संविधान और संघीय ढांचे के विपरीत काम कर रहे कमलनाथ : गोपाल भार्गव


भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बुधवार को कमलनाथ कैबिनेट में सीएए के खिलाफ संकल्प पास किये जाने को संविधान और संघीय ढांचे की एकदम विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ सिर्फ भ्रम फैलाने की एक और नाकाम कोशिश कर रहे है। जिसे जनता पूरी तरह समझती है. नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ वरिष्ठ नेता है, उन्हें देश की सबसे बड़ी पंचायत का काफी अनुभव है, वह भलीभांति जानते है कि राज्यसभा और लोकसभा में जिसे कानून का रूप दिया है। उसे राज्यों को लागू करना ही पड़ता है। लेकिन कमलनाथ जी कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारे पर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर सिर्फ और सिर्फ संविधान का अपमान कर रहे है। उनका यह व्यवहार संघीय ढांचे को चुनौती देने का अमर्यादित आचरण है।


बेवजह टकराव मोल ले रहे मुख्यमंत्री


उन्होंने कहा कि ‘कमलनाथ सरकार को सीबीआई-एनआईए नहीं चाहिए, मोटर व्हीकल एक्ट और सीएए से दिक्कत है यानी केंद्र सरकार और संसद द्वारा पारित कानूनों को नहीं मानने का राजनीतिक हठ प्रदर्शित करने पर आमादा प्रदेश सरकार उन विषयों पर भी गैरजरूरी टीका-टिप्पणी कर रही है, जिन्हें नकारने का राज्य सरकारों को न तो अधिकार है और न ही राज्य सरकारें उसे अपने राज्यों में अमान्य कर सकती हैं। लेकिन प्रदेश सरकार शुरू से अपने फैसलों के जरिए केंद्र को चुनौती देने और टकराव मोल लेने का काम कर रही है।


सरकार के निकम्मेपन, नाकारापन और वादाखिलाफी का जश्न है आईफा अवार्ड -  गोपाल भार्गव


सरकार कर रही जनता का अपमान


भार्गव ने कहा कि लोकतंत्र में सहमति और विरोध सभी जायज है। लेकिन ‘असहमति व्यक्त करने की भी अपनी मर्यादा होती है, इस बात की सामान्य समझ भी मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं दिखा रहे हैं, यह कांग्रेस के वैचारिक भटकाव और नेतृत्व की दिशाहीनता का द्योतक है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद बैठे मुख्यमंत्री संविधान का अंग बन चुके नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ पूरे मंत्री मंडल के साथ मध्यप्रदेश में विरोध में रैली निकालते है। लेकिन प्रदेश भर में हर जिले में आम जनता द्वारा सीएए के समर्थन में रैली निकलती है तो उसका दमन करते है। उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ संकल्प लाना प्रदेश की जनता का अपमान है।