भोपाल। प्रदेश की जनता कमलनाथ सरकार से यह उम्मीद कर रही थी कि सरकार कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के संबंध में कोई निर्णय लेगी, लेकिन बैठक में इस संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई। मंत्रिमंडल की बैठक का एजेंडा देखा जाए, तो उससे लगता है कि कमलनाथ सरकार को बाढ़ और अतिवृष्टि में अपना सब कुछ गवां चुके हजारों किसानों से ज्यादा फिक्र 'बार प्रेमियों' की है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने शनिवार को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा बार लाइसेंस और रिसॉर्ट बार लाइसेंस की शर्तों को आसान किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण सबसे अधिक बरबादी हुई है और अभी भी जारी है। ऐसे समय में किसी भी सरकार की प्राथमिकता पीड़ितों को राहत देना, उन्हें नई जिंदगी शुरू करने में सहारा देना और भविष्य के लिए उन्हें तैयार करना होना चाहिए। लेकिन इन सब बातों को छोड़कर प्रदेश सरकार अपनी कैबिनेट की बैठक में बार लायसेंस की शर्तों को आसान बनाने संबंधी निर्णय ले रही है। राकेश सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार वन क्षेत्रों तक पहुंचकर बार खोलने की फिक्र तो कर रही है, लेकिन इस सरकार ने किसान खेतों तक पहुंचकर राहत उपलब्ध कराना ठीक नहीं समझा। उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय उसकी इस सोच को उजागर करता है कि अपना खून पसीना बहाकर अनाज पैदा करने वाला, अपनी बरबादी पर आंसू छलकाने वाला किसान कभी भी उसकी प्राथमिकता नहीं रहा, उसकी प्राथमिकता तो शराब कारोबारी और बार में बैठकर जाम छलकाने वाला वर्ग रहा है।
अब नहीं दिखती शराब में बुराई
राकेश सिंह ने कहा कि जो कांग्रेस विपक्ष में रहने के दौरान भाजपा सरकार पर शराबबंदी के लिए दबाव डाल रही थी, वह सरकार बनने के बाद से लगातार ऐसे निर्णय ले रही है जिनसे शराबखोरी को बढ़ावा मिलता है। कभी राजस्व बढ़ाने के नाम पर तो कभी पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर लगातार शराब के कारोबार को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। कमलनाथ सरकार ने लगातार शराब दुकानों, बार, अहातों, रिसॉर्ट बार आदि से संबंधित शर्तों को शिथिल करने का काम किया है, जिससे प्रदेश में शराब के कारोबार और शराबखोरी को प्रोत्साहन मिलेगा।