रेलवे ने गैर किराया राजस्व बढ़ाने के लिए विचार आमंत्रित किए 


 


प्रयागराज। जर्मनी, जापान, रूस, फ्रांस आदि जैसे विकसित देशों में रेलवे में गैर-किराया राजस्व का हिस्सा उनकी कुल आय का 10 से 30% तक होता है। भारतीय रेलवे गैर-किराया स्रोतों से अपनी राजस्व हिस्सेदारी को 5% से कम के वर्तमान स्तर से बढ़ाने के लिए भी कड़े प्रयास कर रहा है। इन गैर-पारंपरिक कमाई स्रोतों की पूरी क्षमता का दोहन करने का उद्देश्य अपने सम्मानित यात्रियों पर किराया वृद्धि के बोझ को बढ़ाए बिना, सामाजिक-आर्थिक कारणों से 50% से अधिक की सब्सिडी देने वाली भारतीय रेल की कमाई में वृद्धि करना है।गैर-किराया क्षेत्र में आय की वृद्धि के लिए रेलवे की विभिन्न योजनाओं विषयक पावर प्वाइंट प्रस्तुति मुख्य वाणिज्य प्रबंधक व या.से एस.पी. वर्मा ने की।


लोकप्रिय गैर-किराया राजस्व स्रोत, जैसे वाणिज्यिक प्रचार, पार्किंग, खानपान  व  वेंडिंग, एसटीडी  व  पीसीओ आदि के अलावा हाल के दिनों में भारतीय रेलवे द्वारा नॉन फेयर रेवेन्यू के लिए नई योजनाएं लॉंच की गई है।



  •  ऑउट ऑफ होम: गैर-किराया राजस्व स्रोत जो विज्ञापन या अन्य वाणिज्यिक उपयोगों के लिए स्टेशन क्षेत्र के बाहर रेलवे संपत्ति के मुद्रीकरण की अनुमति देता है।

  •     रेल डिस्प्ले नेटवर्क: विज्ञापनों को चलाने और साथ ही सार्वजनिक हित के अन्य रेलवे से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाओं को साझा करने के लिए डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग ।

  •    नॉन फेयर रेवेन्यू के अभिनव विचारों संबंधी योजना: इस योजना के तहत नए विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए अद्वितीय और अभिनव विचार के साथ आने वाली पार्टी को काम करने के लिए मंडल स्तर पर अनुमति देना।

  •     अनअपेक्षित प्रस्ताव: मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत शामिल नहीं कोई गैर-किराया राजस्व विचार को इस अवधारणा के तहत जांचा और विचारा जा सकता है।


इस विस्तृत प्रस्तुतिकरण का उद्देश्य नॉन फेयर रेवेन्यू की पूरे भारतीय रेलवे के लिए रु 18000 करोड़ की पूर्ण क्षमता के ल्क्ष्य को प्राप्त करना था । प्रेजेंटेशन के उपरांत विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई जिसमें कई नए विचारों और संभावनाओं पर बात हुई एवं यह भी तय किया गया कि विज्ञापनदाताओं आदि को होने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक एम.एन. ओझा ने कहा कि विज्ञापन और उद्योग के हमारे सहयोगियों के लिए रियल टाइम बेसिस पर सभी मुद्दों को हल करने के लिए मंडल एवं मुख्यालय स्तर पर वाणिज्यिक शाखा सिंगल विंडों है। चर्चा के दौरान, विज्ञापनदाताओं ने उत्तर मध्य रेलवे वेबसाइट पर प्लेटफ़ॉर्म के प्रावधान के लिए भी अनुरोध किया, जहां वो रेलवे के साथ उत्पाद या सेवा विज्ञापन के लिए अपने अनुरोध कर सकें और महाप्रबंधक चौधरी ने आश्वस्त किया कि यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।


महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि अपने देश में हर कोई किसी ना किसी समय ट्रेन से यात्रा करता है, अत: रेलवे को गैर-किराया स्रोतों के माध्यम से राजस्व अर्जित करने की बहुत अधिक संभावना है जो रेलवे एवं विज्ञापनदाताओं  व  फर्मों के लिए पारस्परिक रूप से लाभदायक है। उन्होंने
सभी हितधारकों से गैर-किराया राजस्व के लिए नए विचारों के साथ आने का आह्वान किया और आश्वासन दिया कि रेलवे की तरफ से सभी अपेक्षित कदम उठाए जाएंगे। हमें विज्ञापनदाताओं के साथ दीर्घकालिक समझौते को विकसित करने की आवश्यकता है ताकि वे अच्छे ग्राहक प्राप्त कर सकें। चौधरी ने सुझाव दिया कि गैर-राजस्व स्रोतों के पूल को विकसित करने के लिए हमें
विज्ञापनदाताओं एवं इंडस्ट्री के लोगों की सुविधा के लिए उत्तर मध्य रेलवे वेबसाइट पर अपेक्षित सुविधा प्रदान करनी चाहिए।


अगले दौर की बैठक जनवरी 2020 में होगी और उन्होंने गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से कमाई की पूरी संभावना के दोहन करने के लिए इंडस्ट्री से बड़ी भागीदारी के लिए अनुरोध किया ।


इस इंटरैक्टिव सत्र में महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे की अध्यक्षता में गैर-किराया राजस्व स्रोतों से कमाई बढ़ाने के लिए रेलवे की ओर से प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक  एम एम ओझा, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक रवि वेल्लुरी, प्रमुख वित्त सलाहकार  अजय माथुर, उत्तर मध्य रेलवे के अन्य प्रमुख विभागाध्यक्ष, मंडल रेल प्रबंधक इलाहाबाद अमिताभ, आगरा, इलाहाबाद और झांसी मंडलों के वाणिज्य और वित्त विभागों के शाखा अधिकारियों के अलावा पुर्वोत्तर रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे एवं पूर्व मध्य रेलवे के  वाणिज्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे ।