जेएनयू में तांडव, 20 घायल


नई दिल्ली।









दिल्ली के जेएनयू कैंपस में रविवार को 50-60 नकाब पोशों ने परिसर में तोड़ फोड़ की और छात्र छात्राओं को पीटा जिसमें 20घायल हुए।

 

आपको बताते चलें कि जेएनयू कैंपस में प्रवेश के लिए सिर्फ 2 ही दरवाजे आम तौर पर खुलते हैं जिसमें एक प्रवेश व दूसरा निकासी द्वार है। गाड़ियों की एंट्री  के लिए एक गेट से पास जारी किया जाता है और निकासी के वक्त दूसरे गेट पर वो पास जमा करना होता है।

जेएनयू में 300 -350 प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड है जिन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं।


साधारण लोगों को  जेएनयू कैंपस में प्रवेश के लिए कैंपस के अंदर से फोन पर सिक्योरिटी गार्ड को बात करनी होती है व आईडी प्रूफ भी देना पड़ता है।


सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली है कि जेएनयू में दोपहर 2-3 के बीच ये लोग अलग अलग कैंपस में दाखिल हुआ और एक जगह पर मिल कर,  नकाब पहनकर और फिर रजिस्ट्रेशन (2200 छात्रों ने सेमेस्टर के ऑन लाइन फॉर्म भरा जाना था।) के लिए साबरमती हॉस्टल में इकट्ठे  छात्रों पर लाठी डंडों, लोहे की छड़ी व हथौड़ों से हमला किया गया। प्रत्यक्ष दर्शियों का आरोप यह भी है कि  अधेड़ उम्र के उपद्रवी जेएनयू के बाहर से आए थे, जिसमे लड़कियां भी थीं। परिसर में तोड़ फोड़ की, किसी का सिर फोड़ दिया, कई लड़कियों को निजी अंगों पर प्रहार किया गया तथा उनको बालों से पकड़ कर घसीटा गया। ये तांडव 3 घंटे तक चला। 

 


शाम को जेएनयू कैंपस के बाहर लगभग 1 किलोमीटर तक लाइट बंद थी। और उस अंधेरी सड़क पर लोगों को ढूंढ ढूंढ कर कूटा गया, जिसमें मीडिया कर्मी भी थे। और पुलिस नदारत.........



खास बात ये भी है कि वो 50-60 लोग आधुनिक हाई सिक्योरिटी सीसीटीवी जेएनयू कैंपस में दाखिल हुए लगभग 3 घंटे तांडव किया और फिर कहां गायब हो गए किसी को पता नहीं।

 

घटना के बाद

लिफ्ट, एबीवीपी पर और एबीवीपी, लिफ्ट पर आरोप लगा रहे थे।

एक गुट आजादी के नारे लगा रहा था और एक गुट भारत माता की जय के नारे लगा रहा था।



जेएनयू का पूरी दुनिया में नाम विख्यात है। पर इस बार बदनाम हो गया.......