सरकार ने जनता की आवाज हिंसा से दबाने की कोशिश की - प्रियंका गांधी 

लखनऊ।  महात्मा गांधी जी ने अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ चम्पारण के किसानों को एकजुट किया, सरदार पटेल ने बारडोली के किसानेां को एकजुट किया और पं0 जवाहर लाल नेहरू ने उ0प्र0 की धरती पर उ0प्र0 के किसानेां को एकजुट करके स्वतंत्रता संग्राम को शक्ति दी। इसी तरह से मजदूरों के भी बड़े-बड़े आन्दोलन हुए। प्रत्येक कांग्रेसी को गर्व होना चाहिए कि कांग्रेस, जिसने हमें अपने देश की विभिन्न धाराओं को एकत्रित करके हमें एक ऐसा स्वतंत्रता संग्राम दिया जिसके द्वारा आज हम आजाद भारत में खड़े हो सके। हमें उन सब शहीदों के बलिदान पर गर्व होना चाहिए जिन्होने उस स्वतंत्रता संग्राम में अपना जीवन दिया। लेकिन सबसे बडा़ गर्व हमें इस बात पर होना चाहिए कि जो आन्दोलन कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाया गया, जिसके जरिए हमें आजादी मिली वह विश्व में ऐसा पहला आन्देालन था जो अंंिहसा और सत्य पर आधारित था। अब तक जितनी हुकूमतें और जितने और सामाज्यांे की शिकस्त हुई वे हिंसक आन्देालन के जरिए हुई थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन ने अंहिसा के माध्यम से एक साम्राज्य को शिकस्त दी।  

 शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के अवसर पर उ0प्र0 कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी मौजूद रहीं। प्रियंका की मौजूदगी और भाषण ने कांग्रेसियों को रिचार्ज करने का काम किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी का स्थापना दिवस है हमारी पार्टी का स्थापना दिवस है। इसी दिन कांग्रेस की शुरूआत हुई, किन हालातों में हुई यह आप अच्छी तरह जानते हैं। अंग्रेजी हुकूमत में देश में हमारे नागरिकों पर दमन और अन्याय किया जा रहा था। अपनी ही मातृभूमि पर, अपने ही भारत मंे   भारतीय लोगों को संघर्ष करना पड़ा, अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ा। इसी संघर्ष को उभारने के लिए, इसी संघर्ष के नेतृत्व के लिए कांग्रेस बनी। कांग्रेस पार्टी के लोगों ने इस देश के लिए त्याग और बलिदान दिया। स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिख हर जाति और धर्म के लोग, पुरूष और महिलाएं शहीद हुए। हमारे देश की धरती में हर धर्म और हर जाति का खून मिला हुआ है इसे अलग कोई नहीं कर सकता। आज देश की स्थिति यह है कि देश संकट में है, आपने देखा है कि पिछले दिनों मंे किस तरह की अराजकता फैली है हर शहर में देश के कोने-कोने में नौजवान, विद्यार्थी अपनी आवाज उठा रहे हैं उन कानूनों के खिलाफ, जो इस देश के संविधान पर वार कर रहे हैं जो इस देश के संविधान के खिलाफ है देश का नौजवान उठ रहा है उसकी आवाज उठ रही है लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती। दमन और भय द्वारा उन आवाजों को बन्द करना चाहती है। जब-जब देश मंे महान संकट पैदा होता है, जब-जब दमन की ताकत से लोगों की आवाज को दबाया जाता है, जब-जब भारतमाता की आवाज को रोका जाता है, तब-तब कांग्रेस उठती है और संघर्ष की चुनौती स्वीकार करती है। जब-जब भय का माहौल फैलाया जाता है, तब-तब कांग्रेस का कार्यकर्ता खड़ा होता है। क्यांेकि हम उस विचारधारा से उभरे हैं जो अहिंसा, करूणा और सत्य पर आधारित है। हमें कभी यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस के कार्यकर्ता के दिल में भय के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस के कार्यकर्ता के दिल में उसके कामों में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि हमारे दिल में अहिंसा और करूणा बसायी गयी है। हम इसी विचारधारा से उभरे हैं हम इसी विचारधारा की रक्षा करेंगे और इसी विचारधारा को आगे बढ़ायेंगे।
