उत्तर प्रदेश को विकास के मार्ग में अग्रणी बनाया जाना आवश्यक : मुख्यमंत्री

लखनऊ। मंगलवार को लोकभवन में 15वें वित्त आयोग के साथ बैठक सम्पन्न हुई ।  मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विकास की परिकल्पना उत्तर प्रदेश के विकास के बिना नहीं की जा सकती है । राष्ट्र की प्रगति के लिए विशाल एवं जनसंख्या बाहुल्य उत्तर प्रदेश को विकास के मार्ग में अग्रणी बनाया जाना आवश्यक है । संघीय व्यवस्था में वित्त आयोग की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है ।  आयोग से प्रदेश में निवास कर रही देश की लगभग 17 प्रतिशत से अधिक आबादी की वास्तविक आवश्यकताओं पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर संस्तुतियां देने का आग्रह करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश के विकास और प्रदेश की जनता का जीवनस्तर ऊंचा उठाने के लिए राज्य सरकार के ब्लूप्रिंट पर वित्त आयोग सकारात्मक रुख अपनाएगा ।  मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए कृत संकल्प है । उन्होंने प्रदेश के सर्वांगीण विकास के मार्ग में आने वाली चुनौतियों एवं 15वें वित्त आयोग से प्रदेश की अपेक्षाओं की चर्चा की । 15वें वित्त आयोग के ' टर्म्स ऑफ रेफरेन्स ' में वर्ष 2011 की जनसंख्या को आगणन में लिये जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे राज्यों की वर्तमान आवश्यकता एवं मांगों का सही आंकलन किया जा सकेगा । प्रदेश की कुल आबादी में नगरीय आबादी का प्रतिशत 22 . 27 है , जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 77 . 73 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है । प्रदेश के संसाधन मुख्य रूप से नगरीय क्षेत्रों से ही प्राप्त होते हैं । अन्य विकसित प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में नगरीय क्षेत्र कम होने के कारण जहां एक तरफ संसाधन सृजन की क्षमता सीमित है वहीं प्रदेश के विकास को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए और अधिक धन की आवश्यकता है ।  उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय असमानताएं अधिक हैं । राज्य का बुन्देलखण्ड क्षेत्र अधिकतर सूखे से प्रभावित रहता है । यहां का बड़ा भूभाग सामान्यता शुष्क एवं पथरीला है जिस कारण कृषि उत्पादकता कम हैं वहीं राज्य का पूर्वान्चल भाग कभी बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त रहता है तो कभी सूखे से , जिस कारण इस क्षेत्र की कृषि व्यवस्था पर भी वर्ष दर वर्ष प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । प्रदेश के भूमिबद्ध होने अर्थात बन्दरगाहों से दूरी के कारण अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के व्यापार की संभावनाएं कम हैं । अतः राज्य के संसाधन सृजन की क्षमता सीमित है तथा इस कारण राज्य के विकास में वित्त आयोग के अंतरण का और भी अधिक महत्व हो जाता है । मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सतत् विकास लक्ष्यों ( एस0डी0जी0 ) के अन्तर्गत 17 गोल्स में से 16 गोल , जो उत्तर प्रदेश में लागू होते हैं , को प्राप्त करने हेतु वचनबद्ध है ।  राज्य सरकार इस के लिए अपने स्वयं के संसाधनों को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है , परन्तु यह सर्वविदित है कि एस0डी0जी0 , जो सभी क्षेत्रों में असमानता को दूर करने तथा मानव जीवन को हर प्रकार से समृद्ध करने का उद्देश्य रखता है , उसे पूरा करने के लिए राज्यों को केन्द्रीय करों से प्राप्त हो रहे अंतरण में समुचित वृद्धि की आवश्यकता होगी । मुख्यमंत्री  ने  Cooperative federalism की सफलता के लिये केन्द्र एवं राज्यों को एकजुट होकर राष्ट्र के विकास को गति देनी होगी । सामाजिक एवं आर्थिक विकास , अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण तथा सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने हेतु राज्यों की प्रतिबद्धता के दृष्टिगत स्पष्ट है कि राज्य सरकारों को अपने परम्परागत दायित्वों से आगे बढ़कर कार्य करना होगा । ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की अपेक्षा है कि केन्द्रीय करों के विभाज्य पूल से राज्यों को वितरित किये जाने वाले अंश 42 प्रतिशत में और भी वृद्धि की जानी चाहिये । उन्होंने अनुरोध किया कि प्राप्त केन्द्रीय करों के आधे अंश में राज्यों की हिस्सेदारी होनी चाहिए अर्थात केन्द्रीय करों से राज्यों को वितरित किया जाने वाला विभाज्य पूल 50 प्रतिशत होना चाहिए । मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों के मध्य अंतरण की धनराशि के पारस्परिक आवंटन के सम्बन्ध में आयोग का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्यों की 16 . 