बजट रोजगार सृजन करने के साथ-साथ जनोन्मुखी भी: मुख्यमंत्री


लखनऊ:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधान सभा में बजट चर्चा के अवसर पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रस्तुत किया गया बजट विकास को गति देने वाला है। बजट रोजगार सृजन करने के साथ-साथ जनोन्मुखी भी है। उन्होंने कहा कि सदन में बजट पर सकारात्मक चर्चा हो रही है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश का बजट 3,02,687.32 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 5,12,860.72 करोड़ रुपये हो गया है। ऐसा विकास के प्रति सरकार की सकारात्मक सोच और नेक नीयत के कारण सम्भव हुआ है। यह सरकार के विजन और विकास के प्रति सकारात्मक सोच के कारण सम्भव हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके तक शासन की कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने, बुनियादी ढांचागत विकास और औद्योगिक निवेश के साथ-साथ समग्र विकास की परिकल्पनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में जो कार्य प्रारम्भ हुए हैं, उसका परिणाम है कि प्रदेश में हर क्षेत्र में, पिछले तीन वर्षों के दौरान नयापन देखने को मिला है और लोगों के मन में विश्वास जागृत हुआ है। सही अर्थों में उत्तर प्रदेश का यह बजट ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के प्रतीक के रूप में देखने को मिला है। पिछली सरकारों के दौरान उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी के लिए 03 लाख करोड़ रुपये का बजट बहुत कम था। इस कमी के चलते प्रदेश का विकास नहीं हो पा रहा था। सड़कें नहीं बन पा रही थीं, बिजली की आपूर्ति में दिक्कतें आ रही थीं, सिंचाई के साधन नहीं थे, किसान बदहाल था और नौजवान परेशान था। वर्तमान सरकार ने समाज के सभी तबकों का ध्यान रखकर बिना भेदभाव के बजट प्रस्तावित किया है। अन्त्योदय की विचारधारा रखने वाले पं0 दीनदयाल उपाध्याय की अवधारणा को इसमें साकार करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक योजनाओं तथा आर्थिक प्रगति को समाज के निचले स्तर पर विद्यमान व्यक्ति की स्थिति से ही आंका जाएगा। राज्य सरकार ने अपना पहला बजट वर्ष 2017-18 में प्रस्तुत किया था, जिसे किसानों और जवानों को समर्पित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए फसल ऋण माफी योजना लागू की गई थी। राज्य सरकार ने 3000 गेहूं खरीद केन्द्र स्थापित कर सीधे किसानों से गेहूं खरीद की थी। इसके अलावा, वर्षों से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को सरकार ने पूरा करने का बीड़ा उठाया था। बाणसागर सिंचाई परियोजना पूरी की जा चुकी है, जबकि अर्जुन सहायक, सरयू नहर, मध्य गंगा जैसी कई छोटी-बड़ी सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो रही हैं। जब यह सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, तो प्रदेश में 20 लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बजट में शहीदों के परिजनों के लिए योजनाएं लागू की गई थीं। इसमें शहीदों के परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके 01 परिजन को सरकारी नौकरी देने की भी व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 1.37 लाख से अधिक पुलिस और पी0ए0सी0 में भर्ती पूरी पारदर्शिता के साथ की गई है। पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया गया है। प्रदेश में पुलिस बल का आधुनिकीकरण भी लगातार जारी है। प्रदेश सरकार का पहला बजट वर्ष 2017-18 में प्रस्तुत किया गया और यह ‘जय जवान, जय किसान’ के प्रति समर्पित था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पुलिस एण्ड फाॅरेन्सिक यूनिवर्सिटी को स्थापित करने के लिए बजट में प्राविधान कर चुकी है। इसके अलावा, हर रेंज स्तर पर साइबर थाना और फाॅरेन्सिक लैब स्थापित करने की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सड़कें गड्ढामुक्त करने की दिशा में कार्य चल रहा है। प्रदेश की सड़कों को बड़े पैमाने पर गड्ढामुक्त किया गया है और सड़कों की स्थिति पहले से बहुत बेहतर है। राज्य सरकार अन्तर्राज्यीय सड़कों को फोरलेन करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रत्येक जिला मुख्यालय को फोरलेन से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा, तहसील मुख्यालय और ब्लाॅक मुख्यालय को भी जोड़ा जाएगा। ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का दूसरा बजट बुनियादी ढांचागत विकास और औद्योगिक निवेश के साथ-साथ प्रदेश की चिकित्सा व शिक्षा पर केन्द्रित था। राज्य सरकार प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर, एक्सप्रेस-वे, इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी, मेट्रो और एयर कनेक्टिविटी विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है। यह एयरपोर्ट वर्ष 2023 में कार्यशील होगा और अगले 30 वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार को 01 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रेवेन्यू देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 21 व 22 फरवरी, 2018 को प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन