यह हैं स्वयंभू राष्ट्रवादियों के असली चेहरे

यह हैं स्वयंभू राष्ट्रवादियों के असली चेहरे



सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक वीडियो देखने का मौका मिला। राष्ट्रीय विचार मंच बड़ोदरा के बैनर तले आयोजित एक गोष्ठी में धुर दक्षिणपंथी विचारधारा रखने वाले एक वक्ता अपने भावनात्मक लहजे में उपस्थित लोगों को यह समझा रहे थे कि मुसलमानों को मंत्री बनाना या कोई दूसरा महत्वपूर्ण पद देना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने अपने तर्क के पक्ष में मुफ्ती मोहम्मद सईद के गृहमंत्री होने के दौर की वह घटना सुनाई कि किसी प्रकार उनके गृहमंत्री बनते ही उनकी बेटी डॉ. रूबिया सईद का अपहरण कश्मीरी आतंकवादियों द्वारा किया गया और किस प्रकार उनकी बेटी की रिहाई के बदले में कई आतंकियों को छोड़ा गया। वक्ता महोदया ने सैफुद्दीन सोज तथा गुलाम नबी आजाद के परिवार के कुछ लोगों के अपहरण की कुछ कहानियां भी सुनाईं। कुल मिलाकर उपस्थित जनसमूह को वह यही समझाना चाह रहे थे कि उपरोक्त नेताओं ने आतंकवादियों के साथ मिलीभगत से अपने-अपने परिवार के लोगों का जानबूझ कर अपहरण करवाया तथा इसके बदले में अनेक आतंकवादियों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ। यही वक्ता महोदय उपस्थित जनसमूह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में अवतार के रूप में प्राप्त हुआ एक दूरदृष्टि रखने वाला योग्य तथा देश का उज्वल भविष्य संवारने वाला नेता भी बता रहे थे और उनके प्रति न केवल जनसमर्थन बल्कि पूरा भावपूर्ण समर्पण भी मांग रहे थे। देश ने मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री डॉ. रूबिया सईद के अपहरण की कहानी तो जरूर सुनी होगी परंतु यह बात हरगिज नहीं सुनी होगी कि भारत के गृहमंत्री ने स्वयं ही अपनी बेटी का अपहरण आतंकियों से मिलीभगत के साथ करवाया था। पूरे देश में इस समय मिलकर दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों द्वारा अपनी पूरी ताकत के साथ मुसलमानों के विरुद्ध नफरत फैलाने का एक है? कहने को तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों के करने वाले बयान की निंदा करते हैं। एसोसिएशन ने कहा सुनियोजित षड्यंत्र रचा जा रहा है। किसी भी तरह से सशक्तिकरण की बात भी करते हैं। यह भी सुना जा चुका कि शहादत का हर हाल में सम्मान किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक वीडियो उन्हें देश विरोधी तथा आतंकवाद का समर्थक या है कि वह मुसलमानों के एक हाथ में कुरान तथा दूसरे इतना ही नहीं बल्कि चुनाव आयोग सहित पूरे देश में प्रज्ञा देखने का मौका मिला। राष्ट्रीय विचार मंच बड़ोदरा के पाकपरस्त साबित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस हाथ में कंप्यूटर देखना चाहते हैं परंतु मुस्लिम ठाकुर के इस बयान की घोर निंदा की गई। आिखरकार बैनर तले आयोजित एक गोष्ठी में धुर दक्षिणपंथी प्रकार की मनगढंत व काल्पनिक कहानियां गढ़ने वालों सशक्तिकरण के उनके दावे का एक दूसरा पहलू यह भी उसे अपना बयान यह कहते हुए वापस लेना पड़ा कि यह विचारधारा रखने वाले एक वक्ता अपने भावनात्मक को मुफ्ती मोहम्मद सईद के रूप में एक कथित गद्दार है कि उनकी पार्टी ने गुजरात में किसी भी मुस्लिम को मेरा निजी बयान था मैं इसे वापस लेती