वरुण गांधी के संज्ञान के बाद बिलसंडा कांड गरमाया!


पीलीभीत  जिले की बिलसंडा  में भीकमपुर पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुए विवाद का सांसद वरुण गांधी ने संज्ञान लिया है। पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ रहे भाजपा विधायक तथा स्स्थानीय प्रतिनिधियों से पूरा ब्योरा मांगा है।वरुण गांधी ने स्पष्ट कहा है कि किसी का भी उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। बीते 6 मई को थाना बिलसंडा की पुलिस का थाना क्षेत्र के ग्राम भीकमपुर में ग्रामीणों से विवाद हाे गया था। इसमें पुलिस की तरफ से सेना के एक जवान समेत कई ग्रामीणों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। भीकमपुर प्रकरण को लेकर क्षेत्रीय विधायक रामसरन वर्मा भिड़ गये हैं। लेकिन पुलिसकर्मियों के सामने अभी तक उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई है।तब क्षेत्रीय सांसद वरुण गांधी ने अपने प्रतिनिधियों से पूरी रिपोर्ट मांगी है। वरुण गांधी ने कहा है कि कानून के साथ खिलवाड़ करने का हक किसी को भी नहीं है, पर इसकी आड़ में निर्दोष लोगों का उत्पीड़न भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। विधायक रामसरन वर्मा द्वारा पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में वह पूरी तरह से उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले को लेकर शासन में वार्ता करेंगे। इस प्रकरण में सेना के जवान समेत 11 लोगों को तो गिरफ्तार कर जेल भी भेजा दिया गया था।जिसके बाद बीसलपुर में भाजपा विधायक रामसरन वर्मा ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए उत्पीड़न करार दिया था।उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में काफी खींचतान कर रही है। अब प्रकरण में एसपी अभिषेक दीक्षित ने मुकदमे की निष्पक्ष जांच के लिए बीसलपुर कोतवाली को विवेचना स्थानांतरित कर दी हैं। बता दें कि बीते 6मई को बिलसंडा में देररात हाइवे गश्त पर निकली पुलिस टीम और ग्रामीणों में कहासुनी के बाद जमकर मारपीट हुई। दोनों पक्ष एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। पुलिस की पिटाई की सूचना पर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। घटना थाना क्षेत्र के गांव भीकमपुर में बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे की है। थाने से दो सिपाही हाइवे पर रात्रि पुलिस ड्यूटी पर जा रहे थे। गांव में पुलिया के निकट कुछ लोग घूमते मिले। तो पुलिस ने लाकडाउन की बात कहकर उन्हें अंदर जाने को कहा। इसी पर पुलिस और ग्रामीणों की कहासुनी के बाद मारपीट शुरू हो गई। गांववालों की ओर से एक फौजी भी आ गया। उससे भी जमकर मारपीट हुई। सिपाहियों पर गांववाले भारी पड़ गए। सिपाही के लोग किसी तरह मौके से निकल आये। तुरंत ही थाने में इंस्पेक्टर को फोन किया। सिपाहियों की पिटाई की सूचना पर थाने की पूरी फोर्स कई गाड़ियों से भीकमपुर पहुंच गई।


देखते ही देखते पूरे गांव को छावनी बना दिया गया। भारी पुलिसफोर्स के सामने हमलावर ग्रामीण भी भाग गए। पुलिसकर्मियों ने पूरे प्रकरण को रात में ही एसपी को भी समझा दिया। फिर क्या कई थाने की पुलिसफोर्स भी रात को ही गांव में पहुंच गई। गांव में अफरातफरी मच गयी। एक फौजी और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई है। ग्रामीणों ने रात में ही इस मामले में विधायक रामसरन वर्मा को फोन किया। इस प्रकरण को लेकर अभी भी पुलिस में गुस्सा है। पुलिस बता रही है कि सिपाहियों को बुरी तरह पीटा गया। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने घरों से निकाल-निकाल कर बूढ़े, बच्चे, जवान सबको बुरी तरह पीटा।बता दें कि मायावती की सरकार में भी एक बार सांसद वरुण गांधी जनहित में कूदे थे तब मायावती की पुलिस ने उन्हें जेल कर दिया था। लेकिन वरुण झुके नहीं, वह न्यायालय से बेदाग छूटे थे। अब एक बार फिर से वरुण गांधी के आने के बाद जहां जनता का हौसला बढ़ा है वहीं मनमाने तरीके से ग्रामीणों पर धारा ठोंकने वाली पुलिस को यह डर सताने लगा है कि निष्पक्ष जांच हुई तो कहीं लेने के देने न पड़ जाएं।