किया गया, जिसमें 05 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हुए। सरकार के आने के बाद से अब तक प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्रदेश में हुआ है और 33 लाख युवकों को स्वरोजगार के साथ-साथ नौकरियों से जोड़ा गया है। वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश का पहला स्थापना दिवस 24 जनवरी, 2018 को आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना लागू की गई। प्रदेश के हर जनपद में कोई न कोई यूनीक उत्पाद या फसल मौजूद है, जिसके माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं और किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है। ओ0डी0ओ0पी0 के तहत पिछले वर्ष अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम के लिए 05 लाख 51 हजार दीप जलाए गए, जो इसी जनपद में निर्मित किए गए थे।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक थी, जो बाद में राष्ट्रीय औसत के आधे पर आ गयी है। ऐसा पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में ‘डिफेंस एक्स्पो-2020’ आयोजित की गई, जिसमें 70 देशों के रक्षा मंत्री एवं डिफेंस चीफ ने प्रतिभाग किया। लखनऊ आने वाले लोगांें ने उत्तर प्रदेश में हो रहे सकारात्मक बदलाव पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रयागराज कुम्भ-2019 में 25 करोड़ श्रद्धालुआंे ने प्रतिभाग किया और यह शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को जूते-मोजे, स्वेटर, यूनीफाॅर्म, पुस्तकें, बैग इत्यादि उपलब्ध कराए गए। बेसिक शिक्षा परिषद के 01 लाख 58 हजार विद्यालयों में से 01 लाख 20 हजार विद्यालयों को बुनियादी सुविधाओं से आच्छादित किया जा चुका है। इन परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास, शौचालय, विद्युत कनेक्शन, पेयजल की व्यवस्था, फ्लोरिंग, फर्नीचर इत्यादि कार्य कराए जा चुके हैं। वर्ष 2018 के बजट में स्वास्थ्य पर फोकस करते हुए राज्य सरकार ने इंसेफ्लाइटिस से निपटने की कार्य योजना बनायी, जिसके आज सुपरिणाम मिल रहे हैं। आज इंसेफ्लाइटिस में मामलों में 56 फीसदी की कमी आ गई है, जबकि मृत्यु दर 81 फीसदी नीचे आ गयी है। पहली मार्च से संचारी रोग नियंत्रण के तहत इंसेफ्लाइटिस, फाइलेरिया, मलेरिया, डेंगू, कालाज़ार से निपटने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें इंसेफ्लाइटिस वैक्सीनेशन को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश को वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त करने का अभियान चलाया है। सबका दायित्व है कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश को 250 कार्डियक एम्बुलेन्स मिल चुकी हैं। इसके अलावा, ‘108’ और ‘102’ एम्बुलेन्स सेवाओं के रिस्पाॅन्स टाइम को कम करने का कार्य किया गया है। गोरखपुर एवं रायबरेली में एम्स का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। दोनों जगह ओ0पी0डी0 चालू हो चुकी हैं। प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों की श्रृंखला स्थापित हो रही है। वर्ष 1947 से वर्ष 2016 तक प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल काॅलेज ही उपलब्ध थे, जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2020 के बीच 29 मेडिकल काॅलेज की स्थापना के सम्बन्ध में एक साथ कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि 16 मेडिकल काॅलेज की स्थापना के लिए भी कार्य योजना बनायी जा रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत आज गरीब लोगों को गोल्डेन कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। आज गरीब भी मेदान्ता और एस0जी0पी0जी0आई0 में उपचार करा सकता है। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार 07 विश्वविद्यालय स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रयागराज में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी स्थापित करने जा रही है और स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में लखनऊ में मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थापित की जा रही है। गोरखपुर में आयुष यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी, जबकि मेरठ में नयी स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 का प्रस्तुत तीसरा बजट महिला सशक्तीकरण एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति समर्पित था। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसी योजनाओं से महिलाओं को मजबूती प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभार्थी कन्या को जन्म से लेकर डिग्री कोर्स तक 15 हजार रुपए का पैकेज सरकार द्वारा दिया जा रहा है। विवाह योग्य गरीब कन्याओं के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू की गई है। इसके तहत 01 लाख से अधिक कन्याओं का विवाह अब तक सुनिश्चित कराया जा चुका है। महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से एण्टी रोमियो स्क्वाड का गठन किया गया है। इसके अलावा, 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट, 74 पाक्सो कोर्ट का गठन महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है। महिलाओं की गरिमा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया है। सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन और निराश्रित महिला पेंशन योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। इनके तहत बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिल रहा है। युवाओं पर फोकस करते हुए राज्य सरकार द्वारा उनके लिए कार्यक्रम तैयार किया गया है। युवाओं के लिए अनेक योजनाओं को लागू करने के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। 