35 साल की हो गई प्रयागराज एक्सप्रेस


       प्रयागराज।प्रयागराज शहर की लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित गाड़ी प्रयागराज एक्सप्रेस के 35 गौरवशाली वर्ष पूर्णहोने के अवसर पर मंगलवार को इसकी कोरल सालगिरह (Coral Anniversary) मनाई गई  एवं 16 जुलाई, 1984 को इस गाड़ी के शुभारंभ के अवसर पर सेवा प्रदान  करने वाले रेल कर्मचारियों को सम्मानित करने के लिए इलाहाबाद जं पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 


        प्रयागराज एक्सप्रेस उत्तर मध्य रेलवे ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण गाड़ियों में से एक है, यह बहुत ही लोकप्रिय गाड़ी है, इस कारण प्रयागराज एक्सप्रेस के 16 जुलाई, 1984 से प्रारम्भ होने के बाद से लगातार इस गाड़ी को यात्रियों के लिए अधिक से अधिक सुविधाजनक तथा तकनीकी रुप से अप-ग्रेड किया जा रहा है।शुभारम्भ के समय इस गाड़ी में प्रथम श्रेणी के 04 कोच, स्लीपर क्लास के 07 कोच, जनरल के 04 कोच तथा 02 एसएलआर सहित कुल 17 कोच थे। उस समय इसमें ICF/Screw Coupling वाले लाल रंग के कोच लगाये जाते थे जिसमें वैक्यूम ब्रेक का प्रयोग किया जाता था। इस गाड़ी की लोकप्रियता के कारण बाद में इसके कोचों की संख्या में वृद्धि  करते हुए इसे 21 कोच का किया गया। वर्ष 2003 में पुराने कोचों को बदल कर नीले रंग के ICF कोचों को लगाया गया, जिसमें वैक्यूम ब्रेक की जगह एयर ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता था और कोचों की संख्या को भी बढ़ा कर 24 कोच कर दिया गया। 18 दिसंबर 2016 को प्रयागराज एक्सप्रेस में पुराने ICF कोचों की जगह नये LHB (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाये गये। यात्रियों की सुरक्षित, आरामदायक एवं सुखद यात्रा के लिए नये एलएचबी (LHB) कोच ICF कोचों से ज्यादा हल्के और लम्बे हैं। इनसे बिजली की खपत में कमी आई है साथ ही साथ हर कोच में पहले से अधिक संख्या में यात्री यात्रा कर रहे है। स्टील की हल्की लेकिन बेहद मजबूत बाडी होने के कारण एलएचबी कोचों में तेज गति से चलने के दौरान आवाज और कंपन काफी कम होता है। एलएचबी रेक के वातानुकूलित कोचों में अच्छी़ एयरकंडीशनिंग होने के साथ हयूमिडिटी कंट्रोल भी है। प्रकाश व्यवस्था भी पुराने कोचों से बेहतर है। बड़ी खिड़कियां, बायो टॉयलेट, सभी एसी सीटों पर लैंप और ध्वनि इन्सुलेशन इस गाड़ी के एलएचबी कोचों की विशेषताएं हैं।


        कुंभ के समय आने वाले श्रद्धालुओं को सुखद अनुभूति का एहसास कराने एवं कोचों की सुन्दरता बढ़ाने के लिए प्रयागराज एक्सप्रेस के कोचों पर कुम्भ मेला थीम आधारित विनायल रैपिंग (Vinyl wrapping) की गई है। यात्रियों को नवीनतम  सुविधा प्रदान करने के क्रम में आने वाले स्टेशन की जानकारी प्रदान करने के लिए जीपीएस आधारित लोकेशन डेस्टिनेशन डिस्प्ले बोर्ड भी लगाने की तैयारी की जा रही है। प्रयागराज एक्सप्रेस के 35 वर्ष पूर्ण होने के शुभ अवसर पर आज से इस गाड़ी में HOG (Head On Generation) की सुविधा भी प्रारंभ कर दी गई है जिससे प्रति वर्ष लगभग ₹1 करोड़ की विद्युत ऊर्जा की बचत होगी तथा ध्वनि एवं वायु प्रदुषण में भी कमी आयेगी। प्रयागराज एक्सप्रेस उत्तर मध्य रेलवे की पहली ISO 9001 प्रमाणित ट्रेन है। यह बहुत ही लोकप्रिय गाड़ी है तथा इसकी समय पालनता लगभग शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए इसे रेलवे के उच्च प्राथमिकता के साथ चलाया जाता है, यही कारण है कि इसकी हर सफर में सभी आरक्षित तथा अनारक्षित सीटें फुल रहती हैं।


     प्रयागराज एक्सप्रेस के 36वें जन्मदिवस के अवसर पर केक काटा गया तथा प्रयागराज एक्सप्रेस में आज यात्रा करने वाले समस्त यात्रियों का मुंह मीठा कराते हुए सभी को टाफी खिलाई गई।  इसके अतिरिक्त इस शुभ अवसर पर आज प्रयागराज एक्सप्रेस में वातानुकूलित कोच के यात्रियों के लिनेन विशेष रूप से तैयार किये गए काटन बैग में दिए गए।


इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आये हुए अन्य सम्मानित जन को कोरल सालगिरह बैज लगाये गए एवं प्रयागराज एक्सप्रेस की जीवन गाथा के बारे में विस्तार से बताया गया तथा डाकुमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। महाप्रबंधक ने इस गाड़ी के प्रथम परिचालन से जुड़े कर्मचारी शीतला प्रसाद श्रीवास्तव, वी एम दुबे, डी एन सक्सेना, गजेन्द्र सिंह, राम रतन, प्रताप सिंह, विदित तिवारी, अजय गुप्ता, एम पी सिंह, राम सिंह, सुनील कुमार श्रीवास्तव, विष्णु चंद शुक्ला,  रामजी सिंह, सुनील कुमार छिब्बर,  विनोद नाविक, तौकीर अहमद, शंकर लाल,  नवल किशोर सहित  कुल 18 कर्मचारियों को प्रमाण पत्र एवं मेमेंटो  प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त अधिकारियों एवं उपस्थित अन्य गणमान्य को भी  यादगार स्वरुप मेमेंटो प्रदान किया गया।


        इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक अमिताभ एवं उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय एवं मंडल के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।