विधायकों की बगावती रुख से सहमा भाजपा नेतृत्व!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।


मंगलवार को विधानसभा में अपने ही विधायकों से फजीहत हुई सरकार की निद्रा टूटी। जिसको लेकर भाजपा का शीर्ष प्रदेश नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंथन शुरू किया। विधानसभा के शीतसत्र के दौरान विधायकों के धरनाकांड पर पार्टी अलर्ट मूड में आ गयी। विधायक अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी और प्रदेश के महामंत्री संगठन सुनील बंसल से मिलेंगे। मंगलवार की शाम चार बजे से मुख्यमंत्री के सरकारी कार्यालय लोकभवना में विधायकों से मिलना प्रारंभ कर दिया हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री से मिलने वालों में कोई डेढ़-पौने दो सौ विधायक शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार शाम छह-सात बजे तक विधायकों की भेंट का समय आरक्षित कर दिया गया है। विधानसभा में भाजपा विधायकों का अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने की घटना को केंद्रीय नेतृत्व ने बहुत गंभीरता से लिया है। बताते हैं कि यूपी जैसे राज्य में विधायकों के असंतोष से पार्टी आलाकमान नरेंद्र मोदी और अमितशाह भी हिल गये हैं। नेतृत्व के ही निर्देश पर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री संगठन विधायकों से मीटिंग करने को तैयार हुए हैं। संयोग ही था कि जिस दिन विधायक सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद कर रहे थे उस समय प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के बाहर थे।अपनी ही सरकार में अधिकारियों के उत्पीड़न, अनदेखी और अपमान से परेशान विधायकों का गुस्सा अचानक नहीं फूटा है। जब विधायकों को मौका मिला तो उनका धैर्य टूट गया। हालांकि मुख्यमंत्री सेे जुड़े लोग यह भी प्रचारित कर रहे हैं कि पीड़ित विधायक नंदकिशोर गुर्जर को मुख्यमंत्री ने बुला कर कड़ा किया है। बताते हैं कि शाम को जब गुर्जर लोकभवना में मुख्यमंत्री से मिलने गये तो मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। जबकि गुर्जर ने बताया कि मैं किसी अन्य कार्य से आया था, मुझे मुख्यमंत्री ने बुलाया ही नहीं था। हालांकि मंगलवार को सदन में विधायक नंदकिशोर गुर्जर के साथ हंगामें में शामिल अन्य विधायकों को मुख्यमंत्री से जुड़े लोगों का फोन आया था। और वह मुख्यमंत्री से मिले भी, मुख्यमंत्री से मिल कर निकले एक विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कूल माइंड में कल सदन में हुए घटनाक्रम का पूरी जानकारी ली। हालांकि विधायकों ने मुख्यमंत्री से मिलने से पहले इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि जिस दिन पीड़ित विधायक ने अपनी पीड़ा और अफसरों की तानाशाही की बात सदन में उठायी उसी दिन पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद ने विधायक की हिस्ट्रीशीट जारी कर दी।