चिकित्सक को भगवान का रूप माना जाता है - केशव प्रसाद मौर्य




लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केेेशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में देश व प्रदेश में एक नयी क्रान्ति आयी है। चिकित्सा जगत के लोगों के सराहनीय और सार्थक प्रयासों से चिकित्सा के क्षेत्र में नये-नये अनुसंधान किये गये हैं। उन्होने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में अभी और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।  मौर्य ने चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों से अपील की कि वह उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवायें उपलब्ध कराने में और अधिक योगदान देकर कुछ और नया करने का प्रयास करें। उपमुख्यमंत्री आज स्मृति उपवन, लखनऊ में 63वीं आॅल इण्डिया कांग्रेस आॅफ आब्स्ट्रेटिक्स एण्ड गायनोकोलाॅजी काॅफ्रेन्स को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। 5 दिवसीय इस काॅफ्रेन्स का आयोजन फेडरेशन आॅफ आब्स्ट्रेटिक्स एण्ड गायनोकोलाॅजी सोसायटी द्वारा किया जा रहा है।

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उपमुख्यमंत्री ने कहा चिकित्सक भगवान का रूप होते है और वह अपने दायित्वों का निर्वहन अपने गौरवपूर्ण प्रोफेशन के तहत कर रहे हैं। उन्होने कहा कि इस काॅफ्रेन्स से स्त्री एवं प्रसूति रोग तथा बाल प्रजनन सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल होंगी। पूरे देश से आये चिकित्सकों के विचारों के आदान प्रदान से नयी-नयी चीजें सीखने व जानने का अवसर चिकित्सकों को मिलेगा, जिससे वे मानवता की सेवा करने में और अधिक सक्षम व समर्थ हो सकेंगे।  मौर्य ने चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने व आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में पूर्व की भांति अपना योगदान देते रहें। उन्होने कहा कि पर्यावरण संतुलन, जल संचयन व सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। गत वर्ष प्रयागराज में आयोजित कुम्भ के दौरान प्रधानमंत्री  ने स्वच्छता कर्मियों के चरण प्रखार कर यह साबित किया है कि स्वच्छता के प्रति वह कितना संवेदनशील हैं क्योंकि स्वच्छता रहने से बीमारियां कम होती हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उ0प्र0 में लोक निर्माण विभाग द्वारा हर्बल सड़कें बनाने का अभिनव प्रयास किया गया है इससे जड़ी बूटियों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होने कहा कि लोक निर्माण विभाग में सड़कों के निर्माण में बिटुमिन के साथ 10 प्रतिशत सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक का प्रयोग करने की शुरूआत की गयी है, इससे प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में मदद मिलेगी।
 मौर्य ने कहा कि कभी-कभी एक आदमी की गलती से पूरे चिकित्सक हड़ताल पर चले जाते हैं, मानवता की सेवा के लिये जरूरी है कि एक व्यक्ति की गलती से कोई ऐसा कदम न उठायें, जिससे आम जनमानस को परेशानी हो। उत्तर प्रदेश की सरकार व 23 करोड़ जनता की ओर से उन्होने इस आयोजन की सफलता शुभकामनाएं दी।  मौर्य ने कहा कि इस आयोजन के उपरान्त आयोजन में आये प्रतिभागी आयोजन की समीक्षा करें तथा कुछ और श्रेष्ठ करने के बारे में सोचें। उन्होने कहा कि कोई भी चिकित्सक नहीं चाहता कि उसका मरीज स्वस्थ होकर न जाय। इसलिये लोगों की आम धारणा चिकित्सकों के प्रति सकारात्मक होनी ही चाहिये।
काॅफ्रेन्स आयोजन समिति कि अध्यक्षा डाॅ0 चन्द्रावती व डाॅ0 प्रीति कुमार, डाॅ0 नन्दिता ने काॅफ्रेन्स को सम्बोधित करते हुये  उपमुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। गुजरात से आये डाॅ0 अल्पेश गांधी ने काॅफ्रेन्स की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस काॅफ्रेन्स में बड़ी तादाद में विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं तथा आज ही 10500 रजिस्टेªशन हो चुके हैं और लगभग 1200 पेपरों का प्रेसेंटेशन हुआ है। उन्होने कहा कि पर्यावरण संतुलन के बारे में भी आगे काॅफ्रेन्स किये जाने की इस सोसायटी की योजना है।
5 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आज 13 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य, नयी अल्ट्रासाउन्ड तकनीक, बच्चों की अनुवांशिक समस्याएं, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था, ब्लड प्रेशर, प्रसूता मृत्यूदर व मेडिकल शिक्षा जैसे विषयों पर चर्चा की गयी और लगभग 1200 शोधपत्र भी पढ़े गये। काॅफ्रेन्स में देश के 15000 स्त्री रोग विशेषज्ञ, लगभग 150 अन्तर्राष्ट्रीय फैकेल्टी भाग ले रहे हैं। आर्गनाईजिंग कमेटी की चेयरपर्सन डाॅ0 चन्द्रावती ने बताया कि फग्सी की बैठक हर एक साल होती है, 20 वर्ष बाद लखनऊ में यह आयोजन हो रहा है। मौजूदा समय में फग्सी के लगभग 36000 सदस्य हैं। इस काॅफ्रेन्स में सम्मिलित होने वाले सभी डाॅ0 वीमेन्स हेल्थ पर शपथ लेंगे।