उत्तर प्रदेश के जलशक्ति विभाग को देश का अग्रणी बनाना है लक्ष्य - डा० महेंद्र सिंह

लखनऊ। गैर पारम्परिक नवीकरणीय ऊर्जा का सिंचाई विभाग की विभिन्न प्रणालियों पर उपलब्ध भूमि बैंक के उपयोग हेतु व निजी क्षेत्रों की उत्पादन व परिचालन सहभागिता , के सम्बन्ध में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का समापन जल शक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने किया। डा0 राम मनोहर लोहिया परिकल्प भवन , लखनऊ में आयोजित सम्मेलन में डा0 महेन्द्र सिंह ने सिंचाई विभाग में सौर ऊर्जा व  वायु ऊर्जा के विकास की सम्भावनाओं पर बल देते हुए , हरित ऊर्जा को पर्यावरण नियंत्रण के लिए आवश्यक बताया । दो दिवसीय सम्मेलन में देश - विदेश की प्रख्यात सौर ऊर्जा उत्पादक व विकासक फर्मो द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया । इनमें दक्षिण कोरिया की फर्म यू०एण्डआई० और केप्को नॉरीवस ग्रीन सोल्यूशन , वी0वी0जी0 इण्डिया लिमिटेड , सन सोर्स , एल एण्ड टी , हैवल्स इण्डिया लिमिटेड जैसी प्रख्यात फर्मो के । विशेषज्ञों द्वारा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लान्ट , कनाल टाप सोलर पावर प्लान्ट व रूफ टाप सौर प्रणाली की विभागीय उपयोगिता अनुसार उपलब्ध तकनीक पर विचार प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग के पास 75 , 000 किमी लम्बाई में फैली नहरों , 33800 राजकीय नलकूपों , 92 जलाशय व 281 छोटी व बड़ी लिफ्ट नहरों पर सोलर पावर प्रणाली स्थापित किये जाने का अवसर उपलब्ध है । नहरों के ऊपर कनाल टाप सोलर प्लांट व जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाकर सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन किया जायेगा । लगभग 27 , 000 हेक्टेयर नहरी क्षेत्र पर कनाल टाप पैनल व 150 हेक्टेयर जलाशयों के क्षेत्र पर फ्लोटिंग पैनल का उपयोग करके सौर ऊर्जा से 13500 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाना सम्भव है । इससे न केवल सिंचाई विभाग विद्युत का उपयोग कर सकेगा वरन् अतिरिक्त उत्पादन को ग्रिड को भी स्थानान्तरित किया जायेगा । प्रदेश को हरित ऊर्जा में अग्रणी बनाने में नहरों व जलाशयों के अनुपयोगी क्षेत्र का ही उपयोग । होगा । इसके अतिरिक्त सोनभद्र व मिर्जापुर के विन्ध्य क्षेत्र में वायु ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की सम्भावनाओं पर कार्य किया जायेगा । हरित ऊर्जा के प्रयोग से पर्यावरणीय असंतुलन , ग्लोबल वार्मिग व । नहरों पर वाष्पोत्सर्जन पर भी नियंत्रण होगा , जिससे सूखे व बाढ़ की विभीषिका में कमी आयेगी । सौर । ऊर्जा व वायु ऊर्जा संयत्रों की स्थापना में प्रदेश के विद्युत उत्पादन की स्वनिर्भरता बढ़ेगी ।

 डा0 महेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि प्रदेश में निवेश के सम्बन्ध में स्थापित उपयुक्त वातावरण से उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश का रूख करना शुरू कर दिया है , यह कदम सौर ऊर्जा उत्पादक व विकासक तथा इनके उपकरणों के निर्माताओं के लिए प्रदेश में निवेश का एक अवसर प्रदान करेगा । सम्मेलन में राज्यमंत्री जल शक्ति विभाग , बलदेव सिंह ओलख सहित देश विदेश की नामी सौर ऊर्जा उत्पादन व विकास कर्ता फर्मो के साथ विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे ।