एनसीआरबी के आंकड़ों पर सरकार का स्पष्टीकरण



लखनऊ। बुधवार को अपराध नियंत्रण के आंकड़ों पर सरकार के नवनियुक्त प्रवक्ता महेंद्र सिंह ने कहा कि NCRB के  crime In India 2017 के अनुसार भारतवर्ष में कुल 30 , 62 , 579 आई0पी0सी0 के अपराध पंजीकृत हुए , जिनमें से 3 , 10 , 084 आई0पी0सी0 के अपराध उत्तर प्रदेश में घटित हुए जो कि देश में ऐसे पंजीकृत अपराधों का 10 . 1 प्रतिशत है । जबकि जनसंख्या के आधार पर उ0प्र0 की आबादी देश की आबादी का 17 . 65 प्रतिशत है । उक्त रिपोर्ट के आधार पर कुछ समाचार पत्रों द्वारा कुल अपराधों ( Absolute Number ) की दृष्टि से उ0प्र0 राज्य में विभिन्न शीर्षक के अन्तर्गत अपराधों का अधिक होना या बढ़ा हुआ बताया जा रहा है । अपराध की स्थिति को समझने के लिए Crime Rate एक बेहतर एवं विश्वसनीय संकेतक है । NCRB के मुताबिक सम्बन्धित वर्ग की प्रति एक लाख जनसंख्या के सापेक्ष अपराधों की संख्या को अपराध दर ( Crime Rate ) के रूप में परिभाषित किया गया है । यह एक स्थापित वास्तविक संकेतक है , जो राज्य के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के प्रभाव को संतुलित करता है । इसलिए क्राइम रेट ही अपराधों की सही स्थिति समझने के लिए एक प्रामाणिक संकेतक है । राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो नई दिल्ली के अध्याविधिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में विभिन्न अपराध शीर्षकों में देश के राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति डकैती में 26वां , लूट में 16वां , हत्या में 22वां , नकबजनी में 31वां , बलात्कार में 22वां तथा महिला सम्बन्धी अपराध में 16वां स्थान कुल 24वां स्थान है । राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो  के आंकड़ों के  अनुसार वर्ष 2017 में प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध की गयी कार्यवाही  में देश के अन्य राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की वर्तमान भादवि  केअपराधों में गिरफ्तारी में तीसरा , गिरफ्तार अभियुक्तों में से दोषसिद्ध में तीसरा , महिला सम्बन्धी अपराधों में दोषसिद्ध में पहला , साइबर अपराधों में दोषसिद्ध में पहला , शस्त्रों का जब्तीकरण में पहला , जाली मुद्रा के करण म अपराध पंजीयन में पहला तथा सम्पत्ति की बरामदगी में 5वां स्थान है । अपराधों के सम्पूर्ण आंकड़ों के साथ में यह भी देखना आवश्यक है कि हिंसात्मक अपराधों की स्थिति क्या है । 

साथ ही कुछ बीते वर्षों के अकड़ो का भी उल्लेख करते हुए बताया कि वर्ष 2016 में राज्य में 65090 हिंसात्मक अपराधों की तुलना में वर्ष 2017 में 64450 दर्ज हुए हैं , जो कमी दर्शाता है । जबकि वर्ष 2015 के सापेक्ष वर्ष 2016 में हिंसात्मक अपराधों में 27 प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि हुई थी । अपराधों के अलग - अलग मदों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि वर्ष 2017 में वर्ष 2016 के सापेक्ष हत्या में 11 . 5 % , डकैती में 7 . 4 % , लूट में 9 % , उगाही में 54 % , फिरौती हेतु अपरहण में 29 . 2 % की उल्लेखनीय कमी हुई है । वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जनहित में शत - प्रतिशत मामले दर्ज किए जाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं । स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मामलों को दर्ज किया जा रहा है , उसके बाद भी गम्भीर अपराधों में  गिरावट आयी है तथा पुलिस की कार्रवाई में भी तेजी आयी है ।