7 प्रतिशत आबादी उत्तर प्रदेश में निवास करती है , जिसमें लगभग 69 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की है । अर्थात उत्तर प्रदेश में नौजवानों की बड़ी जनसंख्या है , जिन्हें उचित शिक्षा एवं रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता है । मुख्यमंत्री ने आयोग से आग्रह किया कि राज्यों के क्षैतिज अन्तरण के फार्मूले में जनसंख्या का आधार अधिक होना चाहिये । इस कारण राज्य द्वारा जनसंख्या को 30 प्रतिशत भार दिये जाने का प्रस्ताव किया गया है । इसके अतिरिक्त पिछड़ेपन को प्रदर्शित करने वाले आय अन्तर को 50 प्रतिशत का भार दिया जाना चाहिए , जिससे कम विकसित प्रदेश को वित्त आयोग के माध्यम से अधिक अंतरण प्राप्त हो । राज्यों द्वारा वित्तीय अनुशासन का पालन किया जाना राजकोषीय समेकन का एक महत्वपूर्ण घटक है तथा इस कारण वित्तीय अनुशासन को 15 प्रतिशत का भार देने का प्रस्ताव है । क्षेत्रफल को 5 प्रतिशत का भार दिया जाना चाहिये । इस प्रकार , समता ( equity ) एवं दक्षता ( efficiency ) दोनों के सिद्धान्तों को इस प्रकार भार दिया जाना चाहिए जिससे राज्यों के मध्य असमानताओं को दूर किया जा सके । मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में नगरीय एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों को दिये जाने वाले अनुदान का अत्यधिक महत्व है परन्तु चौदहवें वित्त आयोग द्वारा ग्रामीण स्थानीय निकायों के अधीन केवल ग्राम पंचायतों के लिये ही अनुदान की अनुशंसा की गयी तथा दो अन्य स्तरों हेतु अनुदान नहीं दिया गया । पंचायती राज संस्थाओं के अन्तर्गत त्रिस्तरीय व्यवस्था विकसित की गयी है तथा आयोग के माध्यम से प्राप्त होने वाली अनुदान की राशि पर सभी स्तरों की हिस्सेदारी inclusive growth को बढ़ावा देगी । मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के अनेकों ऐसे कारण है , जिससे प्रदेश के विकास में बाधा उत्पन्न होती है । राज्य को बाढ़ , सूखा , आग , शीतलहर , ओलावृष्टि , भूकम्प आदि अनेकों दैवी आपदाओं का सामना करना पड़ता है , जिस हेतु तत्काल संसाधनों की आवश्यकता होती है । राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि से तत्काल राहत प्राप्त नहीं हो पाती है तथा राहत कार्य भी प्रभावित होते हैं । उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि ऐसी व्यवस्था विकसित की जानी चाहिये जिसके अन्तर्गत आपदा के तुरन्त बाद एकमुश्त धनराशि राज्यों को स्वीकृत हो सके , जिसे बाद में आवश्यकतानुसार समायोजित किया जा सकता है । मुख्यमंत्री  ने कहा कि चौदहवें वित्त आयोग द्वारा राज्य आपदा मोचक निधि में केन्द्र और राज्य का अनुपात 90 : 10 किये जाने की संस्तुति की गयी थी । उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य के मध्य 90 : 10 के अनुपात को यथावत रखा जाय । राज्य द्वारा घोषित आपदाओं के अन्तर्गत एस0डी0आर0एफ0 से मात्र 10 प्रतिशत आहरण की व्यवस्था है जिसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाना चाहिये । मुख्यमंत्री  ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है । भारत की अर्थव्यवस्था में गति और स्थायित्व तभी आ सकेगा जब उत्तर प्रदेश के सामाजिक - आर्थिक विकास में गति आये । प्रधानमंत्री  ने भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का लक्ष्य रखा है । इसमें देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भमिका होगी । इसी सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है , ताकि उत्तर प्रदेश भारत के विकास में अपना सम्पूर्ण योगदान दे सके । मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं यथा बिजली , पानी , सड़क , आवास , शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार पर विशेष बल दिया जा रहा है । इसके साथ , किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुना करने , ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने , प्रदेश में पूंजी निवेश के लिए अनुकूल वातावरण सृजित करने एवं परम्परागत उद्योगों को बढ़ावा देने की योजनाएं भी चलायी जा रही हैं । केन्द्र सरकार की योजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने पर राज्य सरकार ने विशेष ध्यान दिया है । मुख्यमंत्री  ने कहा कि लघु और सीमांत किसानों की आर्थिक दशा जग जाहिर है । लघु और सीमांत किसान अत्यल्प इनकम मार्जिन पर खेती करते हैं और ऋण के बोझ तले दबे रहते हैं । वर्ष 2017 - 18 और 2018 - 19 में लघु और सीमांत पात्र किसानों के एक लाख रुपये तक फसली ऋण का मोचन राज्य सरकार द्वारा किया गया । इस वर्ष के आरम्भ में प्रयागराज में कुम्भ का सफल आयोजन किया गया । प्रयागराज कुम्भ में पूरी दुनिया से 24 . 