युवाओं ने स्नेही मार्गदर्शक खो दिया: राकेश सिंह

भोपाल। सुषमा दीदी पार्टी के उत्थान और विकास के हर दौर की साक्षी रहीं। एक प्रखर नेता के रूप में उन्होंने हर दौर में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। युवा सांसदों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए तो सुषमा दीदी का इस तरह जाना गंभीर क्षति है, जिनका स्नेहिल मार्गदर्शन सभी को सहजता से उपलब्ध रहता था। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही।

 राकेश सिंह ने कहा कि सुषमा दीदी की वक्तृत्व कला ने उनके राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत से ही सभी को आकर्षित करना शुरू कर दिया था। कठिन से कठिन विषय को पूरी सरलता के साथ स्पष्ट करना उनकी विशेषता रही। पार्टी के प्रति उनका समर्पण अद्वितीय था। वे बिना ना नुकूर के बेल्लारी से कांग्रेस प्रत्याशी सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ीं और महज 15 दिनों में कन्नड़ भाषा सीखकर उन्होंने सभी को चैंका दिया था। सिंह ने कहा भारत के विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में सारी दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने न सिर्फ विदेश मंत्रालय के चेहरे को मानवीय और मददगार स्वरूप प्रदान किया, बल्कि वे समूची शासन प्रणाली के मानवीयकरण की अग्रदूत के रूप में याद की जाएंगी। 

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती स्व. सुषमा दीदी का विशेष संबंध रहा है और उनका जाना प्रदेश के हर कार्यकर्ता, हर व्यक्ति के लिए दुखद है। मैं उनकी आत्मिक शांति की कामना करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे उनके परिजनों को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।