अयोध्या, कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मुरादाबाद क्षेत्र डग्गामारी के खिलाफ अभियान में सर्वश्रेष्ठ
  

 

लखनऊ।

डग्गामारी (अनधिकृत बसें) के कारण, सरकार और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम काफी हद तक राजस्व खो रहे थे। इसके अलावा, ज्यादातर डग्गामारी वाहन “सीटिंग कैपेसिटी“ और “रूट नॉर्म्स“ के मानक मानदंडों का पालन नहीं करते हैं। कई मामलों में बसों की फिटनेस भी डग्गामार वाहन के साथ एक मुद्दा था।

 

इसलिए यात्रियों की सुरक्षा और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और सरकार के राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करने के दोहरे उद्देश्य के साथ, “अवैध बसों (डग्गामार)“ के खिलाफ एक संयुक्त अभियान उ0प्र0 परिवहन निगम, परिवहन विभाग और स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के संयुक्त रूप से जुलाई में चलाया गया था।


इस विशेष अभियान में, ट्रैफिक पुलिस की मदद से क्षेत्रीय प्रबन्धक व सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, सम्भागीय परिवहन अधिकारी व सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी ने डग्गामारी के लिए कई उच्च संभावना वाले पॉकेट की पहचान की और उनके खिलाफ “संयुक्त अभियान“ चलाया। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के लिए डग्गामारी एक खतरा बन गया था। 

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने जुलाई में डग्गामार वाहनों के खिलाफ संयुक्त अभियान में उत्तर प्रदेश में कुल 145 चेकिंग की गई तथा अनाधिकृृति रूप से संचालित कुल 826 डग्गामार वाहन जब्त किए गए। कुल 129 वाहनों को चालान कर रू0 35.96 लाख की धनराशि वसूल की गयी। अयोध्या, कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मुरादाबाद क्षेत्र ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने संबंधित क्षेत्रीय प्रबन्धक व सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक व  सम्भागीय परिवहन अधिकारी   व सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी और ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को अच्छा और सराहनीय कार्यों के लिए “प्रशंसा पत्र“ जारी किया है।

झांसी, मिर्जापुर, बस्ती, सहारनपुर क्षेत्र ने विशेष अभियान में खराब प्रदर्शन किया गया। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डा0 राज शेखर जी ने “खराब प्रदर्शन“ के लिए उपरोक्त क्षेत्र व जिला के क्षेत्रीय प्रबन्धक   व सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक को “कारण बताओ नोटिस“ जारी किया है।

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डा0 राज शेखर जी ने सभी क्षेत्रीय प्रबन्धक और सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक को “संभावित डग्गामार वाहन मार्गों“ की पहचान करने और सम्भागीय परिवहन अधिकारी और ट्रैफिक पुलिस की मदद से उनके खिलाफ मासिक अवैध संचालन की समीक्षा करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्हें अवैध बसों की की तस्वीरें और वीडियो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम मुख्यालय को नियमित आधार पर भेजने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, मुख्यालय पर मासिक आधार पर अनाधिकृृति संचालन की समीक्षा की जायेगी।