योगी ने कोरोना को रोकने के लिए पूल टेस्टिंग और प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने पर दिया जोर -अवस्थी


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोना पर नियमित ब्रीफिंग में आये उत्तर प्रदेश के अपरमुख्य सचिवगृह एवं सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में कोरोना को हराने के लिए पूल टेस्टिंग और प्लाज्मा थेरेपी को और अधिक बढ़ाया जाए। पूल टेस्टिंग से कम समय मे अधिक से अधिक लोगों की जांच होगी और प्लाजा पद्धति से शीघ्र इलाज में गति आयेगी। मुख्यमंत्री रविवार सुबह टीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में लॉकडाउन के स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी चिकित्साकर्मियों को प्रत्येक दशा में कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखना जरूरी है। मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए राज्य मुख्यालय और सभी प्रभावित जिलों में डेडिकेटेड टीम का गठन कर दिया गया है। यह टीम सरकारी और निजी अस्पतालों में संक्रमण रोकने का कार्य करेगी। अब कोरोना प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। अस्पतालों में पीपीई किट, एन-95 मास्क सहित सभी आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोविड अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सिर्फ कोविड संक्रमण का ही इलाज हो, अन्य चिकित्सा गतिविधियां इन अस्पतालों में न किया जाए। अस्पतालों में मौजूद कोरोना से संबंधित तथा अन्य बायोमेडिकल वेस्ट का सुरक्षित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि पूल टेस्टिंग को और अधिक बढ़ाकर अधिक से अधिक लोगों की जांच की जाए। जिससे कोरोना वायरस पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।लेन-देन में नकद की बजाए रूपे कार्ड तथा अन्य माध्यम को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया जाय। मोहल्ले स्तर पर वालंटियर्स की टीम गठित कर लोगों को कोरोना के विषय में जागरूक करने का भी निर्देश दिया है। अवस्थी ने बताया कि हरियाणा से यूपी के लोगों को लाने का कार्य शुरू हो गया है। शनिवार को 2200 और अबतक 9800 लोगों को वापस लाया जा सका है। कुछ लोग रास्ते में भी हैं। 18 जिलों में विशेष अधिकारियों की तैनाती की गई है। इन अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट भेजने का निर्देश पहले ही जारी किया गया था। प्रदेश के हर जिले में डेडिकेटेड टीम का गठन कर चिकित्सा कर्मियों के बीच संक्रमण रोकने का प्रयास शुरू किया गया है। इस टीम में एक पर्यावरण इंजीनियर को भी शामिल किया गया है, जो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का काम करेगा।अब इन रिपोर्ट के आधार पर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और डीजीपी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है।