गन्ना मंत्री के क्षेत्र में ही किसानों को नहीं मिल रही पर्ची- गन्ना माफियाओं की ठाट- अनिल दुबे

 






मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि प्रदेश के गन्ना मंत्री के गृह क्षेत्र में पर्चियों के लिए गन्ना किसानों को बहुत किल्लत उठानी पड़ रही है। गेंहूँ की सिंचाई और शादियों के मौसम के कारण किसानों को नकदी की जरूरत पड़ रही है तो किसान दर-दर भटक रहा है।सहारनपुर मंडल में इस समय गन्ना किसानों के सामने पर्ची न मिलने की बड़ी समस्या है। मुजफ्फरनगर और शामली के किसान परेशान हैं। काफी भागदौड़ करने के बाद भी किसानों की इस समस्या का कोई भी हल होता नजर नहीं आ रहा है। दूसरी ओर मिल प्रशासन और गन्ना समिति की मिलीभगत से गन्ना माफिया चांदी काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनपद के कई मिल क्षेत्रों में प्राइवेट सेंट्रो पर गन्ना माफिया किसानों से 200 रुपये प्रति कुंटल के हिसाब से गन्ना खरीद कर उसे जनपद की ही मिलों में बेच रहे हैं। दुर्भाग्य से प्रदेश के गन्ना मंत्री इसी क्षेत्र से हैं। इस पूरे खेल में किसान को जबरदस्त घाटा उठाना पड़ रहा है। पर्ची न मिलने की वजह से किसान प्राइवेट सेंट्रो पर केवल 200 रुपये प्रति कुंतल गन्ना डालकर लगभग  125-30  प्रति कुंटल के हिसाब से घाटा सहन कर रहा है। जनपद में प्राइवेट सेंटरों के माध्यम से जो लोग गन्ना खरीद रहे हैं अगर उनकी जमीन की जांच की जाए तो पता चलेगा कि उनके पास इतनी जमीन नहीं है।जितनी गन्ना समिति और मिल प्रशासन उन्हें पर्चियां जारी कर रहा है। फिलहाल किसानों के साथ हो रहे इस खेल पर सब मौन हैं। राज्य सरकार यदि जल्द से जल्द किसानों का पूरा-पूरा भुकतान कराये नहीं तो राष्ट्र्रीय लोकदल सड़क पर फैसला करायेगा।