भारतमाता के जयकारे से इतनी नफरत क्यों है ? : राकेश सिंह


ब्यावरा। महात्मा गांधी ने आजादी के बाद ठीक ही कहा था कि कांग्रेस को समाप्त कर देना चाहिए। 50-55 सालों तक सत्ता का सुख भोगने वाले कांग्रेसी नेता उन लोगों का समर्थन कर रहे हैं, जो भारत माता की जय बोलने वालों का अपमान करते हैं। यह देखकर गांधीजी का मस्तक भी शर्म से झुक गया होगा। उन्होंने कहा कि कलेक्टर और एसडीएम भारत माता की जय बोलने पर कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर, कॉलर पकड़कर मारती हैं,  राष्ट्रीय ध्वज पैरों से कुचला जाता है। भारतीय जनता पार्टी यह पूछना चाहती है कि भारतमाता के जयकारे से इतनी नफरत क्यों है? भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ में अगर हिम्मत है, तो प्रदेश की जनता को इस बात का जवाब दें कि सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वालों की जी हुजूरी क्यों की जाती है और शांतिपूर्ण समर्थन करने पर चांटे क्यों मारे जाते हैं। उन्होंने कहा कि ब्यावरा में सरकार ने सारी सीमाएं लांघ दीं। दिग्विजयसिंह से जनता पूछना चाहती है कि क्या भारतमाता का अपमान करने से कांग्रेस मजबूत होगी? सिंह ने कहा कि प्रदेश में अराजकता आसमान पर है। जनता से किया एक भी वादा इस सरकार ने पूरा नहीं किया। किसान कर्जमाफी का, युवा बेरोजगारी भत्ते का हिसाब मांग रहे हैं और मुख्यमंत्री चैन की नींद सो रहे हैं। एक जिले का कलेक्टर फेसबुक पर पोस्ट डालकर कहता है कि सीएए को लागू नहीं होने दिया जाएगा, वहीं दूसरी अधिकारी थप्पड़ मार रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अधिकारियों के माध्यम से गुंडागर्दी करके अपने कार्यकर्ताओं की कमी पूरा करना चाहते हैं, लेकिन यह गुंडागर्दी चलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजयसिंह सुन लें कि जब लोकसभा में दो सांसद थे, भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता तब भी नहीं डरा था और अब भी डरने वाला नहीं है। सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारी पर कार्रवाई करने की बजाय कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी सुन लें, भारतमाता को चुनौती देने वाले ज्यादा दिन तक सरकार में नहीं रह सकते और कांग्रेस की सरकार भी स्थाई नहीं है। हमारे पास नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जे.पी.नड्डा जैसा नेतृत्व है और कमलनाथ सरकार हमसे टकराने की कोशिश करेगी, तो उसे महंगा पड़ेगा। सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं पर बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है, इसके खिलाफ पार्टी 24 जनवरी को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि भारतमाता का सम्मान बढ़ाने, प्रदेश की जनता को न्याय दिलाने और प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को ताकत के साथ उतरकर संघर्ष करना है। 


भारत का कानून, संविधान किसी को यह अधिकार नहीं देता कि वह किसी को तमाचा मारे। क्या कलेक्टर या अन्य प्रशासनिक अधिकारी कानून से ऊपर हैं? किसने इन्हें यह अधिकार दिया। सत्ता के मद में चूर इन अधिकारियों ने भारतमाता की जय के नारे लगा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर केस बना दिये, लेकिन केस उन पर बनना चाहिए, जिन्होंने तिरंगे का अपमान किया है। इन्होंने हमारे कार्यकर्ता को नहीं, जनता को तमाचा मारा है। हमारी मांग है कि जिन्होंने जनता को, लोकतंत्र को और भारतमाता को तमाचा मारा हे, ऐसे कलेक्टर और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की जाए, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। यह बात बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ब्यावरा की जनसभा में विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कही। सभा को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संबोधित किया। सभा के उपरांत कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ एफआईआर के लिये आवेदन सभास्थल पर ही पुलिस अधिकारी को सौंपा गया।


