काठमांडू तक दौड़ेगी अपनी रेल


हाजीपुर :  भारत और नेपाल सरकार ने रक्सौल ( भारत ) से काठमांडू ( नेपाल ) को रेलमार्ग से जोड़ने के लिए एक सर्वेक्षण करवाया ताकि आम लोगों को सीमापार यात्रा के लिए रेल सेवा मुहैया कराई जा सके साथ ही माल परिवहन भी सुचारू रूप से किया जा सके। बताते चलें कि रेलवे की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भारत और नेपाल के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में 31 अगस्त , 2018 को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।  यह वृहत रेल परियोजना है जिससे नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक व व्यापारिक संबंध प्रगाढ़ होंगे । रक्सौल से काठमांडू के बीच की दूरी लगभग 145 से 150 किलोमीटर है । सर्वेक्षण के अनुसार बीरगंज , निजगढ़ , शिखरपुर , सिसनेरी और काठमांडू जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को रेलमार्ग से जोड़ने के लिए रक्सौल से काठमांडू तक की यह रेल परियोजना लगभग 136 किलोमीटर लंबी होगी । इस परियोजना को इस तरह से प्रस्तावित किया गया है कि नेपाल के आरक्षित वनों , संरक्षण क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों को बचाया जा सके । प्रस्तावित रेल लाइन परियोजना में रक्सौल , बीरगंज , बगही , पिपरा , धूमरवाना , काकड़ी , निजगढ़ , चंद्रपुर , धीयाल , शिखरपुर , सिसनेरी , सथिकेल और काठमांडू सहित कुल 13 स्टेशन होंगे । इस खंड पर कुल 32 सड़क उपरी पुलों, 53 अंतरगामी पथों, 259 छोटे पुलों तथा 41 बड़े रेल पुल होंगे । इस रेलखंड में 39 सुरंगों का भी निर्माण किया जाएगा जिसकी कुल लंबाई 41.87 किलोमीटर होगी । इस नई रेल लाइन परियोजना की भूमि की लागत को छोड़कर कुल अनुमानित लागत लगभग 16,550 करोड़ रूपए ( भारतीय मुद्रा में ) है ।