दीपोत्सव ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अयोध्या/लखनऊ: 


 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के 67 वर्षों के बाद भारत के सांस्कृतिक गौरव, विरासत और परम्परा को जगाने का कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि श्रीराम की परम्परा गौरव की अनुभूति प्रदान करती है और रामराज्य की शासन व्यवस्था भेदभाव रहित तथा सभी दुःखों से परे है। उन्होंने नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि रामराज्य की अवधारणा को साकार करते हुए केन्द्र सरकार देश की सांस्कृतिक, सामरिक और आर्थिक शक्ति को मजबूत करने का कार्य कर रही है। बिना किसी भेदभाव के जाति, सम्प्रदाय, मत, मजहब, भाषा से परे रहकर सभी वर्गों के उत्थान और विकास के लिए योजनाएं चलायी जा रही है।


मुख्यमंत्री आज अयोध्या स्थित रामकथा पार्क में 'दीपोत्सव-2019' के दिव्य और भव्य समारोह को सम्बोधित कर अयोध्या के विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए लगभग 226 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। साथ ही, 'दीपोत्सव' की स्मृतियों को संजोते हुए डाक टिकट जारी किया गया। लोकार्पित परियोजनाओं में अयोध्या स्थित राम की पैड़ी में अविरल जल प्रवाह हेतु पैड़ी की रिमाॅडलिंग, गुप्तारघाट का विकास, अयोध्या स्थित हनुमान गढ़ी के प्रवेश व निकास द्वार पर शेड निर्माण, अयोध्या में भजन स्थल का निर्माण, ग्राम सुनवा में कामाख्या भवानी मन्दिर में यात्री शेड व सुलभ काॅम्प्लेक्स का निर्माण, जिला महिला चिकित्सालय अयोध्या में 100 शैय्या के मेटरनिटी विंग का निर्माण प्रमुख हैं।
 पिछले 05 वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 03 करोड़ आवास मुहैया कराए गए हैं। 10 करोड़ परिवारों को शौचालयों की सुविधा मिली है। 08 करोड़ परिवार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से लाभान्वित हुए हैं। 12 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 50 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का कवर मिला है। उन्होंने कहा कि गरीबों, किसानों, नौजवानों, महिलाओं आदि के लिए लागू की जाने वाली यह सभी योजनाएं आधुनिक रामराज्य की अवधारणा को सिद्ध करती हैं।
भारत की ऋषि परम्परा का सन्देश 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का रहा है। साथ ही, स्वत्व व स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने पर भारत के लोगों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। आज भारत एक महाशक्ति के रूप में उभरते हुए विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने पिछले ढाई वर्षों के दौरान व लगभग डेढ़ दर्जन बार अपने अयोध्या भ्रमण की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों में अयोध्या उपेक्षित था। अब सैकड़ों करोड़ रुपए की योजनाएं अयोध्या के विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए लागू की जा रही हैं। राम की पैड़ी को हरिद्वार स्थित हरि की पैड़ी के समान बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  के कुशल नेतृत्व मे रामायण सर्किट, कृष्णा सर्किट सहित अन्य आध्यात्मिक महत्व के सर्किटों को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा अयोध्या में 'दीपोत्सव', काशी में 'देव-दीपावली' और प्रयागराज में 'कुम्भ' का आयोजन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं।
उत्तर प्रदेश के पास अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे आध्यात्मिक वैभव और महत्व के जनपद हैं। इनकी समृद्ध परम्परा के साथ जुड़ते हुए उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या को उसकी खोयी हुई पहचान वापस दिलाने का कार्य किया जा रहा है। दीपोत्सव का आयोजन उसी कड़ी का एक हिस्सा है। यहां पर आयोजित किया जाने वाला 05 दिवसीय कार्यक्रम त्रेता युग का आभास दिलाता है। उन्होंने दीपोत्सव को देश व दुनिया में दिखाए जाने के लिए मीडिया के प्रति आभार व्यक्त किया।
 भगवान श्रीराम के आदर्श मर्यादा का पालन करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। इनसे यह भी सीख मिलती है कि सही मार्ग पर चलकर विजयश्री प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भगवान श्रीराम के आदर्शों से प्रेरित होकर सभी लोग देश व प्रदेश के विकास में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव का आयोजन सामूहिक भावनाओं से ओत-प्रोत होते हुए पर्यावरण की रक्षा का भी सन्देश देता है। मुख्यमंत्री  ने फिजी गणराज्य से पधारीं वहां की संसद की उप-सभापति एवं मंत्री  वीना भटनागर का स्वागत व अभिनन्दन करते हुए कहा कि फिजी में एक नया भारत बसता है।

कार्यक्रम के दौरान महन्त नृत्य गोपालदासजी महाराज, महन्त सुरेशदास जी, डाॅ0 रामविलास वेदान्ती,  वासुदेवाचार्यजी महाराज सहित बड़ी संख्या में साधु-सन्तगण, उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित अन्य मंत्रिगण एवं जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव  आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना  अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन  जितेन्द्र कुमार, सूचना निदेशक  शिशिर तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।