56 करोड़ रुपये से भी अधिक श्रद्धालु सम्मिलित हुए । प्रयागराज कुम्भ - 2019 में पहली बार 72 देशों के राजदूतों एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 देशों में से 187 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । स्वच्छता के लिए कुम्भ का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया । वर्ष 2025 में प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन होना है । उन्होंने इस आयोजन के लिए आयोग से विशेष रूप से धनराशि उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध भी किया । मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ' सबका साथ , सबका विकास एवं सबका विश्वास ' की अवधारणा को अपनाते हुए प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है । प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के उद्देश्य से प्रदेश में ' द मिलियन फार्मर्स स्कूल कार्यक्रम ' तथा लखनऊ में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कृषि कुम्भ - 2018 का आयोजन किया गया । अन्तर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान केन्द्र , फिलीपीन्स की देश में पहली शाखा वाराणसी में स्थापित हुई । इजराइल के साथ सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना तथा जापान के साथ कृषि क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना में सहयोग के सम्बन्ध में एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया । मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के अन्तर्गत भारत सरकार के परफॉर्मेंस इण्डेक्स पर उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है । प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के अन्तर्गत वर्ष 2016 - 17 से 2018 - 19 तक 12 लाख 82 हजार आवासों के लक्ष्य के सापेक्ष 12 लाख 47 हजार आवास पूर्ण हो गये हैं । योजनान्तर्गत वर्ष 2024 तक सबके लिए आवास का लक्ष्य है । उत्तर प्रदेश द्वारा एक वर्ष में सर्वाधिक आवासों का निर्माण कराया गया , जिसके लिए भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किया गया है । प्रदेश के सभी 75 जनपद खुले में शौच मुक्त ( ओ0डी0एफ0 ) घोषित हो गये हैं । प्रदेश की समस्त 59 , 019 ग्राम पंचायतों , 821 विकास खण्डों एवं समस्त 75 जनपदों को बेसलाइन सर्वे 2012 के अनुरूप खुले में शौच मुक्त बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है । ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ 61 लाख परिवारों को व्यक्तिगत शौचालयों से आच्छादित किया गया । वित्तीय वर्ष 2017 - 18 एवं 2018 - 19 में इज्जतघरों के निर्माण में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर रहा है । नगरों में 8 लाख 33 हजार व्यक्तिगत घरेलू शौचालय निर्मित किये जा चुके हैं तथा 652 नगर निकाय ओ0डी0एफ0 घोषित कर दिये गये हैं । नगरों में 4 हजार सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है । नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत 45 स्वीकृत सीवरेज परियोजनाओं में से 12 परियोजनाएं पूर्ण कर ली गयी हैं तथा शेष का निर्माण कार्य प्रगति पर है । मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य में बने निवेश और सुरक्षा के वातावरण के फलस्वरूप विकास गतिविधियों की नई शुरुआत हुई है । फरवरी , 2018 में यू०पी० इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से राज्य में निवेश के लिए लगभग 5 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे । राज्य में माह जुलाई , 2018 में प्रथम ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में 62 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ । एक साल के अन्दर पुनः द्वितीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से 65 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है । कुल मिलाकर पिछले ढाई वर्ष में प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ । बुन्देलखण्ड में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश से डिफेंस इण्डस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा , जिससे 2 . 