2.75 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों पर युवाओं की भर्ती की गई है। प्रदेश में निवेश और अवस्थापना सुविधाओं के विकास के माध्यम से रोजगार सृजन की सम्भावनाआंे को आगे बढ़ाया गया है। राज्य सरकार द्वारा पाॅलीटेक्निक, आई0टी0आई0 इत्यादि संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं, इंजीनियरिंग काॅलेजों तथा विश्वविद्यालयों के छात्रों को अप्रेन्टिसशिप योजना से जोड़ा जाएगा और उन्हें 01 वर्ष तक 2500 रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि उपलब्ध करायी जाएगी। इसके अलावा, उद्यमिता विकास के दृष्टिगत प्रदेश में युवा हब स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 1200 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जी0एस0टी0 व्यवस्था लागू की। इससे पहले प्रदेश में वैट लागू था, जिसके तहत लगभग 51 हजार करोड़ रुपए का राजस्व ही मिल पाता था। इस वित्तीय वर्ष में जी0एस0टी0 संग्रह 76 हजार करोड़ रुपए के पार होगा, जबकि अगले वर्ष का लक्ष्य 91 हजार करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। आबकारी नीति लागू होने के बाद अब प्रदेश को इस मद में 31 हजार 517 करोड़ रुपए का राजस्व मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा जनता के ऊपर किसी का टैक्स नहीं लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लिए व्यवस्था की गई है। आगामी 29 फरवरी, 2020 को प्रधानमंत्री इसका शिलान्यास करेंगे। राज्य सरकार सभी प्रदेशवासियों को पूरी सुरक्षा प्रदान कर रही है। प्रदेश में सभी त्योहार पूरी श्रद्धा के साथ मनाए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नए वातावरण का सृजन किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार संवाद बनाने में विश्वास करती है और लोकतांत्रिक मूल्यों को मानती है। प्रदेश की 23 करोड़ जनता की सुरक्षा का दायित्व राज्य सरकार का है और वह इसका भलीभांति निर्वहन करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भारत की संसद द्वारा निर्मित सभी कानूनों को लागू करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी फोकस सेक्टरों के लिए अलग-अलग पाॅलिसी बनायी गई है। राज्य में एयरपोर्ट विकसित हो रहे हैं। अयोध्या के लिए एक बड़े एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही आगे बढ़ायी गई है। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेण्ट, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर और बलिया लिंक-वे के निर्माण से प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क तैयार होगा, जिससे प्रधानमंत्री जी द्वारा भारत को वर्ष 2024 तक 05 ट्रिलियन यू0एस0 डाॅलर इकोनाॅमी बनाने का सपना साकार होगा और उत्तर प्रदेश 01 ट्रिलियन यू0एस0 डाॅलर इकोनाॅमी के लक्ष्य को हासिल करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत सब स्टेशन निर्माण, फीडर सेप्रेशन तथा अन्य छूटे हुए क्षेत्रों में विद्युतीकरण के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 34 हजार 543 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। जबकि लोक निर्माण विभाग में ग्रामीण सड़कों, स्टेट हाइवे, इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी, डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर, ब्लाॅक/तहसील हेडक्वार्टर तथा पुलों के निर्माण के साथ-साथ डेडीकेटेड फ्रेेट काॅरीडोर इस्टर्न, डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर वेस्टर्न में आर0ओ0बी0 के निर्माण के लिए 29 हजार 448 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। सिंचाई विभाग की परियोजनाओं, बाढ़ नियंत्रण, जल निकासी और इससे सम्बन्धित योजनाओं के लिए भी 17 हजार 121 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में व्यवस्था की गई है।

शिक्षा केवल स्कूली पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहनी चाहिए: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को अब तक 89 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। राज्य सरकार प्रदेश में बन्द चीनी मिलों को चलाने के साथ-साथ नई चीनी मिलें भी स्थापित कर रही है। खाण्डसारी उद्योग के लाइसेंस को निःशुल्क कर दिया गया है। निराश्रित गोवंश के लिए गौ-आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र में पाइप पेयजल के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आजीविका के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयंसेवी समूह गठित कर 01 हजार 672 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।