आज देश में वही शक्तियां सरकार चला रही हैं जिनसे हमारी ऐतिहासिक टक्कर रही है। एक दमनकारी विचारधारा है, फूट की विचारधारा है, आज भी हम उसी विधारचारा से लड़ रहे हैं जिनसे हम आजादी के समय लड़े। जिन्होने आजादी के संघर्ष में कोई योगदान नहीं दिया आज वह देशक्ति का नाम लेकर, अपने आपको देशभक्त कहकर देश भर में भय पैदा करना चाहते हैं। देश भर में फूट पैदा करना चाह रहे हैं। सी.ए.ए. और एन.आर.सी. जैसा कानून लाते हैं जो संविधान के खिलाफ है जब नौजवान आवाज उठाता है तो उसे दबाने की कोशिश की जाती है उसे मारा जाता है, पीटा जाता है।

प्रियंका ने जिक्र किया कि बिजनौर में 21 साल का लड़का जो दूध लेने जा रहा था प्रदर्शन भी नहीं कर रहा था अपने पिता के साथ खड़ा था पिता ने कहा कि बच्चे अभी मत जाओ, वहां से आवाजें आ रही हैं। काॅफी की मशीन चलाता था उसी के जरिए परिवार की मदद करता था परिवार की सहायता करता था। उसने कहा कि पिताजी 5 मिनट में आता हूं गली से निकलकर जाऊंगा, गली में गया तो पिताजी को 5 मिनट बाद पता चला कि किसी बच्चे की मौत हुई है। गोली लगी है एक काली जैकेट पहने हुआ लड़का गली में मरा पड़ा हुआ है जब उसके पिताजी भागे, भागकर उस गली में गये तो पता चला कि वह उनका अपना बच्चा है। अस्पताल में गये तो अस्पताल में कोई पता नहीं चला। पुलिसवालों ने धमकाया कहा कि अगर एफआईआर करोगे तो तुम्हारे खिलाफ केस लगायेंगे। उसको अपने गांव में, अपने शहर में वहां दफनाने नहीं दिया 40 किमी. दूर दफनाने को मजबूर किया। यह सरकार है आपकी? यह प्रशासन है आपका? उस लड़के की तरह तमाम बच्चों को प्रदेश में मारा गया है, जिसको जान से नहीं मारा उसे जेल में डाला, उसे लाठियों से पीटा, किसलिए? किसलिए पीटा, क्योंकि कि वह आवाज उठा रहे है? जो भी देश के संविधान के पक्ष में है वह सड़क पर आ गया है, किस तरह की सरकार है यह? किस तरह का प्रशासन है यह? आप सोच सकते हैं कि आज इसके खिलाफ अगर हम और आप आवाज नहीं उठायेंगे तो हम भी कायर कहलायेंगे। देश भर में आंदोलन चल रहा है। देखिए, जो डरता है वह दो चीजें करता है। वह अपने दुश्मन को हिंसा द्वारा पीटने की कोशिश करता है उसका मुंह बन्द करने की कोशिश करता है, और दूसरी चीज पीछे हटने लगता है यह दो चीजें कायरों की पहचान होती है। इस सरकार को देखिए, जनता ने आवाज उठायी तो कायरता से उस आवाज को दबाने की कोशिश की, हिंसा से उस आवाज को दबाने की कोशिश की।




उसके बाद क्या किया, सरकार पीछे हटने लगी, आज कहते हैं कि एनआरसी की कोई चर्चा नहीं है हम तो एनपीआर की बात कर रहे हैं,यह कायर की पहचान है। पहचानिये इन कायरों का,े जो देश भर में एनआरसी चर्चा फैलाकर आज कहते हैं कि चर्चा ही नहीं की। सरकार से कहना चाहूंगीं यह देश आपको पहचान रहा है। आपकी कायरता को पहचान रहा है और आपके झूठ बोलने से ऊब चुका है यह देश। इस देश को झूठ नहीं चाहिए, इस देश को सच्चाई चाहिए। देश के नौजवान, उ0प्र0 के नौजवान को सच्चाई चाहिए। इस असलियत को आप देखिए, कि किसान भटक रहा है अवारा पशुओं से तमाम किसान परेशान हैं चुनाव से पहले से हम चीख रहे हैं चिल्ला रहे हैं कुछ करिए, कुछ करिए, क्या कुछ किया है, कुछ नहीं किया? आज उ0प्र0 के गांव गांव में उतरिऐ, बड़े-बड़े मंचों से भाषण देने के बजाए देखिए किसान रो रहा है, उसका बकाया नहीं दिया, उसके उपज का दाम नहीं दिया, अवारा पशुओं से प्रताड़ित है, सरकार कुछ नहीं कर रही है।
प्रियंका ने कहा कि  महिलाओं से पूछिए, उन्नाव की उस लड़की के पिता से पूछिये जो मेरे सामने रोया है जिसने मुझे बताया है कि उसके परिवार पर क्या बीती है, प्रशासन ने क्या किया, जब उसकी बेटी ने कहा कि वह मुकदमा दायर करेगी। जब उसे रायबरेली जाना पड़ा क्योंकि उसका एफआईआर नहीं हो रहा था। हर रोज वह बच्ची अकेले टेªन में जाती थी उसके पिता को पीटा गया, उसके खेत जलाये गये, उसके भाई की 9 साल की बेटी को धमकाया गया। तुम घर के बाहर मत निकलो एक 9 साल की बच्ची को धमकाया गया, अंत में क्या हुआ। उस लड़की को जलाया, और वह पैदल जलते हुए वह एक किमी. चली और वहां गिर गयी। सरकार ने क्या किया? कोई गया वहां उसकी आवाज सुनने, उसके परिवार से मिलने क्यों नहीं गया? किसकी सरकार है? क्या यह