5 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होगा । ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान लागू किया गया है । इससे प्रदेश 92 . 87 प्रतिशत स्कोर के साथ अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है । मुख्यमंत्री  ने कहा कि जनपदों की पहचान बनाने वाले परम्परागत और विशिष्ट उत्पादों की ब्राण्डिंग के लिए एक जनपद , एक उत्पाद ' योजना लागू की गयी है । इसके अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों के विशिष्ट उत्पाद के लिए मार्केटिंग , तकनीकी उन्नयन , कौशल एवं उद्यमिता प्रशिक्षण तथा आसान ऋण की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं । इससे प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग उत्पादों के निर्यात में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है । इस योजना से लगभग 5 लाख हुनरमन्दों को रोजगार मिला है । आगामी 5 वर्ष के लिए यह 25 लाख का लक्ष्य रखा गया है । मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रत्येक जिला मुख्यालय को चार - लेन तथा तहसील मुख्यालय को दो - लेन सड़क से जोड़ा जा रहा है । पूर्वांचल एक्सप्रेस - वे का तेजी से निर्माण कराते हुए इसके मुख्य मार्ग को अगस्त , 2020 तक संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है । बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस - वे के लिए भूमि क्रय की कार्यवाही पूरी हो गयी हैं , इसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ होगा । मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस - वे के निर्माण के लिए कार्य सर्वे आदि की प्रक्रिया को प्रारम्भ किया गया है । जनता को त्वरित आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में मेट्रो सेवायें तेजी से विकसित की जा रहीं हैं । लखनऊ मेट्रो , नोएडा मेट्रो तथा गाजियाबाद मेट्रो की सेवायें प्रारम्भ कर दी गयी हैं । कानपुर तथा आगरा के लिए मेट्रो परियोजना अनुमोदित की जा चुकी है तथा झांसी , वाराणसी , प्रयागराज , गोरखपुर और मेरठ शहरों के लिए मेट्रो / रैपिड अर्बन ट्रांसपोर्ट योजना तैयार की गयी है ।  मुख्यमंत्री  ने कहा कि दशकों से लम्बित बाण सागर परियोजना सहित अनेक सिंचाई परियोजनाओं को राज्य सरकार द्वारा पूर्ण कराया गया है । इससे ढाई लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है । सरयू नहर परियोजना , अर्जुन सहायक परियोजना , मध्य गंगा नहर परियोजना आदि वर्षों से लम्बित परियोजनाओं को दिसम्बर , 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है । इससे लगभग 10 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा । मुख्यमंत्री  ने कहा कि पावर फॉर ऑल योजना के अन्तर्गत ऊर्जा क्षेत्र में हमने विशेष प्रयास किये हैं । सभी को बिजली देने के उद्देश्य से 2 करोड़ 91 लाख 76 हजार घरों को बिजली कनेक्शन प्रदान किये गये तथा 01 लाख 78 हजार 168 मजरों का विद्युतीकरण किया गया है । लगभग 08 लाख स्ट्रीट लाइटों को ऊर्जा दक्ष एल0ई0डी0 लाइटों से बदला गया है । इससे 280 मिलियन यूनिट बिजली तथा 300 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के राजस्व की बचत हो रही है । सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन जारी करने में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है । 01 करोड़ 09 लाख से अधिक घरों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिया गया है । ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों में वृद्धि के लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू करते हुए सौर ऊर्जा सेक्टर में 1535 मेगावॉट के 7500 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत किए जा चुके हैं । नई सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत वर्ष 2022 तक 10700 मेगावॉट क्षमता सौर विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ( आयुष्मान भारत ) के अन्तर्गत राज्य के 01 करोड़ 18 लाख परिवार पात्र हैं । आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना संचालित की गयी है । मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा 10 . 