महाप्रबंधक ने लाइफलाइन एक्सप्रेस में  नि:शुल्क ओपीडी सेवाओं का किया शुभारंभ

प्रयागराज।

बुधवार को महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे राजीव चौधरी ने प्रयागराज स्थित उत्तर मध्य रेलवे के सूबेदारगंज स्टेशन पर लाइफलाइन एक्सप्रेस की ओपीडी सेवाओं का शुभारंभ किया। भारतीय रेल, इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन और स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त पहल के रूप में लाइफलाइन एक्सप्रेस की शुरुआत विकलांग वयस्कों और बच्चों के लिए ऑन-द-स्पॉट नैदानिक, चिकित्सा और उन्नत सर्जिकल उपचार प्रदान करने के लिए वर्ष 1991 में हुई थी। यह सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों जहां चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां के लिए भारतीय रेल के माध्यम से चलित माध्यम वाला एक आउटरीच कार्यक्रम है । इन अतिआवश्यक सेवाओं को आम आदमी तक पहुंचाने के साथ ही,  लाइफलाइन एक्सप्रेस स्थानीय प्रशासन और वर्तमान स्वास्थ्य अवसंरचना और सेवाओं की दक्षता में सुधार करने के साथ-साथ ट्रेन के जाने के बाद कार्यक्रम और अनुवर्ती सेवाएं प्रदान करने के लिए स्थानीय निकायों को अधिक प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। लाइफलाइन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा 16 जुलाई 1991 को भारतीय रेल के तीन कोचों और इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन के उपकरणों के साथ प्रारम्भ की थी। इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन दुनिया भर के सात देशों में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन की भारतीय शाखा है, जिसका भारतीय मुख्यालय मुंबई में है। लाइफलाइन एक्सप्रेस ट्रेन विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए वातानुकूलित डिब्बों से बनी है। वर्ष 2007 में भारतीय रेलवे ने इस सेवा के लिए पांच नए कोच प्रदान किए। लाइफलाइन एक्सप्रेस  का पहला कोच एक पावर कार है जिसमें एक स्टाफ कम्पार्टमेंट और पेंट्री एरिया भी है। इसके अतिरिक्त गाड़ी में पीछे की तरफ 12-बर्थ वाला स्टाफ कंपार्टमेंट/क्वार्टर, किचन यूनिट, वॉटर प्यूरीफायर, गैस स्टोव, इलेक्ट्रिक ओवन और रेफ्रिजरेटर है। दूसरे कोच में मेडिकल स्टोर है, साथ ही दो आटोक्लेव इकाइयां शामिल हैं। इसमें एक ड्राइंग रूम भी है। ट्रेन में तीन ऑपरेटिंग टेबल वाला एक मुख्य ऑपरेशन थियेटर और दो टेबल के साथ एक दूसरा स्वयं-संचालित ऑपरेटिंग थियेटर  मौजूद है। ऑपरेशन थिएटर भी एक क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरा से लैस हैं, जिसका उपयोग स्थानीय डॉक्टरों को लाइव सर्जिकल प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाता है। मुख्य थिएटर के बगल में एक छः बेड का रिकवरी रूम है। इसके अतिरिक्त, ट्रेन में एक नेत्र परीक्षण कक्ष, एक दंत इकाई, एक प्रयोगशाला, एक एक्स-रे इकाई और एक बड़ी एल.सी.डी डिस्प्ले वाला एक सभागार है। ट्रेन में पब्लिक एड्रेस सिस्टम और क्लोज-सर्किट टीवी भी है। लाइफलाइन एक्सप्रेस विभिन्न चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें हड्डी रोग, नेत्र रोग,  सर्जिकल इंटरवेंशन, प्लास्टिक सर्जिकल करेक्शन,  मिर्गी,  परामर्श और रेफरल सेवाओं के साथ स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ संपर्क, टीकाकरण और अन्य निवारक उपाय शामिल हैं। 

भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क की सहायता से देश के दूरस्थ हिस्सों तकयह गाड़ी चिकित्सा सेवा पहुंचा चुकी है। लाइफलाइन एक्सप्रेस ने 19 राज्यों के 138 जिलों में 120 हजार से अधिक रोगियों को मुफ्त मेडिकेयर प्रदान किया है और पहियों पर चलने वाली दुनिया में पहली और इस तरह की सबसे बड़ी चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का गौरव इसे प्राप्त है। लाइफलाइन एक्सप्रेस की ओपीडी सेवा का उद्घाटन करते हुए   राजीव चौधरी ने कहा कि लाइफलाइन एक्सप्रेस  का रेलवे कॉलोनियों सहित निकटस्थ क्षेत्रों में पर्याप्त प्रचार किया जाना चाहिए ताकि इसका लाभ समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों तक पहुंचे।  18 दिसंबर 2019 से 8 जनवरी 2020 तक सूबेदारगंज स्टेशन पर अपने ठहराव के दौरान, लाइफलाइन एक्सप्रेस से प्रयागराज और इसके आसपास के जिलों के 10000 से अधिक रोगियों का इलाज करने की उम्मीद है । ऑन बोर्ड सुविधाओं के निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक  ने यह भी सुझाव दिया कि उपचार के लिए लाइफलाइन एक्सप्रेस में आने वाले मरीजों में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिये डिजिटल माध्यमों जैसे एलईडी टीवी आदि के उपयोग किया जा सकता है। महिलाओं के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता से संबंधित सुविधाओं और जागरूकता कार्यक्रम का ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन के डॉक्टरों और सदस्यों को यह भी आश्वासन दिया कि उत्तर मध्य रेलवे द्वारा लाइफलाइन एक्सप्रेस टीम को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि अधिकतम संख्या में लोग लाभान्वित हों।

इस अवसर पर प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आनंद टंडन, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष, मण्डल रेल प्रबंधक इलाहाबाद,  अमिताभ एवं इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन के डॉक्टर और सदस्य मौजूद थे|