न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी ने हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली 


 


शिमला। न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी ने आज यहां हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली । उन्हें राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन के दरबार हॉल
 में आयोजित  गरिमापूर्ण समारोह में शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी उपस्थित रहे। मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने शपथ समारोह की कार्यवाही का संचालन किया और भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी वॉरन्ट ऑफ अपॉइंटमेंट को पढ़ा। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश , मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश , महाधिवक्ता अशोक शर्मा , डीजीपी एस . आर . मरडी , विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष , राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे ।



 जीवन परिचय
समय पर काम न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी का जन्म 1 जुलाई , 1959 को हुआ और उन्होंने बीए , एलएलएम की पढ़ाई की है । उन्होंने एक वकील के रूप में 15 अक्तूबर , 1987 को अपना पंजीकरण करवाया था । उन्होंने 19 साल उच्च न्यायालय कर्नाटक , कर्नाटक प्रशासनिक ट्रिब्यूनल और सेंट्रल ट्रिब्यूनल , बैंगलोर में सिविल , आपराधिक , संवैधानिक , सेवा और श्रम मामलों में अपनी प्रेक्टिस की । उन्होंने संवैधानिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने 1995 से 1999 तक उच्च न्यायालय के सरकारी वकील के रूप में काम किया। न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी को 4 जुलाई , 2007 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 17 अप्रैल , 2009 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया ।