बच्चों की मौतों में 65 से 70 प्रतिशत की कमी आयी - सिद्धार्थ नाथ सिंह

लखनऊ। मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज अखिलेश के गोरखपुर में जनवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच 1500 से ज्यादा बच्चों की मौत के दावे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि द्रुभाग्य या है कि अखिलेश यादव पांच साल मुख्यमंत्री रहे लेकिन आप को ये आजतक समझ नहीं आया की जेई और एइएस क्या है. और जो नीको के अंतर्गत जो बच्चों जन्मते है जिनको पोषण की कमी होती है. वो अलग है. अगर अखिलेश को ये अंतर समझ आ जाता तो आप के 2014 से गोरखपुर और पूरब के उत्तर  प्रदेश के बच्चो की दुर्भाग्य पूर्ण  मौते नहीं होतीं। मगर आप लोगों को राजनीती करनी है राज निति किसी भी चीज पर कर लो. आपको बच्चों की मौत पर भी राजनीती करनी है। 


2016 में जो  एइएस की घटनाएं मेँ जो मौतें होती थी आज वो 65 से 70 प्रतिशत कम हुयी है. और मामलों में  70 से 80 प्रतिशत की कमी आयी है.  जेई की घटनाओं में भी गिरावट आयी है जो अब न के बराबर है.  जेई की घटनाओं में कमी का कारण ये है की इसका वेक्सिनेशन हो सकता है. योगी सरक़ार ने  जेई  के खिलाफ मुहीम चलायी थी.   हम ने  2017 से 2019  तक 1 .5 करोड  वेक्सिनेशनश प्रोग्राम किये हैं. वही  एइएस के लिए ऐसी कोई बचाव की वेक्सिनेशन नहीं है. इसमें साफसफाई ही बचव है. 38 जिले odf किये गए. 66  लाख घरों में तीन चरणों में  दस्तक अभियान किया गया. केंद्र सरकार के  हर्षवर्धन बताते हैंकि  मैंने जो पोलियो को ख़त्म करने के लिए डब्लूएचओ के साथ जो प्रोग्राम किया था वो योगी जी की सरकार ने 11  विभगों की मदद से कार्य योजना बनाकर चलाया। शायद अखिलेश जी को ये समझ नहीं आया ये आप की राजनीती है. उन्होंने कहा कि आज कल उनकी लोगों को भ्रमित करने की राजनीती चल रही है. जिसे अंग्रेजी की कहावत मे स्पिट एंड रन कहा जाता है. उसमे कुछ वास्तविकता नहीं होती पर भ्रमित जरूर करते हैं. कल उन्होंने जो जई के बारे में कहा है उसमें सिर्फ झूठ ही कहा है. ये आंकड़े कहा से लाते हैं. ये वही जानें। हम लोगों ने अनेक मंच से यहां तक कि मैं खुद विधानसभा   में  बोल चूका हूँ. अंतर्राष्ट्रीय मीडिया भी उत्तर सरकार की  the safron man fought against encephalitis जैसी ख़बरों से तारीफ कर चुकी  है. लेकिन मैं कुछ आंकड़ें फिर से साँझा करूँगा।



सरकार ने जारी किया ए0ई0एस0/जे0ई0 प्रभावितों का आंकड़ा