शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ पीड़ितों को दिया एक महीने का वेतन

भोपाल। अतिवृष्टि के कारण पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। मंदसौर-मल्हारगढ़ के आसपास के गांवों की बुरी स्थिति है। चारों ओर तबाही का मंजर है। अभी भी कई लोग बाढ़ में फसे हुए हैं। मैंने कल मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा की थी। मैं उनसे निवेदन करता हॅू कि सरकार इस समय प्रदेश में निकले और प्रभावितों को तत्काल सहायता प्रदान करे, क्योंकि किसानों की फसल का कई जगह सर्वे शुरू नहीं हुआ है। अतिवर्षा से फसल बर्बाद नहीं हुई बल्कि किसान की जिंदगी बर्बाद हुई है। 21 सितम्बर तक प्रदेश सरकार किसानों को राहत नहीं देती है तो 22 सितम्बर को किसान के साथ हम एक घंटे के लिए अपनी फसलों को लेकर सड़कों पर उतरेंगे।



मांग पूरी नहीं हुई तो करूंगा सड़कों पर आंदोलन
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश में चारों तरफ तबाही का मंजर है। मैं हर जगह नहीं जा सकता इसलिए मुझे खराब फसलों की जानकारी भेजें। उन्होंने वाट्सएप नंबर 8423084230 जारी करते हुए कहा कि इस नंबर पर किसान भाई खराब फसलों के फोटों, वीडियों और जानकारी भेजें। साथ ही पत्र द्वारा भी मुझे अवगत करवा सकते हैं। आपसे मिली जानकारियों के आधार पर ही मैं प्रशासन और सरकार से बात करूंगा और मुआवजे की मांग करूंगा। उन्होंने कहा कि सरकार अगर किसानों की मांग पूरी नहीं करेगी तो किसानों के साथ सड़कों पर उतरकर मैं आंदोलन करूंगा।



मुख्यमंत्री मैदान में होते तो प्रशासन सतर्क होकर काम करता
 शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ पीड़ित इलाकों के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे धैर्य रखें और सतर्क रहें। प्रदेश की जनता आपके साथ है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आइंर् समाजसेवी संस्थाओं को धन्यवाद देते हुए जनता से अपील की कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को एक माह का वेतन देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है और ऐसे समय में मुख्यमंत्री और मंत्री मैदान से नदारद हैं और इसी कारण प्रशासन भी बेसुध होकर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री अगर मैदान में होते तो प्रशासन ही सतर्क होकर काम करता।



प्रशासनिक मुखिया के बयान से जांच प्रभावित हुई
तालाब हादसे पर मुख्य सचिव एस.आर. मोहन्ती के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक मुखिया मजिस्ट्रेट जांच शुरू होने से पहले ही क्लीन चिट दे रहें हैं। रिपोर्ट आने से पहले ही प्रशासनिक मुखिया ने यह कहकर जांच प्रभावित कर दी कि बड़े अफसर दोषी नहीं हैं। ग्वालियर में मुख्यसचिव एस.आर.मोहन्ती ने तालाब हादसे पर किसी को भी दोषी नहीं होने का बयान दिया था।



मुख्यमंत्री से की तीन मांग
चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से तीन मांगे कीं। पहली मांग फसलों का जल्द सर्वे कर किसानों को 40 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाना चाहिए। दूसरी मांग कांग्रेस ने चुनाव के पहले सभी किसानों से कर्जा माफ की घोषणा की थी। सरकार को जल्द से जल्द अपनी घोषणा पूरी करनी चाहिए। तीसरी मांग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली बिल माफ करने की बात कही थी। मैं 200 रूपए बिजली के बिल देता था, प्रदेश सरकार 100 रूपए बिजली का बिल करे।