मंत्री सुरेश राणा के गनर के मौत की गुत्थी सुलझी

 


वशीकरण हुई ताबीज फेल तो गिरफ्तार मौलवी ने आत्महत्या के लिए किया प्रेरित


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।गन्ना मंत्री सुरेश राणा के गनर आशीष चौधरी की मौत की गुत्थी सुलझ गई है। प्रेमिका से धोखा खाये सिपाही ने दुआ-ताबीज वाले मौलाना के जाल में फंस कर आत्महत्या कर ली थी। मुजफ्फरनगर के रामपुरी में रहने वाले एक मौलवी ने सिपाही को खुदकशी के लिए उकसाया था। पुलिस ने मौलवी को गिरफ्तार कर लिया है।मवाना थाने के गांव खेड़ी मनिहार में मंगलवार सुबह सिपाही आशीष चौधरी ने खुदकशी की थी। परिवार के लोगों ने करीब दो घंटे तक घटना को छिपाए रखा। शव के पास से तमंचा भी गायब कर दिया। फारेंसिक जांच रिपोर्ट में सामने आया कि आशीष चौधरी ने खुदकशी की है। क्राइमसीन पर कोई संघर्ष के निशान भी नहीं मिले। पुलिस ने आशीष चौधरी के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली। उसने अंतिम कॉल मुजफ्फरनगर के रामपुरी में रहने वाले मौलवी फैयाज पुत्र शब्बीर को की थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने मुजफ्फरनगर से मौलवी को पकड़ लिया। उसने बताया कि आशीष एक युवती से प्रेम करता था। युवती ने उससे शादी करने से इंकार कर दिया। वह ऐसा ताबीज मांग रहा था, जिससे युवती उसके पक्ष में हो जाए। उसे उपचार दिया गया था। उसके बाद भी युवती उसके पक्ष में नहीं आई। तब वह मानसिक रूप से परेशान हो गया था। पुलिस के मुताबिक, इसी प्रेमिका को लेकर आशीष और उसकी पत्‍नी में विवाद हुआ था। इस कारण दोनों अलग हो गए। आशीष के परिवार ने उसके ससुराल पक्ष के लोगों को 22 लाख रुपये देकर समझौता कर लिया था। पुलिस का कहना है कि पत्‍नी से आशीष हमेशा के लिए अलग हो गया, उधर प्रेमिका ने शादी से इंकार कर दिया। इसी बात से क्षुब्ध होकर उसने आत्महत्या कर ली।एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सिपाही से मौलवी ने एक हजार रुपये लिए थे, कहा था कि उसकी प्रेमिका की दूसरी जगह शादी होने वाली है। प्रेमिका के शादी से इंकार करने पर आशीष परेशान हो गया था। उसे मौलवी ने आत्महत्या के लिए उकसाया। मौलवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। तमंचा बरामद करने के लिए पुलिस की टीम लगी हुई है।सिपाही आशीष के पिता संजीव चौधरी ने बताया कि उन्होंने अज्ञात में तहरीर थाने पर दी थी। पुलिस का देर रात करीब 11 बजे ग्राम प्रधान पर फोन आया था। बेटे के संपर्क में मौलवी कब आया और कैसे पकड़ा गया इसकी कोई जानकारी नहीं है। परिवार के लोगों ने गमगीन माहौल में सिपाही का अंतिम संस्कार कर दिया।