इतिहास-भूगोल का विलक्षण ज्ञान देते हैं प्रधानमंत्री मोदी

इतिहास-भूगोल का विलक्षण ज्ञान देते हैं प्रधानमंत्री मोदी



ताजा प्रकरण मध्यप्रदेश का है। मई 2019 के पहले सप्ताह में इटारसी की चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म होशंगाबाद जिले में बता दिया। उन्होंने कहा, इसी धरती पर पैदा हुए मैथिलीशरण गुप्त ने कहा था- नर हो न निराश करो मन को, जग में रह कर कुछ नाम करो। प्रधानमंत्री का भाषण सुनकर आश्चर्यचकित होशंगाबाद के लोग एक-दूसरे से राष्ट्र कवि गुप्त के बारे में पूछ रहे हैंतो जानकार लोगों की हंसी रुकने का नाम नहीं ले रही। दूसरी तरफ मैथिलीशरण गुप्त जहां से थे, चिरगांव, झांसी (उत्तरप्रदेश) वाले माथा पकड़ कर बैठे हैं। इस पर तंज कसते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, आज आपने एमपी के होशंगाबाद के इटारसी में अपनी सभा में राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त का जिक्र करते हुए, उन्हें होशंगाबाद का बता दिया। जबकि उनका जन्म 3 अगस्त 1886 को यूपी के चिरगांव में हुआ था, होशंगाबाद के तो पंडित माखनलाल चतुर्वेदी थे। सोचा आपकी जानकारी दुरुस्त कर दें इसी दिन राजस्थान में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी जी ने चुरु को पाकिस्तान की सीमा पर स्थित बता दिया। राजस्थान के लोग भी प्रधानमंत्री के इतिहास-भूगोल ज्ञानश् पर हंस रहे हैं। एक सप्ताह पहले महाराष्ट्र के लातूर की एक चुनावी सभा में मोदी जी ने कहा, श्श्कांग्रेस वालों ने बाला साहेब ठाकरे की नागरिकता को छीन लिया था। उनके मतदान करने का अधिकार छीन लिया था...सच यह है पार आया ही नहीं था। पंजाब से ही लौट गया था जबकि केसरी वैश्य थे। यही नहीं, दावोस में ने गैस पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ दी थी ।श्श् कि शिव सेना के संस्थापक स्व. बाल ठाकरे के और फिर दीन-ए-इलाही सिकंदर का सैन्य बेड़ा विश्व आर्थिक मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा उस समय संपूर्ण भारत में कुल परिवारों की ताजा प्रकरण मध्यप्रदेश का है। मई 2019 चुनाव लड़ने और वोट देने पर प्रतिबंध कांग्रेस नहीं बल्कि अकबर के द्वारा शुरू किया गया कि उन्हें 600 करोड़ भारतीय मतदाताओं ने संख्या 25 करोड़ थी। पिछले साल 3 मई को के पहले सप्ताह में इटारसी की चुनावी सभा में की सरकार ने नहीं लगाया था बल्कि देश के समरूप धर्म था जिसमें सभी धर्मों के मूल तत्वों प्रधानमंत्री चुना है। जबकि पूरी दुनिया की कर्नाटक विधानसभा के चुनाव के समय चुनावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण राष्ट्रपति के रेफर करने पर चुनाव आयोग ने बाल का समावेश था। मोदी जी ने एक बार कहा कि आबादी भी शायद 600 करोड़ से कम ही होगी। रैली में मोदी जी ने कहा कि श्श्कर्नाटक बहादुरी गुप्त का जन्म होशंगाबाद जिले में बता दिया। ठाकरे के लिए यह सजा तय की थी और उस प्रसिद्ध क्रांतिकारी श्यामा प्रसाद मुखर्जी गुजरात फरवरी 2018 के पहले सप्ताह में संसद में राष्ट्रपति का पर्याय माना जाता है, लेकिन कांग्रेस सरकार उन्होंने कहा, इसी धरती पर पैदा हुए मैथिलीशरण दौरान देश में कांग्रेस की नहीं बल्कि भाजपा की की मिट्टी में पैदा सपूत थे जो लंदन में रहकर के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में प्रधानमंत्री ने फेल्ड मार्शल के एम करियप्पा और जनरल गुप्त ने कहा था- नर हो न निराश करो मन को, सरकार थी और भारत के प्रधानमंत्री अटल क्रांतिकारियों का सहयोग करते थे। वहां वह मोदी ने कहा कि शिमला समझौता इंदिरा गांधी थिमय्या के साथ कैसा बर्ताव किया?