उ म रे मुख्‍यालय में राजभाषा पखवाड़ा का शुभारंभ


         प्रयागराज।
उत्‍तर मध्‍य रेलवे मुख्‍यालय में अपर महाप्रबंधक  अरुण मलिक की अध्‍यक्षता में राजभाषा पखवाड़ा समारोह का शुभारंभ एवं क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की बैठक संपन्‍न हुई।  अपर महाप्रबंधक   ने कहा कि हिंदी ने संपर्क भाषा के रूप में राष्‍ट्रीय मूल्‍यों और देश की भावनात्‍मक एकता को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है। हिंदी आपसी मेलजोल और समन्‍वय से पल्‍लवित और विकसित हुई हैं। आज हिंदी का प्रयोग-ज्ञान विज्ञान और टेक्‍नालॉजी के क्षेत्र में बढ़ रहा है। वहीं राष्‍ट्र में एक नई चेतना के प्रसार के माध्‍यम की भूमिका निभा रही है और विश्‍वपटल पर इसमें मुखरित सशक्‍त और महत्‍वाकांक्षी भारत की पहचान को वैश्विक सम्‍मान मिला है। हिंदी के बढ़ते महत्‍व का ही परिचायक है कि आक्‍सफोर्ड इग्लिंश डिक्‍शनरी में हिंदी के आम बोलचाल के शब्‍दों सहित लगभग 900 शब्‍दों को शामिल किया गया है।  मलिक ने कहा कि सरकारी कार्यों में हो रहे डिजिटलीकरण और ई आफिस के क्रियान्‍वयन के मद्देनजर सभी कर्मचारियों को हिंदी साफ्टवेयरों और हिंदी कुंजीयन के प्रयोग में पूरी तरह दक्ष होना चाहिए। अपर महाप्रबंधक ने स्‍टेशनों पर हिंदी के प्रयोग के महत्‍व को रेखांकित करते हुए कहा कि स्‍टेशनों और ट्रेनों में विभिन्‍न क्षेत्रों, भाषाओं और संस्‍कृतियों के यात्री अपने विचारों का आदान-प्रदान हिंदी में ही करते हैं और वहाँ हिंदी का विशाल भावनात्‍मक विस्‍तार देखने को मिलता है, इसलिए स्‍टेशनों के परंपरागत और इलेक्‍ट्रानिक मदों में हिंदी अथवा द्विभाषी रूप का सरल और सही प्रयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।  मलिक ने हिंदी में उत्‍कृष्‍ट कार्य के लिए रेलमंत्री राजभाषा रजत पदक प्राप्‍त करने वाले मुख्‍य बिजली लोको इंजीनियर  अनुपम सिंहल तथा अखिल भारतीय रेल राजभाषा प्रतियोगिता में पुरस्‍कृत उत्‍तर मध्‍य रेलवे के कर्मचारियों को बधाई दी।
बैठक के प्रारंभ में मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं वरिष्‍ठ उप महाप्रबंधक  अमिताभ ओझा ने उपस्थित सभी सदस्‍यों का स्‍वागत करते हुए कहा कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे में राजभाषा के उद्‍देश्‍यों एवं लक्ष्‍यों को पूरा करने के कार्यों को एक अभियान के रूप में लिया गया है तथा अधिकारियों और कर्मचारियों की रचनात्‍मक एवं सहभागी भूमिकाओं को अधिकाधिक महत्‍व दिया जा रहा है। राजभाषा की उत्‍तरोत्‍तर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्यों और प्राप्‍त उपलब्धियों के बारे में समिति को अवगत कराते हुए ओझा ने उत्‍तर मध्‍य रेलवे मुख्‍यालय में 16 सितंबर से 30 सितंबर तक मनाए जाने वाले राजभाषा पखवाड़ा कार्यक्रमों की विस्‍तृत जानकारी दी।
बैठक के अवसर पर हिंदी के युग पुरुष भारतेन्‍दु हरिश्‍चन्‍द्र राष्‍ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर और हिंदी गजल के अप्रतिम रचनाकार दुष्‍यंत कुमार के जयंती माह के उपलक्ष्‍य में साहित्यिक परिचर्चा आयोजित की गई, जिसमें अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए प्रधान मुख्‍य वाणिज्‍य प्रबंधक एम.एन.ओझा ने कहा कि भारतेन्‍दु सिर्फ साहित्‍यकार नहीं थे बल्कि एक संस्‍था और आंदोलन थे। संपादक, निबंधकार, नाटककार के रूप में उनके जैसा आधार स्‍तंभ कोई नहीं हुआ। उन्‍होंने उपनिवेश वाद के दौर में राष्‍ट्र को निज भाषा उन्‍नति अहैं सब उन्‍नति को मूल की संजीवनी दी।  ओझा ने कहा कि राष्‍ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ओजस्‍विता, राष्‍ट्रीयता और देश प्रेम के अद्वितीव कवि है। उन्‍होंने दिनकर की रचना 'हिमालय, 'उर्वशी' और 'रश्मिरथि' के विभिन्‍न पद्यांशों का पाठ किया। दुष्‍यंत कुमार की साहित्‍य पर चर्चा करते हुए ओझा ने कहा कि दुष्‍यंत ने हिंदी गजल की जनवादी परंपरा का शुरूआत की और उसे अलग तेवर दिया। उन्‍होंने दुष्‍यंत की कृति 'साए में धूप' के विभिन्‍न शेरों का उल्‍लेख किया। बैठक के पूर्व अपर महाप्रबंधक अरुण मलिक ने माँ सरस्‍वती के चित्र पर माल्‍यापर्ण कर राजभाषा पखवाड़ा का शुभारंभ किया। बैठक में 'रेल संगम' पत्रिका के नए अंक का विमोचन किया गया।
 सभी अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में हो रही राजभाषा प्रगति से महाप्रबंधक को अवगत कराया।


बैठक में सभी प्रधान विभागाध्‍यक्ष, मंडलों के अपर मंडल रेल प्रबंधक, कारखानों के मुख्‍य कारखाना प्रबंधक एवं अन्‍य सदस्‍य अधिकारी उपस्थित थे।