योगी सरकार को अल्टीमेटम है सदन में भाजपा विधायकों का बागी तेवर!        

  •  यूपी ने सदन के भीतर सत्तारूढ़ दल के विधायकों के धरने के नया इतिहास रचा

  • अफसरशाही से त्रस्त भाजपा के सैकड़ों सदस्य नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में उतरे 



 लखनऊ। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान लगभग ढाई बजे गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर द्वारा सदन में अपने बात रखने को लेकर खड़े हुए। सदन के शोर-शराबे में अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित संज्ञान नहीं ले पाये। एक अधिकारी द्वारा विधायक से दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर विधायक अपनी बात सदन में रखना चाहते थे। विधायक के खड़े रहने के बाद भी जब अध्यक्ष भाजपा सदस्य को बोलने का अवसर नहीं दिया तो विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस व अन्य फुटकर विपक्षी सदस्य भाजपा सदस्य के पक्ष में खड़े हो गए। विपक्षी विधायक यह कहते हुए वेल में आ गए कि जब अफसरों के उत्पीड़न से त्रस्त सत्तारूढ़ दल के सदस्य की बात सरकार नहीं सुनने को तैयार है तो औरों का क्या हाल होगा। बात तब तक बढ़ चुकी थी, भाजपा विधायक के समर्थन में पक्ष-विपक्ष के लगभग डेढ़ सौ विधायक इकट्ठा हो गये। बढ़ते हंगामे जे बीच अध्यक्ष ने सदन को 45 मिनट स्थगित कर दिया।हंगामा नहीं रुका तो पुनः 15 मिनट का स्थगन बढ़ा दिया।जब विधायकों ने अपनी जिद नहीं छोड़ी तो अध्यक्ष ने कल बुधवार तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया। इस बीच धरना देने वाले सत्तारूढ़ दल के विधायकों को उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, संसदीयकार्य मंत्री सुरेश खन्ना, गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने मनाने की कोशिश किये लेकिन विधायकों ने किसी की नहीं सुनी। फिर विधानसभा के एक हाल में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, संसदीयकार्य मंत्री सुरेश खन्ना, गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने भाजपा के 60 से 70 विधायकों से मंत्रणा किया। सूत्रों के अनुसार झारखंड के चुनावी दौरे से मुख्यमंत्री जब लौटेंगे तो इस मुद्दे पर विधायकों से उनकी मीटिंग होगी। जिसमें विधायकों का एक दल पूरे प्रकरण की जांच कर दोषी अधिकारियों डीएम-एसपी को सदन में तलब करेगा, उसके बाद यदि अधिकारियों पर विधायक के उत्पीड़न का आरोप सिद्ध हुआ तो सरकार कार्यवाही करेगी। ज्ञात हो कि गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने एक फूड इंस्पेक्टर के भ्रष्टाचार के मामले कि शिकायत किया था। जिसमें इंरपेक्टर द्वारा विधायक को कहा गया हमने आपके मंत्री को समझा दिया आप तो सिर्फ विधायक है। उस समय राज्यमंत्री अतुल गर्ग को उक्त फूड इंस्पेक्टर किसी मामले में अपने राजनैतिक रसूख के बल पर फजीहत करा चुका था। इससे उसका मन बढ़ा हुआ था। जब विधायक ने उक्त इंस्पेक्टर की शिकायत किया तो उसने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया। जिसमें पुलिस ने  विधायक को चार घंटे थाने में बैठाया, इस मामले में उनके प्रतिनिधि को जेल जाना पड़ा। विधायक का आरोप है कि पुलिस स्टेशन में भी उनके साथ अभद्रता की गयी। 


इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने दोका सामना को बताया कि हमारे पास विधायकों की कोई नोटिस नहीं आयी थी। अब सब ठीक हो गया है, कल सदन ग्यारह बजे से फिर चलेगा। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और नेता कांग्रेस विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने कहा कि उनके पास अफसरों से पीड़ित 179 विधायकों के हस्ताक्षर का पत्र है। इस सरकार में अफसर बेलगाम हो गये हैं।यह सरकार अपने ही विधायकों को अपमानित करवा रही है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और राजनैतिक प्रेक्षक मधुकर ने दोका सामना से कहा कि आज के विधानसभा की कार्यवाही अपने आप मे अलग इतिहास बना दिया। जब सत्तारूढ़ दल के सदस्य इतनी बड़ी संख्या में अपनी इज्जत बचाने के लिए वेल में धरना देने आ गए। यह योगी के कार्यप्रणाली के खिलाफ सुलगता बारूद है, समय रहते भाजपा नेतृत्व यदि इसे दबाया नहीं तो इसके फूटने के बाद भाजपा सरकार और संगठन में कई लोगों की कुर्सी चली जायेगी। बताते हैं कि इस बगावत की पीछे से पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ लोगों ने हवा दिया है।


https://youtu.be/MJj-wCx7B1U