हूं और माफ लहजे में उपस्थित लोगों को यह समझा रहे थे कि गृहमंत्रीश् तो दिखाई देता है परंतु इन्हें देश को स्वतंत्रता अपनी पार्टी का उम्मीदवार न बनाए जाने का जो प्रयोग मांगती हूँ। प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान अनायास ही दिया मुसलमानों को मंत्री बनाना या कोई दूसरा महत्वपूर्ण पद दिलाने हेतु अशफक उल्ला खां का फंसी पर चढ़ना नजर किया था उसे अब वे राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू कर चुके गया बयान नहीं था बल्कि दक्षिणपंथियों द्वार हेमंत करकरे देना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने नहीं आता। इन स्वयंभू राष्ट्रवादियों को परमवीर चक्र हैं। यहां तक कि इस चुनाव में उनके दो चिरपरिचित की शहादत से लेकर अब तक गुपचुप तरीके से पूरे देश अपने तर्क के पक्ष में मुफ्ती मोहम्मद सईद के गृहमंत्री विजेता वीर अब्दुल हमीद का बलिदान दिखाई नहीं मुस्लिम चेहरे शाहनवाज हुसैन तथा मुख्तार अब्बास में यही प्रचारित किया जा रहा था जो साध्वी प्रज्ञा द्वारा होने के दौर की वह घटना सुनाई कि किसी प्रकार उनके देता। देश की सैन्य रक्षा प्रणाली को अग्रिम पंक्ति में ले नकवी भी नदारद हो चुके हैं। ठीक इसके विपरीत जिन साफ शब्दों में कहा भी गया। परंतु जब भारतीय जनता गृहमंत्री बनते ही उनकी बेटी डॉ. रूबिया सईद का जाकर खड़ा करने वाला मिसाईलमैन एपीजे अब्दुल राष्ट्रवादियों पर यह दक्षिणपंथी शक्तियां अपना विश्वास पार्टी ने साध्वी के बयान से अपनी भारी फजीहत होते हुए अपहरण कश्मीरी आतंकवादियों द्वारा किया गया और कलाम दिखाई नहीं देता। अंग्रेजों की खुशामदपरस्ती जता रही हैं तथा जिन चेहरों में इनको वास्तविक राष्ट्रवाद देखी तो पार्टी ने बंद कमरे में बिठाकर साध्वी को न किस प्रकार उनकी बेटी की रिहाई के बदले में कई करने वालों को मालूम होना चाहिए कि देश के स्वतंत्रता दिखाई दे रहा है उनमें इस चुनाव में अवतरित हुई साध्वी केवल अपना बयान वापस लेने के लिए बाध्य किया आतंकियों को छोड़ा गया। वक्ता महोदया ने सैफुद्दीन संग्राम में 2-4-10 नहीं बल्कि हजारों मुसलमानों ने प्रज्ञा ठाकुर भी हैं। इन्हें योगी आदित्यनाथ का एडवांस बल्कि भविष्य के लिए भी यही समझाया कि वह हिरासत सोज तथा गुलाम नबी आजाद के परिवार के कुछ लोगों हिंदुओं व सिखों के साथ मिलकर अंग्रेजों के विरुद्ध वर्जनश् भी कहा जा सकता है। साध्वी के तेवरों तथा के दौरान अपने ऊपर किए गए कथित जुल्मों व सिख्तयों के अपहरण की कुछ कहानियां भी सुनाईं। कुल अपनी जान की बाजिघ्यां लगाई हैं। इतिहास इन इनकी दिव्य शक्ति का अंदाजा आतंकवाद विरोधी दस्ते की दास्तान तो जनता को जरूर सुनाए परंतु हेमंत करकरे मिलाकर उपस्थित जनसमूह को वह यही समझाना चाह कुर्बानियों की अनदेखी नहीं कर सकता। जिस कौम को के प्रमुख रहे आईपीएस अधिकारी शहीद हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल सार्वजनिक रूप से न खड़ा करे। रहे थे कि उपरोक्त नेताओं ने आतंकवादियों के साथ गद्दार तथा देशद्रोही साबित करने की कोशिश के बारे में दिए गए उस बयान से भी लगाया जा सकता साध्वी का आरोप व उसकी माफ जैसी औपचारिकताएं मिलीभगत से अपने-अपने परिवार के लोगों का दक्षिणपंथियों द्वारा की जा रही है उस कौम से संबंध है जिसमें उसने करकरे को कुटिल तथा देशद्रोही बताया तो अपनी जगह हैं परंतु उसके इस बयान ने निश्चित रूप जानबूझ कर अपहरण करवाया तथा इसके बदले में रखने वाले सैकड़ों शहीदों के नाम इंडिया गेट के पत्थरों था। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मैंने हेमंत करकरे से से दक्षिणपंथी विचारधारा रखने वाले लोगों की अनेक आतंकवादियों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ। पर दर्ज हैं। संघी मानसिकता के उक्त विचारक की बात कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा। उसका दावा है कि वास्तविकता से पर्दा जरूर हटा दिया है। हेमंत करकरे को यही वक्ता महोदय उपस्थित जनसमूह से प्रधानमंत्री नरेंद्र सुनकर एक सवाल यह पैदा होता है कि जब मुसलमान उसके श्राप दिए जाने की वजह से ही आतंकवादियों ने श्राप देने के बयान से करकरे के परिवार सहित पूरे देश मोदी को देश में अवतार के रूप में प्राप्त हुआ एक कौम भरोसे के लायक नहीं और खासतौर पर मुफ्ती हेमंत करकरे को मार डाला। साध्वी प्रज्ञा द्वारा दिया गया के हजारों शहीद परिवारों के दिलों पर क्या गुजरी होगी दूरदृष्टि रखने वाला योग्य तथा देश का उज्वल भविष्य मोहम्मद सईद देश के गद्दार व आतंकी समर्थकश् यह बयान कितना राष्ट्रवादी बयान था इसका अंदाजा इसी यह इन स्वयंभू राष्ट्रवादियों के बयानों तथा विचारों से साफ संवारने वाला नेता भी बता रहे थे और उनके प्रति न गृहमंत्री थे फि आिखर उसी मुफ्ती मोहम्मद सईद व बात से लगाया जा सकता है कि उनके इस गैर जाहिर होता है। रही-सही कसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केवल जनसमर्थन बल्कि पूरा भावपूर्ण समर्पण भी मांग उसकी बेटी महबूबा मुफ्ती के साथ जम्मू-कश्मीर में जिम्मेदाराना एवं अपमानजनक बयान के बाद देश की विरुद्ध पर्चा दाखिल करने वाले तेज बहादुर यादव ने पूरी रहे थे। देश ने मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री डॉ. रूबिया भारतीय जनता पार्टी द्वारा सरकार बनाए जाने का आिखर आईपीएस एसोसिएशन ने इस कथित साध्वी के बयान कर दी। आज भले ही तेज बहादुर यादव का पर्चा किन्हीं सईद के अपहरण की कहानी तो जरूर सुनी होगी परंतु क्या औचित्य था? क्या वजह थी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक की घोर भत्र्सना कीएसोसिएशन ने कहा कि-अशोक तकनीकी कारणों से निरस्त क्यों न कर दिया गया हो परंतु यह बात हरगिज नहीं सुनी होगी कि भारत के गृहमंत्री संघ के पूर्व प्रवक्ता तथा भाजपा के वर्तमान महासचिव चक्र हासिल करने वाले दिवंगत पुलिस कर्मी हेमंत वाराणसी की लोकसभा सीट पर नरेंद्र मोदी के विरुद्ध ने स्वयं ही अपनी बेटी का अपहरण आतंकियों से राम माधव ने मुफ्ती जैसे उस गद्दार परिवारश् के साथ करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए देश के लिए प्रचार करने वाले हजारों पूर्व सैनिक इन दक्षिणपंथियों के मिलीभगत के साथ करवाया था। पूरे देश में इस समय मिलकर जम्मू-कश्मीर में भाजपा व पीडीपी की संयुक्त सर्वोच्च बलिदान दिया था। हम सभी पुलिसकर्मी एक कथित राष्ट्रवाद के असली चेहरे को बेनकाब करते जरूर दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों द्वारा अपनी पूरी ताकत सरकार बनाई जो अफजल गुरु को शहीद मानता आ रहा नेता (साध्वी प्रज्ञा) द्वारा उनके बलिदान का अपमान दिखाई दे रहे हैं।