श्श् जग में रह कर कुछ नाम करो। प्रधानमंत्री का बिहारी वाजपेयी थे उपरोक्त कुछ उद्धरण हमारे स्वामी विवेकानंद और स्वामी दयानंद सरस्वती और बेनजीर भुट्टो के बीच हुआ था। सच यह हैउन्होंने कहा, 1948 में जनरल थिमैया के भाषण सुनकर आश्चर्यचकित होशंगाबाद के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विलक्षण ऐतिहासिक, के संपर्क में रहते, उनसे परामर्श करते थे। उन्होंने कि 1971 में शिमला समझौता भारत की नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान से युद्ध जीता एक-दूसरे से राष्ट्र कवि गुप्त के बारे में पूछ रहे हैंभौगोलिक ज्ञानश् के कुछ नमूना भर हैं। अपने इच्छा जताई थी कि मरने के बाद उनकी अस्थियां तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान लेकिन उस पराक्रम के बाद कश्मीर को बचाने तो जानकार लोगों की हंसी रुकने का नाम नहीं पांच वर्षों के कार्यकाल में और उससे पहले भी आजाद भारत के गुजरात में प्रवाहित की जाएं। के उस समय के प्रधानमंत्री जुल्फ्क्रिार अली भुट्टो वाले जनरल थिमैया का तत्कालीन प्रधानमंत्री ले रही। दूसरी तरफ मैथिलीशरण गुप्त जहां से थे, वह गाहे बगाहे ऐसा कुछ बोलते, अपने इतिहास- सच यह है कि जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष रहेके बीच हुआ था। उस समय बेनजीर 16 बरस नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन ने बार-बार चिरगांव, झांसी (उत्तरप्रदेश) वाले माथा पकड़ भूगोल का ज्ञानश् बघारते और हंसी के पात्र श्यामा प्रसाद मुखर्जी पश्चिम बंगाल में कोलकाता मुख्यमंत्री और गुरु गोरखनाथ पीठ के पीठाधिश्वर की थीं9 मई, 2018 को कर्नाटक के बीदर में अपमान किया जिसके बाद उन्हें अपने सम्मान कर बैठे हैं। इस पर तंज कसते हुए मध्यप्रदेश के बनते रहे हैं। मजेदार बात यह है कि अब तो के थे और उनका निधन आजाद भारत में जम्मू- आदित्यनाथ के साथ मंच साझा करते हुए कहा, विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे मोदी की खातिर अपने पद से इस्तीफ देना पड़ा था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, आज उनके पास भारी-भरकम प्रधानमंत्री कार्यालय में कश्मीर की एक जेल में हुआ था और फिर जब संत कबीर, गुरु गोरखनाथ और गुरु नानकदेव जी ने कहा, श्श्कांग्रेस का कोई नेता भंसी से सच यह है कि वी कृष्ण मेनन अप्रैल 1957 से आपने एमपी के होशंगाबाद के इटारसी में अपनी विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ भाषण लेखकों और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक साल के थे तो एक साथ यहीं मगहर में बैठकर आध्यात्मिक पहले देश की आजादी के लिए लड़ रहे शहीद लेकर अक्टूबर, 1962 तक देश के रक्षा मंत्री थे. सभा में राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त का जिक्र तथ्य चेक करने वालों का भारी लवाजमा है। स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया था। दयानंद विमर्श करते थे। सच यह है कि तीनों संत भगत सिंह और उनके साथियों से जेल की काल वहीं जनरल थिमैया मई, 1957 से मई 1961 तक करते हुए, उन्हें होशंगाबाद का बता दिया। जबकि इसके बावजूद वह गाहे बगाहे गलत तथ्य क्यों सरस्वती का निधन तो मुखर्जी के जन्म से काफे महात्माओं के कालखंड में भारी अंतर है। गुरु कोठरी में मिलने नहीं गया था। अब लोग ही सेनाध्यक्ष थे। जनरल करियप्पा के बारे में उनका जन्म 3 अगस्त 1886 को यूपी के चिरगांव