लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा-निर्देश में प्रदेश में वर्ष भर कृषि एवं औद्योगिक उत्पाद की उपलब्धता, औद्योगीकरण तथा पर्यटन उद्योग के विकास की पृष्ठभूमि में जहाॅ एक ओर बड़े-बड़े होटलों तथा कैटरिंग संस्थानों का विस्तार हो रहा है, वहीं दूसरी ओर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित हो रहे हैं। कैटरिंग संस्थानों में एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को तकनीकी कर्मचारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षित बेरोजगार व्यक्तियों को खाद्य विज्ञान सम्बन्धी विधाओं में प्रशिक्षण देकर वर्तमान आवश्यकता की पूर्ति की जाती है। इसके लिए प्रदेश के 10 बड़े नगरों (वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, झाॅसी, गोरखपुर, कानपुर, अयोध्या, आगरा, बरेली तथा मुरादाबाद) में एक-एक राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित हैं। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एस0बी0 शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण केन्द्रों पर एक वर्षीय टेªड डिप्लोमा के खाद्य प्रसंस्करण में 150, एक वर्षीय ट्रेड डिप्लोमा बेकरी एवं कन्फैक्शनरी में 150, एक वर्षीय टेªड डिप्लोमा पाककला में 150, एक माशीय अंशकालीन बेकरी एवं कन्फैक्शनरी में 310, एक मासीय अंशकालीन पाककला में 250, एक मासीय सम्मिलित पाठयक्रम कुकरी, बेकरी एवं कन्फैक्शनरी तथा खाद्य संरक्षण में 500 कार्यक्रम संचालित किये जाते है। माह-नवम्बर, 2019 तक एक वर्षीय डिप्लोमा सत्र 2019-20 के विभिन्न ट्रेडों यथा खाद्य संरक्षण में 150 लक्ष्य के सापेक्ष 150 लोगों को, बेकरी एवं कन्फैक्शनरी टेªड में 150 लक्ष्य के सापेक्ष 145 एवं पाककला टेªड में 150 लक्ष्य के सापेक्ष 145 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है तथा एक मासीय प्रशिक्षण के विभिन्न टेªडों यथा बेकरी एवं कन्फैक्शनरी में 310 के सापेक्ष 233, कुकरी पाककला में 250 के सापेक्ष 205 तथा सम्मिलित कोर्स में 500 के सापेक्ष 210 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है।
प्रशिक्षण देकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को दिया जा रहा है बढ़ावा- केशव प्रसाद मौर्य