इंदौर। नागरिकता संशोधन कानून पर नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा है कि हम किसी की नागरिकता नहीं छीनेंगे, लेकिन जो बाहर से प्रताड़ित होकर, अपना सब कुछ खोकर आए हैं, उनको भी भारत में सम्मान से जीने का हक देंगे। कांग्रेस शुरू से वोटबैंक की राजनीति करती आई है और आज भी उसके लिए देश सर्वोपरि नहीं है। इसलिए कांग्रेस ने यह तय किया है कि हम एक समाज विशेष के लोगों को भड़काएंगे, गुमराह करेंगे और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकेंगे, तो हमने भी यह तय किया है कि हम लोगों को सच्चाई बताएंगे और इसके लिए करोड़ों परिवारों से संपर्क करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने रविवार को इंदौर में सीएए के संबंध में आयोजित सिंधी, सिख सहित अन्य समाजों के सम्मेलन में कही।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पाकिस्तान आई बहनों और बेटियों ने मुझे इंदौर में बताया था कि वहां हमारी संपत्ति लूट ली गई, हम मंदिर नहीं जा सकते, पूजा-पाठ नहीं कर सकते, त्योहार नहीं मना सकते। इतना ही नहीं वहां बेटियां उठा ली जाती हैं, उनका अपहरण किया जाता है, जबरदस्ती निकाह करा दिया जाता है, न माने तो हत्या कर दी जाती है। चौहान ने कहा कि भगवान ने इन लोगों को जिंदगी दी, मां ने जन्म दिया और धन्य हैं मोदी जिन्होंने इन्हें नया जीवन दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल का विरोध समझ से परे है। तकलीफ केवल सोनिया गांधी, कमलनाथ को ही क्यों है? क्या इन की आग में झोंक दें। चौहान ने कहा कि सोनिया जी आप महिला हैं, प्रधानमंत्री अगर बेटियों के सम्मान के लिए, उनका अपहरण तथा इज्जत से खिलवाड़ रोकने के लिए कानून बनाते हैं, तो आप उसका विरोध करती हैं। उन्होंने कहा कि यह वोटबैंक की राजनीति कांग्रेस को छोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान भाईयों-बहनों के खिलाफ इस कानून में कुछ भी नहीं है, लेकिन कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अगर एक संवैधानिक पद पर बैठकर संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कानून का विरोध कर रहे हैं, तो उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ देना चाहिए।
जनता की संपत्ति के नुकसान पर मौन क्यों हैं कांग्रेस?
कार्यकारी अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कभी देश के विभाजन का इतिहास पढ़ा है? क्योंकि उनके वक्तव्यों से नहीं लगता कि उनके मन में भारत माता के विभाजन का, अपना सब कुछ खोकर भारत आए लोगों की तकलीफों का कोई दर्द है। उन्होंने कहा कि क्या कभी राहुल गांधी पाकिस्तान या बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के किसी कैंप में गए हैं? कभी उनके दर्द को महसूस करने की कोशिश की है? देश में एक हफ्ते से आंदोलन चल रहा है और जनता की संपत्ति का नुकसान हो रहा है। मैं राहुल और पूरी कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने इसकी निंदा की है? एक वक्तव्य भी दिया है? नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी अगर सीएए के दो ऐसे प्रावधान बता दें, जिनसे देश का नुकसान होता हो, तो देश का बहुत भला हो जाएगा।
आपकी दी हुई ताकत और मोदी जी की इच्छाशक्ति से बना कानून
नड्डा ने कहा कि देश में पिछले 50 सालों से नागरिकता संशोधन कानून की चर्चा होती रही, लेकिन कानून नहीं बन सका। इसे साकार किया मोदी की इच्छाशक्ति और अमित शाह की रणनीति ने। उन्होंने कहा कि इस कानून के पीछे इच्छाशक्ति भले ही मोदी की है, लेकिन उन्हें ये ताकत आपने दी है। नड्डा ने कहा कि मई के महीने में आपने मोदी को कमल का बटन दबाकर ताकत दी और अगस्त में कश्मीर से 370 हट गई, जिसके बारे में सिर्फ चर्चाएं होती थीं। मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से मुक्ति मिल गई। अब नागरिकता संशोधन कानून बना है, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हो रहे हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी आदि धर्मों के लोगों को भारत में सम्मान से जीने का हक देता है।