जनता की सरकार है? महिलाओं की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन है इस प्रदेश में? यह कैसी सरकार है कैसा प्रशासन है? हर रोज महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार हो रहे हैं, रोज नौजवान लड़कियां जल रही है, अपने घर से निकलने, पाठशाला जाने के लिए डर रही है, कोई रक्षा करने वाला नहीं है। औरतों की सुरक्षा, मजदूरों का हाल, कर्मचारियेां की आवाज देखिए, क्या किया है, हमने सबकी आवाज उठायी। शिक्षा मित्रों को नौकरी से निकाला, पुलिस मित्र को आपने लगाया और सब आरएसएस के लोगों को? ये क्या बात हुई। आप सोचिए इस प्रदेश की सरकार, इस देश में जो सरकार चल रही है दोनों के खिलाफ अगर हम आवाज नहीं उठायें तो हम अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे।
आप सब कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, अगर आज यहां मौजूद हैं तो यह बहुत बड़ी बात है। क्योंकि कांग्रेस के लिए यह बहुत बड़े संघर्ष का समय है खासकर उत्तर प्रदेश में। मैं आप सबको धन्यवाद देना चाहती हूं कि जो रास्ता हमने पकड़ा है उसमें आप मेरा और जो प्रदेश की नई कार्यकारिणी है उसका पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। मैं यहां खड़ी होकर यह कहना चाहती हूं कि जहां नौजवान की उर्जा महत्वपूर्ण है वहां बुजुर्ग का अनुभव भी महत्वपूर्ण है। मैंने हर जिले के नये अध्यक्ष को, हर महासचिव को यही कहा कि सबसे पहले आप बुजुर्ग के पास जाइये सबसे पहले आप उनके अनुभव से सीखिए, उसके बाद नौजवानों को जोड़िए।
हमारा मकसद है जिस तरह से महात्मा गांधी जी, पं0 जवाहर लाल नेहरू जी और सरदार पटेल जी ने जनता को एकजुट किया और जनता की आवाज उठायी उसी तरह से हम भी उ0प्र0 की जनता को एकजुट करें उनकी आवाज उठाएं और हम भी उनके संघर्ष में शामिल हों आप सब यहां बैठे हैं जब तक आप जनता से सम्पर्क नहीं रखेंगें। जब तक आप घर-घर नहीं जायेेगे, उनका दुखदर्द नहीं बांटेगे उसकी समस्याओं को समझेंगे नहीं और उसको सलझाने के लिए संघर्ष नहीं करेंगे तब तक न आप आगे बढ़ पायेंगे और न पार्टी आगे बढ़ पाएगी।
प्रियंका ने कहा हमारा एक ही कार्य है और वह है जनता के प्रति। जहां महिला असुरक्षित हैं। ठीक है हम सरकार में नहीं है हम प्रशासन नहीं चला रहे हैं लेकिन हम मौजूद तो हो सकते हैं, उनके लिए खड़े तो हो सकते हैं। हम उसके परिवार की सुनवाई तो कर सकते हैं। जिस हद तक हम उसको सुरक्षा दे सकते हैं हम करेंगे, यही हमारा मकसद होना चाहिए, जहां किसान को प्रताड़ित किया जा रहा है, हम खड़े हो सकते हैं, जहां मजदूरों की समस्या है हम उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उसकी आवाज उठा सकते हैं। जहां विद्यार्थी परेशान हैं सड़क पर आ रहा है हम उसके साथ सड़क पर खड़े होकर उसकी आवाज उठा सकते हैं। हमेशा यह हम मन में रखें कि हम अहिंसा की विचारधारा से उपजे हैं हिंसात्मक कार्य कुछ नहीं करना। चाहे हम नाराज भी हों, वह नाराजगी अहिंसा के द्वारा, सत्य के द्वारा, लोगों को समझाने के द्वारा आगे आने चाहिए। यही हमारा कार्य है, यही हमारा कर्तव्य है। जहां तक हमारा प्रयास है हम संगठन को मजबूत करें बहुत लम्बा कार्य है, समय लगता है। हर जिले में जा-जाकर हर गांव में, हर ब्लाक में जा-जाकर कांग्रेस की आवाज मजबूत करना, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जोड़ना, नौजवानों को जोड़ना, आपका और हमारा काम है। हमने छोटी सी शुरूआत की है आपके समर्थन और आपकी सहायता के बिना यह कार्य पूरा नहीं हो सकता। आप सब दिन रात संघर्ष करें, समर्पित हों। आपने देखा है उ0प्र0 में दूसरी विपक्षी पार्टियां कुछ ज्यादा सहमी हुई हंै और डर रही हैं या और क्या बात है मुझे नहीं मालूम। लेकिन मैंने जैसा कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं। हम आवाज उठाते रहेंगे चाहे हमंे अकेले ही चलना हो। हमें यह तैयारी करनी है कि हम उ0प्र0 के अगले चुनाव में अकेले चलें, इसके लिए हमें बहुत मजबूती चाहिए।