उत्तर मध्य रेलवे का NCRSDMS एप्प  लॉन्च 


प्रयागराज। शुक्रवार को सामग्री प्रबंधन रेलवे बोर्ड के सदस्य और भारत सरकार के पदेन सचिव वी. पी. पाठक ने उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय का दौरा किया। उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक, पी.एन. पाण्डेय ने बताया कि पाठक ने भारतीय रेल में सामग्री प्रबंधन के डिजिटलीकरण की दिशा में कई पहल की हैं। सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर के रूप में रेलवे में डिजिटलीकरण ने माल की उपलब्धता को बेहतर करने और इन्वेंट्री कंट्रोल के माध्यम से व्यय में बचत करने में मदद की है। उत्तर मध्य रेलवे ने सामान की खरीद करने और नीलामी के कार्यों के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में विभिन्न पहल की हैं और अधिकांश प्रक्रियाओं के कागज रहित होने से कार्य की गति में वृद्धि और पारदर्शिता आ रही हैं।


 डिजिटलीकरण के क्षेत्र में की गयी प्रमुख पहल हैं:-



  • सामग्री की खरीद करने में नान स्टाक इंडेंट का प्लेसमेंट,रिक्यूजिशन एवं इश्यूनोट का जनरेशन, इम्प्रेस्ट आइटम का सबमिशन एवं इस्यू करने एवं अर्नेस्ट मनी के रिफंड किये जाने के कार्यों को 100% आन-लाइन किया जा चुका है|

  • इसी क्रम में इंडेंटिंग,टेंडर प्रक्रिया, ई-टेंडरिंग, टेंडर निस्तारण, ईएमडी के रिफंड करने, काउन्टर आफर जारी करने आदि कार्यों का भी पूर्ण रूप से डिजीटलीकरण किया जा चुका है|


       बैठक के दौरान एक वेब आधारित ऐप "“ North Central Railway Sales Delivery Management System -NCRSDMS“" को भी लॉन्च किया गया, इस ऐप के माध्यम से नीलाम की गई स्क्रैप सामग्री का पारदर्शी तरीके से वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।


       उत्तर मध्य के महप्रबंधक रेलवे राजीव चौधरी ने बताया कि पाठक बेहतर सामग्री प्रबंधन में उत्तर मध्य रेलवे का मार्गदर्शन करेंगे।


       सदस्य सामग्री ने कहा कि वे उत्तर मध्य रेलवे को जीईएम के प्रयोग में जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उन मुद्दों को उठायेंगे। उत्तर मध्य रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 25 करोड़ रुपये से अधिक के सामान की खरीद  जीईएम  के माध्यम से की है। पाठक ने सामग्री प्रबंधन के क्षेत्र में की गई विभिन्न पहलों पर उत्तर मध्य रेलवे को बधाई दी। इस अवसर पर पाठक ने उनके प्रयागराज से सन 1975 से जुड़ाव के सम्बंध में भी बताया कि जब वह मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज ज्वाइन किया था और उन्होने अपने इलाहाबाद मण्डल के शुरुआती कैरियर और उत्तर मध्य रेलवे के गठन के दौरान की यादें भी साझा कीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे लिए संरक्षा सर्वोपरि है और ट्रेन संचालन में संरक्षा को बेहतर बनाने के हमारे सभी प्रयास जमीनी स्तर तक पहुंचने चाहिए। उन्होंने समयपालनता में सुधार के लिये उत्तर मध्य रेलवे के  प्रयासों की भी सराहना की.  उन्होंने कहा कि आईटी का वास्तविक लाभ तब प्राप्त किया जा सकता है जब हमारी प्रक्रियाओं की पुनः जांच की आवश्यकता कम से कम हो।  उन्होंने कहा कि अगर हमें यकीन है कि कुछ अच्छा है तो हमें सिर्फ इसलिए पीछे नहीं रहना चाहिए क्योंकि यह मुश्किल है। बताते चलें कि


वी. पी. पाठक ने 1979 में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और भारतीय रेल स्टोर्स सेवा के 1980 बैच के अधिकारी है। सदस्य सामग्री प्रबंधन का पदभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होने भारतीय रेल के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर जैसे महाप्रबंधक, चितरंजन लोकोमोटिव कारखाने और महानिदेशक स्टोर्स के पद पर अपनी सेवा दी है। चितरंजन लोकोमोटिव कारखाने में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होने वर्ष 17-18 में350 लोकोमोटिव उत्पादन का उच्चतम उत्पादन हासिल किया था।   


       इससे पहले पाठक ने उत्तर मध्य रेलवे के स्टोर विभाग की एक विस्तृत समीक्षा बैठक की।  वी.पी.पाठक और अन्य अधिकारियों ने वृक्षारोपण किया।