56 लाख परिवारों को लाभान्वित किया गया हैं । प्रदेशवासियों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दक्ष चिकित्सकों की आवश्यकता है । इस हेतु प्रदेश के असेवित एवं पिछड़ें जनपदों में 15 नये राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं जिनमें से 7 मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण कार्य प्रारम्भ हो गया है । रायबरेली तथा गोरखपुर में एम्स की स्थापना की गयी है। रायबरेली तथा गोरखपुर में  एम्स की स्थापना की गयी है । मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत गरीब महिलाओं को 01 करोड़ 35 लाख निःशुल्क गैस कनेक्शन वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है । राज्य पोषण मिशन गर्भवती महिलाओं एवं 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ' ग्रामीण पोषण दिवस ' का आयोजन कराया जाएगा । ग्राम्य स्वास्थ्य पोषण दिवस एवं सप्लीमेन्टरी न्यूट्रीशन प्रोग्राम के अन्तर्गत मुख्य रूप से स्तन - पान की स्थिति में सुधार लाने हेतु महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण वृहद स्तर पर किया जाएगा । किशोरियों में एनीमिया की रोकथाम के लिए आयरन तथा पेट की सूत्रकृमि की दवाइयां आंगनबाड़ी केन्द्रों से उपलब्ध करायी जा रही हैं । मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने हेतु विशेष प्रयास किए गये हैं । स्कूल चलो अभियान के माध्यम से प्रदेश में बच्चों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है । छात्रों को निःशुल्क सुविधाओं में पाठ्य - पुस्तकों , यूनिफॉर्म , स्कूल बैग , जूता - मोजा का वितरण किया गया है । शिक्षा कायाकल्प कार्यक्रम के अन्तर्गत अवस्थापना सुविधाओं पर कार्य किया गया । ग्रामीण क्षेत्रों में 92 , 000 स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण , बाउण्ड्रीवाल ,  गेट , शौचालयों , हैण्डवाश , पेयजल सुविधाओं , विद्युतीकरण आदि कार्य किये गये । मुख्यमंत्री  ने कहा कि विकास के साथ - साथ प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है । वर्ष 2018 - 19 में विशेष अभियान चलाकर 11 करोड़ वृक्षों का तथा 2019 - 20 में 22 करोड़ वृक्षों का रोपण किया गया । भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट - 2017 के अनुसार उत्तर प्रदेश के वनावरण और वृक्षावरण में वर्ष 2015 की तुलना में 676 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है । सीमित संसाधनों से प्रदेश के विकास की योजनाओं का वित्त पोषण करते हुए राज्य सरकार ने वित्तीय अनुशासन बनाये रखा है । वित्तीय वर्ष 2017 - 18 से प्रदेश लगातार राजस्व बचत की स्थिति बनाये हुए है । राजकोषीय घाटा , उत्तर प्रदेश एफ0आर0बी0एम0 एक्ट , 2004 द्वारा निर्धारित सीमा , सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत से कम रहा है । इसी प्रकार , सरकार की कुल ऋणग्रस्तता उत्तर प्रदेश एफ0आर0बी0एम0 एक्ट , 2004 द्वारा निर्धारित वार्षिक सीमा के अन्दर रही है । इस अवसर पर 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष  एन0के0 सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सुशासन के माध्यम से कार्य करने वाली सरकार है । राज्य सरकार के प्रयासों से विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है । राज्य में फिसिकल डेफिसिट के आंकड़े आकर्षक हैं । उत्तर प्रदेश की समस्याओं , चुनौतियों और सम्भावनाओं को ध्यान में रखकर आयोग अपनी संस्तुतियां करेगा । बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव वित्त  संजीव मित्तल द्वारा राज्य की सामाजिक , आर्थिक व राजकोषीय पृष्ठभूमि के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण दिया गया । इस दौरान जी0एस0टी0 , स्वास्थ्य , वन , बाल विकास आदि क्षेत्रों के सम्बन्ध में सम्बन्धित अपर मुख्य सचिव व मुख्य सचिव द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से इन क्षेत्रों में संचालित योजनाओं एवं उनके क्रियान्वयन के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी । इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य , डॉ० दिनेश शर्मा सहित अन्य मंत्रिगण ,  मुख्य सचिव  आर0के0 तिवारी , अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा 15वें वित्त आयोग के सदस्यगण उपस्थित थे ।