महाराजगंज में चारा घोटाला


महाराजगंज/लखनऊ। गौवंश के संरक्षण योगी सरकार की प्राथमिकताओं में है. तो वहीँ कई लोग गौ संरक्षण  के नाम पर वारेन्यारे करने में लगे हुए हैं. गौ अत्याचार की घटनाये समाचरों में बानी ही रहती हैं. ताज़ा मामला जिला महराजगंज के मधवलिया गौ  - सदन , में गोवंश की बड़े पैमाने पर कमी एवं वृहद परिमाण में भूमि को लीज पर दिये जाने के संबंध में जाँच करायी गयी , जिसमें निराश्रित गोवंश पशुओं की रजिस्टर में अंकित संख्या लगभग 2500 एवं स्थलीय भ्रमण के उपरान्त पायी गयी संख्या 954 में अत्यधिक अन्तर पाया गया । इतनी व्यापक पैमाने में गोवंश की कमी पर जाँच समिति ने गम्भीर अनियमितता तथा लापरवाही - पायी है । इससे प्रतीत होता है कि गोवंश की संख्या जानबूझ कर अधिक दर्शायी गयी है , जिससे प्रथम दृष्टया बड़े पैमाने पर शासकीय धनराशि के दुरुपयोग एवं वित्तीय अनियमितता परिलक्षित हुई है । इस गो - सदन हेतु 500 एकड़ भूमि का कब्जा वन विभाग से - पशुपालन विभाग को दिया गया था । गो - सदन समिति द्वारा लगभग 328 एकड़ भूमि को निर्धारित समयावधि के लिये हन्डा पर कृषकों एंव अन्य व्यक्तियों / फर्म को दे दिया गया है , जोकि विधिक प्रकिया के अनुरूप नहीं है तथा गो - सदन समिति के अधिकार क्षेत्र से बाहर का है । जिला गो - सदन मधवलिया महराजगंज की प्रबन्ध कार्यकारिणी में जिलाधिकारी महाराजगंज अध्यक्ष एवं उप जिलाधिकारी निचलौल सदस्य नामित हैं । प्रारंभिक जाँच में उक्त गंभीर अनियमितताओं के लिए जिलाधिकारी महराजगंज अमर नाथ उपाध्याय एवं तत्कालीन उप जिलाधिकारी निचलौल , देवेन्द्र कुमार एवं वर्तमान उप जिलाधिकारी  सत्यम मिश्रा तथा उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी , निचलौल डा0 वी0के0 मौर्य व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी , महाराजगंज डा0 राजीव उपाध्याय को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए उन्हें तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक जाँच संस्थित किये जाने का निर्णय लिया गया है ।