कार्यकारी अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कभी देश के विभाजन का इतिहास पढ़ा है? क्योंकि उनके वक्तव्यों से नहीं लगता कि उनके मन में भारत माता के विभाजन का, अपना सब कुछ खोकर भारत आए लोगों की तकलीफों का कोई दर्द है। उन्होंने कहा कि क्या कभी राहुल गांधी पाकिस्तान या बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के किसी कैंप में गए हैं? कभी उनके दर्द को महसूस करने की कोशिश की है? देश में एक हफ्ते से आंदोलन चल रहा है और जनता की संपत्ति का नुकसान हो रहा है। मैं राहुल और पूरी कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने इसकी निंदा की है? एक वक्तव्य भी दिया है? नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी अगर सीएए के दो ऐसे प्रावधान बता दें, जिनसे देश का नुकसान होता हो, तो देश का बहुत भला हो जाएगा।
आपकी दी हुई ताकत और मोदी जी की इच्छाशक्ति से बना कानून
नड्डा ने कहा कि देश में पिछले 50 सालों से नागरिकता संशोधन कानून की चर्चा होती रही, लेकिन कानून नहीं बन सका। इसे साकार किया मोदी की इच्छाशक्ति और अमित शाह की रणनीति ने। उन्होंने कहा कि इस कानून के पीछे इच्छाशक्ति भले ही मोदी की है, लेकिन उन्हें ये ताकत आपने दी है। नड्डा ने कहा कि मई के महीने में आपने मोदी को कमल का बटन दबाकर ताकत दी और अगस्त में कश्मीर से 370 हट गई, जिसके बारे में सिर्फ चर्चाएं होती थीं। मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से मुक्ति मिल गई। अब नागरिकता संशोधन कानून बना है, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हो रहे हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी आदि धर्मों के लोगों को भारत में सम्मान से जीने का हक देता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पाकिस्तान आई बहनों और बेटियों ने मुझे इंदौर में बताया था कि वहां हमारी संपत्ति लूट ली गई, हम मंदिर नहीं जा सकते, पूजा-पाठ नहीं कर सकते, त्योहार नहीं मना सकते। इतना ही नहीं वहां बेटियां उठा ली जाती हैं, उनका अपहरण किया जाता है, जबरदस्ती निकाह करा दिया जाता है, न माने तो हत्या कर दी जाती है। चौहान ने कहा कि भगवान ने इन लोगों को जिंदगी दी, मां ने जन्म दिया और धन्य हैं मोदी जिन्होंने इन्हें नया जीवन दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल का विरोध समझ से परे है। तकलीफ केवल सोनिया गांधी, कमलनाथ को ही क्यों है? क्या इन की आग में झोंक दें। चौहान ने कहा कि सोनिया जी आप महिला हैं, प्रधानमंत्री अगर बेटियों के सम्मान के लिए, उनका अपहरण तथा इज्जत से खिलवाड़ रोकने के लिए कानून बनाते हैं, तो आप उसका विरोध करती हैं। उन्होंने कहा कि यह वोटबैंक की राजनीति कांग्रेस को छोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान भाईयों-बहनों के खिलाफ इस कानून में कुछ भी नहीं है, लेकिन कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अगर एक संवैधानिक पद पर बैठकर संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कानून का विरोध कर रहे हैं, तो उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ देना चाहिए।
कानून पहले पास हो गया होता, तो लोगों को इतने कष्ट नहीं झेलना पड़तेः विजयवर्गीय
उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि तुष्टीकरण की नीति के खिलाफ हम जनसंघ की स्थापना कर रहे हैं। एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार करने का काम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह ने किया है। उन्होंने देश से बाहर रह रहे विस्थापितों के दर्द और पीड़ा को समझा है। विजयवर्गीय ने कहा कि यह कानून अगर पहले पास हो गया होता, तो लोगों को इतने कष्ट नहीं झेलना पड़ते। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस कानून के विरोध में झूठ बोलकर देश में अराजकता फैलाना चाहते है। देश को हिंसा की आग में झोकना चाहते है। ये लोग देश में एक नया पाकिस्तान बनाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएए कानून किसी को क्षति नहीं पहुंचाता और इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है। विजयवर्गीय ने कहा कि हमें एकजुट होकर इस कानून का विरोध कर रहे लोगों और कांग्रेस को जवाब देना है और देश की जनता विरोधियों को उनकी हैसियत बताएगी। इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव , सांसद शंकर लालवानी एवं राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मौजूद रहे।