मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ - राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट का स्वरूप इस तरह बना है कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार नहीं रहेगी तो भी संघ विहिप को कोई दिक्कत नहीं होगी। मणिराम छावनी के महंथ नृत्यगोपाल दास के अध्यक्ष और विहिप उपाध्यक्ष चम्पतराय को महासचिव तथा गोविंद गिरी के कोषाध्यक्ष होने से ट्रस्ट पर संघ परिवार का दबदबा हो गया। किसी भी आय-व्यय में अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष के ही हस्ताक्षर महत्वपूर्ण होंगे। सूत्र बताते हैं कि ट्रस्ट डीड में साफ है कि शासकीय टीम पर नियंत्रण 11 सदस्यों के बहुमत से होगा। जब कोई अधिकारी ट्रस्ट की भावनाओं के अनुरूप काम नहीं करेगा या मनमानी व वित्तीय अनियमितता करेगा तो ट्रस्ट बहुमत से कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा। यह पूरी तरह स्वायत्तशासी व सरकारी नियंत्रण से मुक्त होगा। हालांकि राम मंदिर का निर्माण योगी और मोदी के कार्यकाल में ही होगा। भवन निर्माण समिति जमीन की स्थिति के अनुरूप इसकी ऊंचाई और लंबाई बढ़ाने का फैसला करेगी। जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोगी रहे रिटायर्ड नौकरशाह नृपेंद्र मिश्र को सौंपी गयी है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र टेस्ट में अब आरएसएस के अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद का पूर्ण बहुमत हो गया है। निर्णायक मंडल के 11 सदस्यों में से 9 सदस्य इसी संगठन से जुड़े हैं।भविष्य में परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो नए ट्रस्ट के संचालन में विश्व हिंदू परिषद सर्वे सर्वा की हैसियत में रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ने ट्रस्ट को लेकर कई आशंकाएं थी ट्रस्ट के शुरुआती स्वरूप से लोग चिंतित भी हुए के प्रमुख लोगों की उपेक्षा क्यों हुई? विश्व हिंदू परिषद के समर्थकों के मन में आशंका गहराने लगी थी कि राम मंदिर की कमान ऐसे लोगों के हाथ में नए सौंप दी जाए जो विहिप को पसंद नहीं करते हैं। यदि कहीं ऐसा हो जाता तो विहिप के दशकों का संघर्ष त्याग बलिदान व्यर्थ हो जाए। मगर शनै-शनै सब ठीक हो गया। अब आरएसएस विहिप नेताओं को मोदी सरकार के जरिए मन मांगी मुराद मिल गई है। यहां शीर्ष संत और विश्व हिंदू परिषद नेतृत्व से लेकर कार्यकर्ता तक वह खुश दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम मंदिर के निर्माण की तिथि घोषित होने के बाद उसका शिलान्यास करने अयोध्या स्थित श्रीरामजन्मभूमि पर आयेंगे। इस मंदिर केे निर्माण में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपना योगदान देने के लिए उत्सुक हैं।
राम मंदिर ट्रस्ट पर हुआ विहिप का दबदबा