भोपाल। 1991 में जब हम एकता यात्रा के लिए कश्मीर गए, तो हमें कड़ी सुरक्षा में श्रीनगर ले जाया गया। रात भर वहां गोलियां चलती रहीं। हम अपनी मर्जी से कहीं नहीं जा सकते थे। ये हाल थे हमारे उस कश्मीर के जिसे हम भारत का अभिन्न अंग कहते रहे हैं। इसकी वजह थी 370, जिसे उस समय के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने सिर्फ शेख अब्दुल्ला से अपनी दोस्ती निभाने के लिए लागू कर दिया था। लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने 370 और 35 ए को हटाकर उस सपने को साकार कर दिया है, जिसे डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी से लेकर जनसंघ और भाजपा का हर कार्यकर्ता दशकों से देखता रहा है। यह बात शुक्रवार को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया ने अनुच्छेद 370 और 35 ए के बारे में जनजागरण अभियान के अंतर्गत आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में कही।
मोदी जी ने पूरा किया अखंड भारत का सपना
वसुंधरा राजे ने कहा कि हम लोग बचपन से ये सुनते आ रहे थे कि दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर कश्मीर चले गए, जहां उन्होंने अपना बलिदान दिया। अटलजी की सरकार बनने पर उन्होंने इसके लिए प्रयास किए, लेकिन बहुमत नहीं था। हम ये नारा जरूर लगाते थे कि ' कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है', लेकिन मन में कुछ अधूरा सा लगता था। अब प्रधानमंत्री , अमित शाह ने दृढ़ इच्छाशक्ति से डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के अखंड भारत के सपने को साकार कर दिया है।
भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक, होगा विकास
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि 370 के कारण कश्मीर में केंद्र सरकार का वित्तीय अनुशासन लागू नहीं होता था, कानून लागू नहीं होते थे। पं. नेहरू के इस प्रावधान ने कश्मीर के मामले में संसद को लाचार बना दिया था। जब मैं लद्दाख गई, तो मैंने वहां का पिछड़ापन देखा। वहां के लोगों का कहना था कि हम कश्मीर के साथ नहीं रहना चाहते। इसकी वजह यह थी कि 70 सालों में हजारों करोड़ खर्च करने के बावजूद वहां विकास नहीं हुआ, पैसा पता नहीं कहां गया। लेकिन अब लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दोनों केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। वहां अब भारत का झंडा फहराएगा, भारत का हर कानून लागू होगा और विकास होगा। जब वहां के लोगों को शांति, सुरक्षा और रोजी-रोटी की सुविधा उपलब्ध होगी, तो उन लोगों के दावे गलत साबित हो जाएंगे, जो यह कहते हैं कि जरा सख्ती कम होने दीजिए कश्मीर में, फिर देखिए।
बदलते देश को देखकर बच्चा-बच्चा गौरवान्वितः राकेश सिंह
राकेश सिंह ने स्व. राजमाता जी का देश और पार्टी के प्रति योगदान को याद करते हुए वसुंधरा राजे का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है और बदलाव को देश के साथ-साथ सारी दुनिया भी महसूस कर रही है। उन्होंने ह्यूस्टन का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार यह हो रहा है कि दुनिया के किसी देश में जब चुनाव हो रहे हों, तो वहां के नेता इस उम्मीद में भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते हैं। यह दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत और प्रभाव का असर है और इस सुखद बदलाव से देश का बच्चा-बच्चा गौरान्वित है।
भारतमाता के मुकुटमणि से काला धब्बा हटा दिया
राकेश सिंह ने कहा कि हमें आजादी मिले 70 साल हो गए, लेकिन कश्मीर की स्थिति के कारण ये आजादी अधूरी लगती थी। वहां देश के नागरिकों को कोई अधिकार हासिल नहीं थे। वहां की बेटी यदि देश के अन्य राज्य में शादी कर लेती थी, तो उसके अधिकार समाप्त हो जाते थे। लेकिन यदि वही बेटी पाकिस्तान के किसी युवक से शादी करती थी, तो उस युवक को भी कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी। यह विडंबना और वेदना 1947 से ही जारी थी। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर के लिए अपना बलिदान दिया और भारतीय जनता पार्टी की यह परंपरा रही है कि हम अपने पूर्वजों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देते। अब मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने 370 और 35 ए समाप्त करके भारतमाता के मुकुटमणि कश्मीर से काला धब्बा हटा दिया है।
इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, प्रदेश महामंत्री व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व मंत्री विश्वास सारंग, महापौर आलोक शर्मा, जिला अध्यक्ष विकास विरानी, चेतन सिंह, सुरजीत सिंह चौहान सहित पदाधिकारी एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे।