अयोध्या फैसले से पहले मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की सौहार्द की अपील






लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अयोध्या प्रकरण पर फैसला आने के पूर्व मुस्लिम धर्मगुरुओं का संदेश जारी करवा के बड़ी कामयाबी हाशिल किया है। आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत और गृहमंत्री अमितशाह फैसले के बाद शांतिपूर्ण माहौल बनाने रखने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। फैसले के बाद देश में शांति और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के मन्त्री मोहसिन रजा ने बुधवार को लखनऊ में मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ धर्मगुरुओं के पास जाकर कर चर्चा किया। उन्होंने जिन मुस्लिम धर्मगुरुओं से ग़ुज़ारिश की उनमे प्रमुख रूप से वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद, मौलाना हमीदुल हसन, अहलेसुन्नत समुदाय के वरिष्ठ धर्मगुरु मौलाना ख़ालिद रशीद फ़िरंगी महली, मौलाना सलमान नदवी तथा शाहमीन शाह के ट्रस्टी मौलाना राशिद अली मीनाई शामिल थे। सभी अंतरराष्ट्रीय मौलानाओं ने कहा कि अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा हम मानेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी अपनी कौम के अलावा समाज के अन्य लोगों से भी अपील है कि फैसले के बाद किसी भी प्रकार न तो उत्तेजक व्यवहार करें और न कोई विवादित नारा और तकरीर दें। मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि सरकार ने शांति व्यवस्था के लिए स्वयं प्रयास शुरू किया है यह बहुत प्रसंसनीय कदम है। मौलाना ने कहा कि इंसान की जान की कीमत से बढ़ कुछ नहीं है। समझा जाता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने मंत्री को जिस मुहिम में लगाया था बहुत हद तक वह कामयाब रहे। यूपी सरकार के मंत्री ने बुधवार को जिन पांच प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिल कर सौहार्द के लिए संदेश प्राप्त किया उनमें शियाधर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद, सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना सलमान हुसैन नदवी, शाहमीना शाह के ट्रस्टी मौलाना राशिद अली मीनाई और शियाधर्म गुरु मौलाना हमीदुल हशन के नाम प्रमुख हैं। ये मुस्लिम धर्मगुरु देश के अलावा विदेशों में बसे भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय का मार्गदर्शन करते हैं।इनके अनुयायी करोड़ों की संख्या में हैं।