कांग्रेस वहन करेगी मजदूरों का रेल किराया 



राहुल यादव, लखनऊ । कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने बयान जारी कर लॉक डॉउन के दौरान प्रावसी मजदूरों को अपने राज्य जाने के लिए सरकार के किराया लेने का विरोध किया है। और ऐसे प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करने की घोषणा की है। सोनिया गांधी ने कहा, यह दुख की बात है कि भारत सरकार मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रही हैं । जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं , जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु . ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं , जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रु . दे सकता है , तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते ? 

 

 सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए । 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए । न राशन , न पैसा , न दवाई , न साधन , पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन ।  पर सरकार का कर्तव्य क्या है ? आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं , पर न साधन है , और न पैसा ।  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी ।