300 वर्ग मी0 से बड़े  भूखण्डों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य 

 

300 वर्ग मी0 से बड़े  भूखण्डों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य 


कानपुर। 

कार्यशाला में के0डी0ए0 उपाध्यक्ष ने बताया  कि  प्रधानमंत्री एवं  मुख्य मंत्री  जल संरक्षण एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग को एक राष्ट्रव्यापी मिशन के रुप में प्रोत्साहित किया है। इस कार्यशाला के माध्यम से प्राधिकरण इस मिशन को सशक्त करने के उद्धेश्य से जनजागरण अभियान की शुरुआत कर रहा है। उन्होंने कहा  कि इंदिरा नगर में निर्माणाधीन रेन वाटर हार्वेस्टिंग थीम पार्क इस अभियान की एक ठोस पहल है। इस थीम पार्क के माध्यम से नागरिकों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सभी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी।  




मंगलवार  को  प्राधिकरण समकक्ष में के0डी0ए0 उपाध्यक्ष किंजल सिंह की अध्यक्षता में रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में कानपुर नगर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित बड़े निर्माणों यथा-गुप हाउसिंग, विद्यालय, हास्पिटल आदि के विकासकर्ताओं यथा--रतन होम्स, डाल्फिन डेवलपर्स, सारा बिल्डर्स, पूर्णचन्द्र विद्या निकेतन आदि तथा नगर में स्थित विभिन्न सरकारी विभागों नगर निगम, पी.डब्लू. डी., श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग आदि के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था।  के0डी0ए0 के नगर नियोजक  ज्योति प्रसाद ने   बताया  कि 300 वर्ग मी0 एवं इससे बड़े क्षेत्रफल के भूखण्डों पर निर्मित भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्राविधान करना अनिवार्य है अन्यथा प्राधिकरण  कार्यवाही कर  सकता  है। 


प्राधिकरण के विरूद्ध विभिन्न वादों में प्रभावी पैरवी करें 


इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता  ए.आर. शिवकुमार, जो कि इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ साइंस के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने  रेन वाटर हार्वेस्टिंग के आसान एवं कम लागत के तकनीकों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने  बताया कि बरसात के जल को यदि फिल्टर करते हुए भूमिगत टैंक या प्लास्टिक के टैंक में कुछ सावधनियों के साथ एकत्रित किया जाये तो इसे पीने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। इस विधि से नगर के कई क्षेत्रों में पेयजल की समस्या से निजात पायी जा सकती है। 


 इस अवसर पर  डी.सी. श्रीवास्तव, मुख्य अभियन्ता, आलोक वर्मा, ओ.एस.डी.,  के. के. सिंह, संयुक्त सचिव,  एस.के. नागर, अधीक्षण अभियन्ता,  डी.एस. चौहान, अधिशासी अभियन्ता,  मनोज उपाध्याय, अधिशासी अभियन्ता आदि उपस्थित थे।