हमें छेड़ने की कोशिश न करो, जब हम निकलते हैं तो इतिहास बदल जाते हैंः शिवराज सिंह


                सभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता किसी को छेड़ते नहीं हैं, लेकिन कोई हमें छेड़े, तो छोड़ते नहीं हैं। उन्होंने एक शेर की पंक्तियां पढ़ते हुए कहा कि ‘हमको छेड़ने की कोशिश न करो, जब हम निकलते हैं, तो इतिहास बदल जाते हैं।‘ चौहान ने कहा कि कलेक्टर मैडम ने क्या सोचा था कि कार्यकर्ता को थप्पड़ मार देंगे और हम चुपचाप बैठ जाएंगे, भारतमाता की जय बोलने पर थप्पड़ मारे जाएंगे और हम आखें बंद कर लेंगे। तिरंगे का अपमान होगा और हम घर में घुसकर बैठ जाएंगे। चौहान ने कहा कि मैं 10 बार चुनाव जीता हूं और तीन बार मुख्यमंत्री रहा हूं, लेकिन इतने सालों में ऐसा कलेक्टर नहीं देखा। कलेक्टर को किसने ये अधिकार दिया? लोकतंत्र में ये क्या तमाशा है कि जब चाहा हाथ चला दिया, थप्पड़ मार दिया। उन्होंने कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हम जुल्म के आगे झुकने वाले नहीं हैं। हम इंदिरा गांधी के आगे नहीं झुके, तो इनसे क्या डरेंगे।  चौहान ने कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन लोकतंत्र सदा रहने वाला है। इसलिए मैं सरकार में बैठे लोगों और अफसरों से कहना चाहता हूं कि नियम प्रक्रिया से काम करो,  नहीं तो जो अहंकार दिखा रहे हो उसे मिट्टी में मिला देंगे। उन्होंने कहा कि आज हम संकल्प लेते हैं कि कमलनाथ तुम्हारी अन्याय, अत्याचार भ्रष्टाचार और पाप की लंका को जलाकर राख कर देंगे। चौहान ने कहा कि कांग्रेस की इस सरकार ने मध्यप्रदेश को तबाह कर दिया। कोई वादा पूरा नहीं किया। सारी योजनाएं बंद कर दीं। बस, शराब की दुकानें खुलवाने का काम चालू हैं। प्रदेश को भ्रष्टाचार की चक्की में पीस दिया। तबादला माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया, शराब माफिया हावी हैं, चारों तरफ माफियाओं का राज है। माफिया के नाम पर छोटे दुकानदारों, ठेले वालों, खोमचे वालों को परेशान किया जा रहा है, भाजपा वालों के घर तोड़े जा रहे हैं। हम गरीबों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वालों को पूरी छूट है। भोपाल में मुख्यमंत्री रैली में शामिल होते हैं, तो धारा 144 हटा ली जाती है। यहां जब इस कानून के समर्थन में प्रदर्शन किया जाता है, तो प्रशासन गजब ढा देता है, नंगा नाच करने लगता है। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सुन लें, सीएए को संसद के दोनों सदनों ने पारित किया है और इसे लागू होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। चौहान ने कहा कि मुस्लिम भाइयों को इससे डरने की जरूरत नहीं है, यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए प्रताड़ित भाई बहनों को नागरिकता देने के लिये बनाया गया है।


शहीदों की तरह बलिदान देने को तैयार हैं भाजपा के कार्यकर्ताः गोपाल भार्गव


                गोपाल भार्गव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब लोग भारत माता की अस्मिता और बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान की रक्षा के लिये यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिये अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता  चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरू, अशफाक उल्ला खान की तरह बलिदान देने के लिये तैयार है।  भार्गव ने कहा कि शासकीय सेवा में आने के बाद कर्मचारी सिर्फ कर्मचारी होता है, उसे निष्पक्ष रहकर काम करना चाहिए। वैसे भी किसी को मारने का अधिकार किसी को भी नहीं है। संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कोई अधिकारी किसी कार्यकर्ता को लाठियों से पीटे। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कानून सभी के लिये एक समान है और प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भी किसी को थप्पड़ नहीं मार सकते। अगर मारते हैं, तो उन पर भी वही धारा लगेगी, जो आम आदमी पर लगती है और कलेक्टर पर भी वही धारा लगनी चाहिए। भार्गव ने कहा कि कमलनाथ सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं को दुर्भावना से निशाना बना रही है और यह एक ऐसी फिल्म है जिसके प्रोड्यूसर कमलनाथ और डायरेक्टर दिग्विजय सिंह हैं, हीरो-हीरोइन का नाम नहीं लेना चाहता। उन्होंने कहा कि यह फिल्म भाजपा के कार्यकर्ताओं को कुचलने करने के लिए बनी है। भार्गव ने कहा कि मोदी जी ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन शरणार्थियों के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया है, जिन पर अत्याचार हुए हैं, जिनकी बहन-बेटियों पर जुल्म हो रहा है। जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वे गद्दार हैं।


भाजपा कार्यकर्ताओं का खून इतना सस्ता नहीं कि सड़क पर बहाया जाएः विजयवर्गीय


                राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का खून इतना सस्ता नहीं है कि उसे सड़क पर बहाया जाए। मैं चेतावनी देता हूं कि कमलनाथ जी अगर आपने कार्यकर्ताओं से मारपीट करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं की,  तो पार्टी के कार्यकर्ता आपके और अधिकारियों के खिलाफ सीधी कार्यवाही करेंगे। विजयवर्गीय ने कहा कि हम डरने, झुकने, मिटने वाले नहीं हैं,  हम मिटाने वाले है और आज इस सरकार को मिटाने का संकल्प लेकर हम सब यहां से जायेंगे। विजयवर्गीय ने कहा कि मोदी ने जनता से किये गए वादे को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लोग गांधीजी के नाम पर वोटों की फसल काटते रहे, लेकिन उनके विचारों पर कभी नहीं चले। जिनका गांधी जी के विचारों से कोई तालमेल नहीं, उन्होंने गांधी सरनेम रख लिया। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने विभाजन के समय कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी जिसको भी परेशानी हो,  वह भारत आ सकता है। भारत उन्हें रोजगार के साथ नागरिकता भी देगा। लेकिन अब प्रजातंत्र के नाम पर लोग देश का अपमान कर रहे हैं और हमारे विश्वविद्यालयों में देश विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं, यह स्वीकार्य नहीं है।


                जनसभा को सांसद रोडमल नागर, जिलाध्यक्ष दिलबर यादव ने भी संबोधित किया। मंच पर राजवर्धन सिंह, कुंवर कोठार, नारायण सिंह, मोहन शर्मा, हजारीलाल दांगी, हरिचरण तिवारी, जगदीश पवार, ममता मीणा, दीपक शर्मा उपस्थित थे।