चुनावों से डरी सरकार बैठा रही मनमाने प्रशासकः राकेश सिंह                  


 जबलपुर। कमलनाथ सरकार नगरीय निकाय चुनावों में जनता का सामना करने से डर रही है। उसे हार का डर सता रहा है। इसलिए उसने निर्धारित समय पर निकाय चुनाव नहीं कराए। अब सरकार निकायों में प्रशासक नियुक्त कर रही है,  ताकि वह चिन्हित अधिकारियों के माध्यम से अपने हिसाब से नगरीय निकायों का संचालन कर मनमाने निर्णय ले सके। कांग्रेस गलत हथकंडे अपनाकर चुनाव में उतरना चाहती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी प्रशासकों को किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं करने देगी। सरकार अगर मनमानी करती है, तो भारतीय जनता पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी। 


किसान परेशान,  सरकार सिंगल विंडो सिस्टम में व्यस्त


                  सिंह ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले एक साल से किसान परेशान है। भारतीय जनता पार्टी ने किसानों की समस्याओं को आवाज देने का काम किया है। पिछले एक वर्ष में भाजपा ने इसके लिए 16 आंदोलन किए,  जिनमें से अधिकांश किसानों की समस्याओं पर केन्द्रित रहे। भारतीय जनता पार्टी ने सरकार को समय-समय पर चेताया भी था कि वह धान खरीदी को लेकर किसानों की चिंता करे, लेकिन सरकार ने इस बात की कोई फिक्र नहीं की। आज किसानों का खुले में पड़ा धान सड़ रहा है। किसान खून के आंसू रो रहा है,  लेकिन प्रदेश सरकार को किसानों की कतई चिंता नहीं है। प्रदेश सरकार अपने ''सिंगल विंडो सिस्टम'' में व्यस्त हैं। सरकार का यह सिस्टम आमजन भी समझता है, जिसका नुकसान कांग्रेस सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा किसानों के साथ खड़ी है और हम फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।


कमलनाथ सरकार ने हर तबके को ठगा


                राकेश सिंह ने अतिथि शिक्षकों द्वारा दिये जा रहे धरने को लेकर कहा कि समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जिसे कमलनाथ सरकार ने झूठ बोलकर ठगा ना हो। चिकित्सा शिक्षक ही नहीं, अतिथि विद्वान, अतिथि शिक्षक, बेरोजगार युवा आदि हर वर्ग सरकार से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने चुनाव के समय इन सभी से जो वादे किए थे, एक साल पूरा होने पर भी उन्हें पूरा नहीं कर पायी है। उन्होंने कहा कि तबादला उद्योग के नाम पर जिस प्रकार से शोषण हो रहा है, वह निंदनीय है। तबादलों की फर्जी सूची निकाल दी जाती है, ताकि जिन लोगों के सूची में नाम हो वह आकर संपर्क करें, फिर उनसे मांग होती है। अगर मांग की पूर्ति ना हो तो उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार से हर वर्ग त्रस्त है। मध्यप्रदेश में आज अराजकता का माहौल है।