बोल जाते हैं। क्या जानबूझकर ! उनके कुछ गलत पहले हो चुका था। दरअसल, मोदी जी प्रसिद्ध गोरखनाथ 11वीं शताब्दी के प्रारंभ में, संत कबीर भ्रष्टाचारियों से मिलने जेल में जा रहे हैंश्श् इस उन्होंने कहा, 1962 के भारत-चीन युद्ध में फेल्ड में हुआ था, होशंगाबाद के तो पंडित माखनलाल तथ्य वाले भाषणों के और नमूने देखें- बिहार में क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के बारे में बोलना 15वीं शताब्दी तथा गुरुनानक देव 15 अप्रैल झूठ का खुलासा 10 अगस्त 1929 के ट्रिब्यून मार्शल करियप्पा का रोल इतिहास की तारीखों में चतुर्वेदी थे। सोचा आपकी जानकारी दुरुस्त कर पिछले लोकसभा और विधानसभा के चुनावी चाह रहे थे, जो गुजरात के थे लेकिन मोदी जी 1469 से लेकर 22 सितंबर 1539 तक थे। 25 अखबार की एक कतरन से हुआ जिसमें दर्ज है। उनके साथ कांग्रेस की सरकारों ने कैसा दें इसी दिन राजस्थान में एक चुनावी सभा में भाषणों में उन्होंने बताया कि तक्षशिला बिहार में उनकी जगह बार-बार श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सितंबर, 2018 को भोपाल में भाजपा जवाहरलाल नेहरू के बयान के अनुसार वह 9 व्यवहार किया था। सच यह है कि जनरल प्रधानमंत्री मोदी जी ने चुरु को पाकिस्तान की है, गुप्त वंश के थे चंद्रगुप्त, चाणक्य बिहार में पैदा नाम ले रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने एक प्रमुख कार्यकर्ताओं के महाकुम्भ में उन्होंने कहा, 1984 अगस्त 1929 को लाहौर सेंट्रल जेल में गए थे करियप्पा 1953 में ही रिटायर हो गये थे। 1949 सीमा पर स्थित बता दिया। राजस्थान के लोग हुए थे और सिकंदर का दीने इलाही बेड़ा पटना हिंदी दैनिक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में में भाजपा बुरी तरह से चुनाव हारी थी। अटल जी और भगत सिंह और उनके साथियों से मिले थे में नेहरू सरकार ने उन्हें सेना का कमांडर इन चीफ भी प्रधानमंत्री के इतिहास-भूगोल ज्ञानश् पर के पास गंगा में डूबा था। सच यह है कि कहा कि श्श्सरदार पटेल की अंत्येष्टि में नेहरू भी तो चुनाव हारे थे, तब हमने तो ईवीएम का जो उस समय भूख हड़ताल पर थे। मोदी जी का बनाया था। 1986 में राजीव गांधी की सरकार ने हंस रहे हैं। एक सप्ताह पहले महाराष्ट्र के लातूर तक्षशिला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है, चंद्रगुप्त शामिल नहीं हुए थे। लेकिन पटेल की अंत्येष्टि के रोना नहीं रोया था! सच यह है कि उस समय देश एक और मजेदार उद्धरणरू श्श्मैंने जब लालकिले उन्हें फेल्ड मार्शल का रैंक प्रदान किया था। यह की एक चुनावी सभा में मोदी जी ने कहा, गुप्त मौर्य वंश के संस्थापक थे। चाणक्य मौके की तस्वीरें बताती हैं कि उनकी शवयात्रा में में चुनाव ईवीएम से होते ही नहीं थे। उन्होंने कहा से आग्रह किया था कि जो लोग सक्षम हैं, उन्हें सब और इससे भी ज्यादा ऐतिहासिक, भौगोलिक श्श्कांग्रेस वालों ने बाला साहेब ठाकरे की तक्षशिला में शिक्षक थे और वहीं से बिहार, नेहरू सरदार पटेल के बेटी-बेटे के साथ चल रहे कि कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष सीताराम केसरी का गैस पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए। ज्ञान के सच हमारे प्रधानमंत्री जी के मुखारविंद नागरिकता को छीन लिया था। उनके मतदान पाटलिपुत्र आए थे। सिकंदर व्यास नदी के इस थे। मोदी जी ने उत्तर प्रदेश के मगहर में राज्य के अपमान किया क्योंकि वह दलित समाज से थे मेरी इतनी सी बात पर सवा सौ करोड़ परिवारों से आए दिन निकलते रहे हैं।