24x7 कार्यरत है भारतीय रेल


लखनऊ। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने 31 मार्च 2020 तक देश भर में यात्री ट्रेन सेवाओं का परिचालन बंद कर दिया है । वर्तमान में भारतीय रेलवे देश भर में केवल मालगाड़ियों का ही परिचालन कर रही है । यही नहीं , भारतीय रेलवे अपनी निर्बाध माल ढुलाई सेवाओं के जरिए आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है । अनेक राज्यों में ' लॉकडाउन ' के दौरान विभिन्न गुड - शेड , स्टेशनों और नियंत्रण कार्यालयों में तैनात भारतीय रेलवे के कर्मचारी चौबीसों घंटे अपनी सेवाएं देकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पूरे देश में कहीं भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित न हो । खाद्यान्न , नमक , खाद्य तेल , चीनी , दूध , फल - सब्जियों , प्याज , कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए 23 मार्च 2020 को कुल 474 रेक लोड किए गए थे । उस दौरान भारतीय रेलवे ने कुल मिलाकर 891 रेक लोड किए गए , जिनमें अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं भी शामिल हैं , जैसे कि लौह अयस्क के 121 रेक , स्टील के 48 रेक , सीमेंट के 25 रेक , उर्वरक के 28 रेक , कंटेनर के 106 रेक , इत्यादि । भारतीय रेल, राज्य सरकारों के साथ उचित तालमेल बनाए है , ताकि कोविड - 19 के मद्देनजर लगाई गई विभिन्न पाबंदियों के कारण आवश्यक वस्तुओं के रेकों का संचालन बिना किसी देरी के सुविधाजनक ढंग से हो सके । भारतीय रेलवे ने माल एवं पार्सल के लिए विलंब - शुल्क और गोदी - शुल्क की दरों को 31.03.2020 तक घटाकर आधा कर दिया है । माल  व कंटेनर यातायात से संबंधित रेट पॉलिसियों की वैधता को भी एक माह यानी 30.04.2020 तक बढ़ा दिया गया है । खाली कंटेनरों व खाली फ्लैट वैगनों की आवाजाही के लिए 24 . 03 .2020 से 30 . 04 . 2020 तक कोई दलाई शुल्क नहीं लगाया जाएगा । वैगनों की लोडिंग व अनलोडिंग के लिए नि:शुल्क समय और रेलवे परिसरों से खेप को हटाने के लिए नि : शुल्क समय को बढ़ाकर 31 . 03 . 2020 तक निर्दिष्ट नि : शुल्क समय का दोगुना कर दिया गया है । भारतीय रेल प्रणाली पर आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही पर पैनी नजर रखने के लिए रेल मंत्रालय में एक आपातकालीन माल नियंत्रण कक्ष काम कर रहा है । अत्यंत वरिष्ठ स्तर पर अधिकारियों द्वारा माल ढुलाई पर पैनी नजर रखी जा रही है । मालगाड़ियों के परिचालन के लिए नियंत्रण कक्षों में तैनात भारतीय रेलवे के कर्मचारी , संबंधित विभागों के स्टाफ , रखरखाव स्टाफ , सुरक्षा कर्मी और रेलवे अस्पतालों के चिकित्सा कर्मचारी निरंतर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं ।