रेलवे के डेटा विश्लेषण परियोजनाओं में  जुड़ सकते हैं एमएनएनआईटी के छात्र






 



प्रयागराज।


सोमवार को उत्तर मध्य रेलवे के  मुख्यालय सूबेदारगंज में डाटा एनालिटिक्स पर एक कार्यशाला आयोजित की गई।  एम.एन.एन.आई.टी प्रयागराज से कार्यशाला में आये दो प्रख्यात वक्ताओं डॉ अनिल कुमार सिंह और डॉ मयंक पांडे ने प्रतिभाग किया।


महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने सभी कार्य क्षेत्रों में निर्णय लेने में डेटा विश्लेषणात्मक उपकरणों के उपयोग के महत्व पर प्रकाश बताया। उन्होंने ने सुझाव दिया कि रेलवे डेटा का एक बड़ा स्रोत है और एमएनएनआईटी के छात्र रेलवे के साथ डेटा विश्लेषण परियोजनाओं में जुड़ सकते हैं जो रेलवे के लिए फायदेमंद होगा और छात्रों के लिए बहुत अच्छा अनुभव होगा।


       एमएनएनआईटी के  दोनों वक्ताओं ने इस क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न आंकड़ों, उनके विश्लेषण के लिए उपलब्ध साधन और नवीनतम विकास के बारे में बताया। डॉ अनिल कुमार सिंह ने आई.आई.टी रुड़की से पीएचडी और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में एमएनएनआईटी इलाहाबाद से एम. टेक की डिग्री प्राप्त की है। वर्तमान में मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी इलाहाबाद, भारत के कम्प्यूटर साइंस विभाग में प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे हैं और विभाग के प्रमुख भी हैं। उनके पास 25 वर्ष से अधिक का शिक्षण अनुभव है। उन्होंने डाटा माइनिंग, सेमेटिक वेब, रिकमेंडर सिस्टम और क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में विभिन्न शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। डा. सिंह को वर्ष 2003 मेंमानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिष्ठित कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप (कनाडा) से सम्मानित किया गया है। उन्होनें प्रयागराज में आयोजित कुंभ 2019 के दौरान भीड़ के  प्रबंधन में  सिमुलेटिंग मॉडल तैयार करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा लार्सन एंड टुब्रो (L & T), को भीड़ प्रबंधन पर कंसल्टेंसी प्रदान कर रहे हैं।


महाप्रबंधक सहित उत्तर मध्य रेलवे   के कई अधिकारी व कर्मचारी होंगे सम्मानित



       दूसरे वक्ता डॉ. मयंक पांडे ने आईआईटी खड़गपुर से एम.टेक. और एमएनएनआईटी इलाहाबाद से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में डॉ. मयंक पांडे मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारत के सीएसई विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उनके पास शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में 16 से अधिक वर्षों का अनुभव है। डॉ. पांडे ने कई एम.टेक और पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन भी किया है।


 



       कार्यशाला का विषय “बिग डेटा” था, जो तेज गति से बड़ी मात्रा में डाटा का संग्रहण, उसका विश्लेषण कर उपयोगी जानकारी एवं प्रभावी समाधान प्राप्त करने के लिए है। अनुमानतः 2025 तक वैश्विक रूप से 175 जेरा बाइट्स जानकारी उपलब्ध होगी और जब तक उपलब्ध आंकड़ों का सही विश्लेषण नहीं किया जाता है, निर्णय लेना सटीक नहीं होगा।


        रेलवे लगभग सभी क्षेत्रों जैसे ट्रेन संचालन, आरक्षण, रखरखाव, परियोजनाओं के निष्पादन आदि में डेटा विश्लेषण का उपयोग करता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कौशल में सुधार करना है, ताकि हमारे डेटा विश्लेषण का प्रयोग संसाधनों से यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ भविष्य के विकास की जरूरतों को समझने के लिए और अधिक उपयोगी बनाया जा सके।


 उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक चौधरी की अध्यक्षता में हुई इस कार्यशाला में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष, मुख्यालय एवं इलाहाबाद मण्डल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।