भोपाल। एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार अंर्तराष्ट्रीय मंदी के प्रभावों से देश को बचाने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार द्वारा उठाए गए इन पांच कदमों से 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिलेगी, साथ ही देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सरकार द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों का अच्छा प्रभाव होगा, जिसके संकेत भी मिलने लगे हैं। लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश की कमलनाथ सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने जैसे कदम उठा रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए तो नुकसानदेह हैं ही, इसके असर आने वाले समय में रोजगार के अवसर भी कम हो सकते हैं। यह बात राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने शुक्रवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
लगातार प्रयास कर रही केंद्र सरकार
गोपाल भार्गव ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर अंर्तराष्ट्रीय मंदी की छाया जबसे पड़ी है, हमारे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री लगातार ऐसे प्रयास कर रहे हैं कि देश को इससे बचाया जा सके। केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है कार्पोरेट टैक्स में कमी का। इसके सुखद परिणाम दिखाई देने लगे हैं और पूंजी निवेश बढ़ने की आशा जगी है। दूसरा बड़ा कदम केंद्र सरकार ने उठाया है जीएसटी में कमी का। सरकार के इस कदम से घाटे में चल रहे उद्योग फायदे में आएंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
ट्रेड वार के दौर में भारत आएंगे निवेशक
भार्गव ने कहा कि ऐसे समय में जबकि अंर्तराष्ट्रीय परिदृश्य पर चीन-अमेरिका के ट्रेड वार की परछाईं पड़ रही है, केंद्र सरकार द्वारा कार्पोरेट टैक्स और जीएसटी की दरों में कमी किए जाने से निवेशक भारत की तरफ आकर्षित होंगे। विशेषकर चीनी कंपनियों के लिए भारत निवेश का बेहतर विकल्प बन कर उभरेगा, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था में सुधार होगा साथ ही देश और प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
10 नौकरियां भी नहीं दे पाई कमलनाथ सरकार
भार्गव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए उठाए गए कदमों का लाभ मध्यप्रदेश को भी होगा। यहां निवेश बढ़ेगा और कई नए औद्योगिक घराने मध्यप्रदेश में निवेश करेंगे। इसके अलावा पहले से चल रहे उद्योगों की सेहत में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण के चलते आगामी समय में 10 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। लेकिन प्रदेश की कमलनाथ सरकार अपने 10 माह के कार्यकाल में प्रदेश के 10 युवाओं को भी नौकरियां नहीं दे पाई, जबकि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में 1 लाख रोजगार प्रतिवर्ष सृजित किए जाने की बात कही थी। इसके अलावा इस सरकार ने बेरोजगार युवाओं को 4 हजार रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की बात भी कही थी, लेकिन उसे भी यह सरकार पूरा नहीं कर सकी।
पेट्रोल-डीजल महंगा होने से घटेगा राजस्व
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिया है, जिससे पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों के मामले में मध्यप्रदेश अव्वल हो गया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल 6-7 रुपए महंगा है, जिससे आगामी समय में प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की खपत तेजी से कम होगी। इससे जहां एक ओर पेट्रोल पंप संचालक घाटे में आएंगे, नौकरियां कम होंगी, वहीं किसानों के लिए खेती की लागत बढ़ेगी तथा व्यापारियों के लिए बढ़ा हुआ भाड़ा मुसीबत बनेगा। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर कमलनाथ सरकार के इस कदम से प्रदेश को आर्थिक नुकसान होगा तथा बिक्री कम होने से आगामी समय में राजस्व भी कम हो सकता है। भार्गव ने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने की बात कही थी, लेकिन कमलनाथ सरकार का यह कदम इसके विपरीत है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस कदम का विरोध करती है और यह मांग करती है कि पेट्रोल-डीजल पर करवृद्धि तुरंत वापस ली जाए।