आत्म रक्षा के लिए कुंग फू जरूर सीखें महिलाएं : बोबड़े

  • स्कूलों में अनिवार्य हो कुंग फू : खेल निदेशक



  • 13वीं राष्ट्रीय कुंग फू प्रतियोगिता हुई शुरू 



मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। 13वीं राष्ट्रीय कुंग फू प्रतियोगिता का शुभारम्भ आज बाबू के.डी.सिंह स्टेडियम के बहुउद्देशीय हाल में हुआ। इस प्रतियोगिता का उद्घाटन भारतीय कुंग फू फेडरेशन के अध्यक्ष डा. सुधीर.एम. बोबड़े और खेल निदेशक डा. आर.पी.सिंह  ने दीप प्रज्जवलित करके किया। यह जानकारी भारतीय कुंग फू फेडरेशन की महासचिव मंजू त्रिपाठी ने देते हुए कहा कि आज से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुंग फू प्रतियोगिता का शुभारम्भ शुरू हो गया। इस प्रतियोगिता में 18 राज्यों के 500 कुंग फू खिलाड़ी भाग लेंगे। प्रतियोगिता के उद्घाटन के मौके पर भारतीय कुंग फू फेडरेशन के अध्यक्ष डा. सुधीर.एम. बोबड़े ने कहा कि आज इस खेल की समाज को आवश्यकता है, खास तौर से हमारी बहन-बेटियों को आत्मा रक्षा की इस कला को जरूर सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस खेल का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। सरकार  सभी बच्चों को स्कूलों में अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण दिलाए।  इस अवसर पर खेल निदेशक डा. आर.पी. सिंह ने कहा कि मार्शल आर्ट्स यानी कुंग फू खेल स्वस्थ भारत, समर्थ भारत और अनुशासित भारत तथा अनुशासित नागरिक तैयार कर सकता है। आज अधिकतर युवा पीढ़ी खेलों से दूर होती जा रही है। खेलों के बजाय मोबाइल में लगकर अपना जीवन अंधकार में कर रहे है। महिला सशक्तिकरण के लिए ही यह खेल बहुत ही आवश्यक है। इस खेल के जरिए अपनी आत्मा रक्षा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस खेल को हर नागरिक को सीखना चाहिए।  

इस अवसर पर भारतीय कुंग फू संघ के उपाध्यक्ष डा. चंद्र सेन वर्मा, उपकार के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता, उपनिदेशक शिक्षा कृष्ण कुमार गुप्ता, राजेंद्र कुमार, जेपी शुक्ला आदि गणमान्यजन मौजूद थे।