लखनऊ: मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को राजकीय एवं निजी ब्लड बैंकों में रक्त की उपलब्धता निरन्तर बनाये रखने के निर्देश दिये हैं, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में जीवन रक्षक के रूप में
उपयोगमें लाया जा सके। उन्होंने कहा कि रक्तदाताओं के रिकाॅर्ड को बनाये रखने के साथ ही ब्लड की उपलब्धता/स्टाक की स्थिति के बारे में रियल टाईम जानकारी प्रदान करने हेतु ई-रक्तकोष पोर्टल को प्रोत्साहित किया जाये। रक्तदाताओं को ई-रक्तकोष पोर्टल पर पंजीकरण हेतु प्रेरित किया जाये। राज्य के समस्त ब्लड बैंकों को भी ई-रक्तकोष पोर्टल पर नियमित रूप से रक्त की उपलब्धता को अद्यतन किये जाने हेतु निर्देशित किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर दैनिक समाचार पत्रों एवं स्थानीय मीडिया चैनलों के माध्यम से रक्तदान की अपील की जाये। सभी स्वैच्छिक रक्तदाताओं को उनकी सुविधा हेतु आवश्यक पास भी निर्गत किये जायें, ताकि रक्तदान हेतु आने-जाने में उन्हें कोई कठिनाई न हो। साथ ही इस नाजुक घड़ी में रक्तदान करने वाले व्यक्तियों को उनके प्रोत्साहन हेतु विशेष प्रमाण-पत्र भी दिये जाने की व्यवस्था की जाये। रक्तदान में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन भी सुनिश्चित किया जाये। राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि रक्तकोषों के सुचारु संचालन हेतु रक्तकोष में कार्यरत कर्मियों की आवश्यकतानुसार उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाये। स्थायी व मोबाईल रक्तदान सत्र हेतु निर्धारित समय में आवश्यकतानुसार शिथिलता प्रदान की जाये। किसी भी क्षेत्र में रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक रक्तसंग्रह एवं परिवहन वैन (बी0सी0टी0बी0) के संचालन अथवा किराये के वाहन की व्यवस्था भी की जा सकती है। रक्तदाताओं के चयन के समय एन0बी0टी0सी0 द्वारा 25 मार्च, 2020 को निर्गत गाइड लाइन का ध्यान रखा जाये। यह भी कहा कि समस्त रक्तकोषों में स्वैच्छिक रक्तदान मुख्यतः एकीकृत रक्तदान के द्वारा किया जाये, जिससे कि रक्तकोषों में रक्त की उपलब्धता बनी रहे तथा रक्त व्याधि यथा थैलीसिमिया, सिकल सेल एनिमिया एवं हीमोफीलिया के मरीजों को आवश्यकतानुसार रक्त उपलब्ध कराया जा सके। मुख्य सचिव ने संक्रमण रोकथाम एवं व्यक्तिगत सुरक्षा हेतु रक्तदान कराने से पहले एवं बाद में हाथ को सैनिटाइज करना, डोनर काउच को प्रत्येक रक्तदान के पश्चात सैनिटाइज करना, रक्तदाता को छूने वाले क्षेत्रों को पोंछना, स्टराईल ब्लड कलेक्शन सेट का उपयोग करना ब्लड डोनेशन से पूर्व आर्म को एन्टीसेप्टिक क्लीनजर से तैयार करना आदि सावधानी बरतने के भी निर्देश दिये हैं। चिकित्सालय जहां थैलीसीमिया और हीमोफीलिया से ग्रसित व्यक्ति को चिकित्सालयों पर iron chelating agents व anti-hemophilia factors की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये तथा थैलीसिमया अथवा हीमोफीलिया से ग्रसित व्यक्ति द्वारा बीमारी का प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड दिखाने पर चिकित्सालय आवागमन की अनुमति प्रदान की जाये, जो कि चिकित्सालय के यात्रा हेतु ही मान्य होगी।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर दैनिक समाचार पत्रों एवं स्थानीय मीडिया चैनलों के माध्यम से रक्तदान की अपील की जाये। सभी स्वैच्छिक रक्तदाताओं को उनकी सुविधा हेतु आवश्यक पास भी निर्गत किये जायें, ताकि रक्तदान हेतु आने-जाने में उन्हें कोई कठिनाई न हो। साथ ही इस नाजुक घड़ी में रक्तदान करने वाले व्यक्तियों को उनके प्रोत्साहन हेतु विशेष प्रमाण-पत्र भी दिये जाने की व्यवस्था की जाये। रक्तदान में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन भी सुनिश्चित किया जाये। राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि रक्तकोषों के सुचारु संचालन हेतु रक्तकोष में कार्यरत कर्मियों की आवश्यकतानुसार उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाये। स्थायी व मोबाईल रक्तदान सत्र हेतु निर्धारित समय में आवश्यकतानुसार शिथिलता प्रदान की जाये। किसी भी क्षेत्र में रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक रक्तसंग्रह एवं परिवहन वैन (बी0सी0टी0बी0) के संचालन अथवा किराये के वाहन की व्यवस्था भी की जा सकती है। रक्तदाताओं के चयन के समय एन0बी0टी0सी0 द्वारा 25 मार्च, 2020 को निर्गत गाइड लाइन का ध्यान रखा जाये। यह भी कहा कि समस्त रक्तकोषों में स्वैच्छिक रक्तदान मुख्यतः एकीकृत रक्तदान के द्वारा किया जाये, जिससे कि रक्तकोषों में रक्त की उपलब्धता बनी रहे तथा रक्त व्याधि यथा थैलीसिमिया, सिकल सेल एनिमिया एवं हीमोफीलिया के मरीजों को आवश्यकतानुसार रक्त उपलब्ध कराया जा सके। मुख्य सचिव ने संक्रमण रोकथाम एवं व्यक्तिगत सुरक्षा हेतु रक्तदान कराने से पहले एवं बाद में हाथ को सैनिटाइज करना, डोनर काउच को प्रत्येक रक्तदान के पश्चात सैनिटाइज करना, रक्तदाता को छूने वाले क्षेत्रों को पोंछना, स्टराईल ब्लड कलेक्शन सेट का उपयोग करना ब्लड डोनेशन से पूर्व आर्म को एन्टीसेप्टिक क्लीनजर से तैयार करना आदि सावधानी बरतने के भी निर्देश दिये हैं। चिकित्सालय जहां थैलीसीमिया और हीमोफीलिया से ग्रसित व्यक्ति को चिकित्सालयों पर iron chelating agents व anti-hemophilia factors की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये तथा थैलीसिमया अथवा हीमोफीलिया से ग्रसित व्यक्ति द्वारा बीमारी का प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड दिखाने पर चिकित्सालय आवागमन की अनुमति प्रदान की जाये, जो कि चिकित्सालय के यात्रा हेतु ही मान्य होगी।