प्रॉडिजी (जीसीपी) अवार्ड समारोह में कुल 100 बच्चों को सम्मानित किया गया।
सम्मानित होने वाले बच्चों का आकलन विभिन्न मापदंडो के आधार पर चयन समिति द्वारा किया गया है। इस सूची में भारत के अलावा यूएसए, यूके, यूएई, स्पेन आदि देशों से सामाजिक कार्य, लेखन, उद्यमिता, अभिनय, मार्शल आर्ट, पेंटिंग, मॉडलिंग आदि क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले बच्चों का चयन किया गया है। 
ग्लोबल चाइल्ड प्रॉडिजी अवार्ड के बारे में :
ग्लोबल चाइल्ड प्रॉडिजी (जीसीपी) अवार्ड कला, संगीत, नृत्य, लेखन, मॉडलिंग, अभिनय, विज्ञान और खेल जैसे विभिन्न श्रेणियों में बाल प्रतिभा को पहचानने के उद्देश्य से स्थापित अपनी तरह का पहला मंच है। इस पहल का उद्देश्य नवांकुरों की प्रतिभाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना,  सही समय पर सही अवसर प्रदान करना है ताकि वो अपने कौशल से समाज पर एक बड़ा प्रभाव पैदा कर सकें।