भोपाल - नर्मदापुरम व भोपाल संभाग के 8 जिलों 41 जनपद पंचायतों 61 तहसीलों, 4198 ग्राम पंचायतों सहित 7592 ग्रामों की ड़ेढ करोड़ आबादी को उच्च न्यायालय जबलपुर की लम्बी दूरी के कारण समय पर सस्ता,सुलभ न्याय नहीं मिल पाने से परेशान है जिसके निराकरण हेतु होशंगाबाद नर्मदापुरम संभाग में उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापित करने की माॅग नागरिक अधिकार जनसमस्या निराकरण समिति के अध्यक्ष आत्मारामयादव ने राज्यपाल लाल जी टंडन के नाम एक ज्ञापन राजभवन में उनके कार्यालय मे दिया ।
नागरिक अधिकार जनसमस्या निराकरण कमेटी के अध्यक्ष आत्माराम यादव के अनुसार आजादी के 72 साल बाद जहाॅ सरकारें विकसित एवं सर्वसुविधायुक्त राज्य एवं शहर की कल्पना को साकार करने के लिये बड़े बड़े राज्यों की सीमायें कम कर अन्य नये राज्य बनाये है, बड़े जिलों की सीमायें कम कर नये जिले बनाये है उसी तरह नगरनिगमों, नगरपालिकाओं की सीमायें कम कर रही है। यही नहीं इसी प्रकार लोगों को सस्ते सुलभ न्याय उपलब्ध कराये जाने के साथ उनकी समय की बचत को ध्यान में रखते हुये समूचे देश के हर प्रदेश में जिला सत्र न्यायालय के अधीनस्थ तहसीलों में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीशों के न्यायालयों को स्थापित कर जिला सत्र न्यायालय के कार्यो की अधिकता को कम किया गया है ऐसी स्थिति में 6-7 सौ किलोमीटर की एक ओर की यात्रा करके जबलपुर उच्च न्यायालय पहुंचने वाले भोपाल संभाग के सभी जिलों एवं होशंगाबाद संभाग के तीनों जिलों के डेढ करोड़ नागरिकों के हित में है कि नर्मदापुरम संभागीयमुख्यालय होशंगाबाद में उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापित की जाये ताकि वे सभी प्रकार की कठिनाईयों से मुक्त हो सके। यादव के अनुसार जहाॅ एक ओर भोपाल संभाग 5 जिले में बॅटा है जिसमें भोपाल में 187 ग्राम पंचायतें,499 ग्राम व 3 तहसील व 2 जनपद है। भोपाल संभाग के सीहोर जिले में 497 ग्राम पंचायतें,1154 ग्राम,5 जनपद पंचायतें,9 तहसीलें है। इस संभाग के तीसरेे जिले रायसेन में 494 ग्राम पंचायतें,1593 ग्राम व 7 जनपद पंचायतें एवं 9 तहसीलें चैथे जिले राजगढ़ में 622 ग्राम पंचायतें,1840 ग्राम, 6 जनपद पंचायतें एव 7 तहसीलें सहित विदिशा जिले में 564 ग्राम पंचायतें,1817 ग्राम,7 जनपद पंचायतें एवं 11 तहसीलें है जिसकी आबादी 1 करोड़ 14 लाख है वहीं दूसरी ओर नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद,बैतूल एवं हरदा जिलों को मिलाकर बना है जिसमें होशंगाबाद जिले में 427 ग्राम पंचायतें,935 ग्राम,7 जनपदपंचायतें एवं 8 तहसीलें है वहीं बैतूल जिले में 556 ग्राम पंचायतें 1457 ग्राम,10 जनपद पंचायतें एवं 8 तहसीलें है तथा हरदा जिले में 198 ग्राम पंचायतें 539 ग्राम,3 जनपद एवं 6 तहसीलें है जिसमें 40 लाख के लगभग आबादी निवास करती है। इन दोनों संभागों में 41 जनपद पंचायतों एवं 61 तहसीलों के अंतर्गत 4,198 ग्राम पंचायतें तथा 7,592 ग्राम आते है। नागरिक अधिकार जनसमस्या निराकरण कमेटी के अध्यक्ष यादव के अनुसार 35 साल पहले 1987 मैं खंडपीठ की मांग उठी थी जिसमे आसपास के सभी जिले की कौर्ट एक साल् तक बंद रखी रही लेकिन भोपाल मे यह मांग पर आंदोलन करने वाले अधिवक्ता की असामयिक मौत के बाद यह आंदोलन दमनकारी नीति से कुचल दिया ओर नेता विहीन आंदोलन मे सबका मन टूट गया था । अब समय बदला है ओर दोनों संभागों की 75 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है जिनका व्यवसाय कृषि है। बेरोजगारी के कारण इन गाॅवों के लोगों को कृषि केे अतिरिक्त वन उपज और स्थानीय मजदूरों के रूपमें मजदूरी करनी पड़ती है तथा उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण होने की स्थिति में पहले ये अपने गाॅव से एक दिन पूर्व ही अपने जिला मुख्यालय पहुंचते है वहाॅ से भोपाल पहुचकर ये उच्च न्यायालय जबलपुर पहुंचते है ऐसे ही हरदा,बैतूल के लोगों के साथ होता है वे इटारसी पहुंचकर साधन तलाशते है और 6-7 सौ किलोमीटर का सफर एक ओर होने के साथ दूसरी ओर से उतना ही सफर और खर्च करने से इनका ज्यादा समय खराब करने के साथ आने-जाने,ठहरने के खर्च के अलावा वकीलों को मंुहमाॅगी फीस अदा करने के बाद भी समय पर निराकरण न हो पाने, प्रकरणों के लंबायमान रहने से सभी को सस्ते, सुलभ न्याय से वंचित होना होता है जो होशंगाबाद संभागीय मुख्यालय पर खण्डपीठ स्थापित किये जाने से लोगों की समस्याओं का निराकरण हो सकेंगा।
उच्च न्यायालय जबलपुर की खण्ड़पीठ नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद में स्थापित की जाये- यादव